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UP MLC Election 2022: भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने किया नामांकन, कहा- BJP की ही होगी जीत
UP MLC Election 2022: रायबरेली जनपद में भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने नामांकन किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जीत भाजपा की ही होगी।
UP MLC Election 2022: यूपी में एमएलसी चुनाव (MLC Election) के लिए सोमवार से नामांकन प्रक्रिया (UP MLC Election Nomination) शुरू हो चुकी है। इस बीच रायबरेली जनपद (Raebareli) में स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह (Dinesh Pratap Singh) ने नामांकन किया है। इस दौरान एमएलसी पद के भाजपा प्रत्याशी दिनेश सिंह ने अपनी जीत को लेकर आश्वस्त रहते हुए कहा कि जीत भाजपा (BJP) की ही होगी।
वहीं, यह पूछे जाने पर कि आप कांग्रेस (Congress) से एमएलसी रहे हैं, इस बार आप भाजपा से नामांकन कर रहे हैं तो कांग्रेस से कोई प्रत्याशी ही मैदान में नहीं ऐसा क्यों? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो कांग्रेस ही दे सकती है। जहां तक मेरा सवाल है, मैं भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी हूं। सबका सम्मान करता हूं और बदले में सम्मान पाता हूं। यहां से भाजपा जनता पार्टी को जीत मिलेगी क्योंकि सीएम योगी ने पंचायत प्रतिनिधियों की मीटिंग कर उनके अधिकार बढ़ाए हैं। मेरा भी प्रयास यही रहेगा कि पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मान मिलता रहे।
एमएलसी चुनाव नामांकन की तिथि बदली गई
आपको बता दें यूपी में एमएलसी चुनाव नामांकन की तिथि (MLC Election Nomination Date) को आगे बढ़ाया गया था। पहले नामांकन की प्रक्रिया 19 मार्च से शुरू होने वाली थी, जिसे बढ़ाकर 21 मार्च कर दिया गया। होली की छुट्टी की वजह से चुनाव आयोग (Election Commision) ने इन तारीखों को बढ़ाया था।
प्रदेश में 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन 15 मार्च से शुरू हुआ था। इन सीटों के लिए 9 अप्रैल को चुनाव होगा और नतीजे 12 अप्रैल को आएंगे। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं जिनमें से अभी समाजवादी पार्टी का बहुमत है।
विधान परिषद की 100 सीटों पर होता है अलग-अलग चुनाव
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं। जो एमएलसी चुने जाते हैं उनका कार्यकाल 6 साल का होता है। यहां पर अलग-अलग तरीके से एमएलसी चुनकर विधान परिषद पहुंचते हैं। 100 में से 36 सीटें स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि द्वारा चुनाव किया जाता है। इसके अलावा 8-8 सीट शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के लिए आरक्षित है, 10 सीट अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए आरक्षित है। इनका चयन राज्यपाल द्वारा किया जाता है। राज्यपाल ही विधान परिषद के रूप में इन्हें मनोनीत करता है। बाकी बची 38 सीटों पर विधानसभा के विधायक वोट करते हैं और विधान परिषद के विधायक चुनते हैं।
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