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UP MLC Election 2022: वोटरों की खरीद और भितरघात के खेल के साथ चरम पर एमएलसी चुनाव, जानें क्या होगा परिणाम

UP MLC Election 2022: यूपी एमएलसी पद के लिए चुनाव लड़ने वाले सपा और भाजपा के प्रत्याशियों का प्रचार अभियान तेज हो गया है। सपा से डॉ मनोज कुमार यादव तो भाजपा से बाहुबली नेता और माफिया धनंजय सिंह में सीधी टक्कर है।

Kapil Dev Maurya
Report Kapil Dev MauryaPublished By Deepak Kumar
Published on: 29 March 2022 11:41 AM GMT
SP candidate Dr Manoj Kumar Yadav and BJP Candidate Dhananjay Singh
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डॉ मनोज कुमार यादव और धनंजय सिंह। 

Jaunpur News: जनपद में एमएलसी पद के नामांकन के बाद जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है। एमएलसी पद के लिए चुनाव लड़ने वाले सपा और भाजपा के प्रत्याशियों का प्रचार अभियान तेज हो गया है। सपा-भाजपा की सीधी लड़ाई में दोनों प्रत्याशी अपनी जीत के प्रति अश्वस्त है। हालांकि जिले में सपा-भाजपा के अलांवा एक निर्दल प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में ताल ठोंके है, लेकिन उनका कोई मतलब नहीं है। इसलिए यह लड़ाई दो दलों के बीच सीधी हो चुकी है। चुनाव को पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराने के लिए आयोग ने जिला प्रशासन के जरिये पूरी तैयारी तो की है। वोटो की खरीद फरोख्त को आयोग के द्वारा बैठाये गये प्रेक्षक रोक पाने में असमर्थ नजर आ रहे है।

बता दें एमएलसी पद के लिए चुनाव (UP MLC Election 2022) हेतु मतदान 09 अप्रैल 2022 को जनपद के 22 मतदान केन्द्रों पर सम्पन्न कराया जायेगा। यहां पर सपा से डॉ मनोज कुमार यादव (SP candidate Dr Manoj Kumar Yadav) तो भाजपा से बाहुबली नेता और माफिया धनंजय सिंह (BJP Candidate Dhananjay Singh) के खास सिपह सालार एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू चुनाव मैदान में जोर आजमाइश कर रहे है। इन दो ताकतों के बीच निर्दल प्रत्याशी भानु प्रकाश सजनी हमहूं राजकुमार की तर्ज पर भाग्य आजमाने आये हुए है।

जिले में 4030 जनप्रतिनिधि मतदाता

यह भी बता दें कि एमएलसी के इस चुनाव (UP MLC Election 2022) में जिले के अन्दर चुने हुए 4030 जनप्रतिनिधि मतदाता है जो जो ग्राम पंचायत से लेकर देश की सर्वोच्च पंचायत के सदस्य है। इसमें 2240 पुरुष और 1790 महिला मतदाता है। जो एमएलसी चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने को अहर्य है और मतदान भी करेंगे। मतदान केंद्र वाइज नजर डाली जाये तो सुईथाकलां में 172, तहसील मुख्यालय शाहगंज पर 310, विकास खण्ड खुटहन पर 204, तहसील बदलापुर मुख्यालय पर 215, महराजगंज 169, बक्शा 200, करंजाकला 204, एसडीएम सदर कोर्ट 148, धर्मापुर 84, मुफ्तीगंज 116, तहसील मुख्यालय केराकत 175, डोभी 153, जलालपुर 144, सिरकोनी 151, तहसील मुख्यालय मड़ियाहूँ 221, सिकरारा 169, तहसील मछलीशहर मुख्यालय 222, सुजानगंज 203, नगर पालिका मुंगराबादशाहपुर 205, बरसठी 186,रामनगर 205, रामपुर 181 मतदाताओ को वोट मतदाता सूची के अनुसार माना जा रहा है।

चुनाव में वोटों के खरीद फरोख्त का खेल

इस चुनाव में वोटों के खरीद फरोख्त का खेल सभी प्रत्याशियों के स्तर से किया जा रहा है, लेकिन आयोग द्वारा भेजे गए प्रेक्षक इससे बेखबर है। खबर तो यह है कि ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक पंचायत और नगर पंचायत के सदस्यों की बोली 50 हजार रुपये तक पहुंच गई है कौन कितना खरीदेगा यह तो गणना के बाद साफ होगा, लेकिन खरीद फरोख्त का सिलसिला शुरू हो चुका है। सपा प्रत्याशी के साथ समाजवादी पार्टी ने एक टीम बना कर इस खरीद फरोख्त के खेल में लगाया है, तो भाजपा प्रत्याशी की तरफ से पार्टी जनों की टीम के साथ साथ बाहुबली नेता धनंजय सिंह खुद लगे हुए है। क्योंकि बृजेश सिंह प्रिंसू धनंजय सिंह के हर चुनाव से लेकर सभी कार्यो में साये की तरह खड़े रहते रहे है। जन मत है कि इस तरह के चुनाव में जहां वोट बिकने को तैयार है बाहुबली नेता धनंजय सिंह का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है इसे उन्होंने विगत कई चुनावों में साबित भी किया है।

यादव मतदाताओं की संख्या 1900 के आसपास

मतदाताओ के जातीय समीकरण जो उभर कर सामने आये है उसके अनुसार ग्राम पंचायत से लेकर देश की पंचायत तक खास कर यादव मतदाताओं की संख्या अकेले 1900 के आसपास है। अगर अल्पसंख्यक मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 2100 के आसपास पहुंच जाती है। शेष 1830 में क्षत्रीय, ब्राह्मण,अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति के मतदाताओ की संख्या है। इस तरह 2100 सपा के मतदाता माने जा रहे है। लेकिन खरीद फरोख्त के इस खेल में क्या होगा कहना बेहद कठिन है। मतदाता अपनी कीमत पाने को बेकरार है जो खरीदने में सफल होगा ताज उसी सर हो सकता है। यहां एक चर्चा और भी जरूरी है कि विगत कुछ समय पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा और निर्दल धनंजय सिंह की पत्नी चुनाव लड़ी थी। जिसमे सपा ने दावा किया कि उसकी संख्या 42 है और नेतृत्व के समक्ष परेड भी हुई जब परिणाम आया तो श्रीकला धनंजय सिंह जिनके पास एक वोट था वह चुनाव जीत गयी और 42 वोटों का प्रदर्शन करने वाली सपा को महज 12 वोट मिले थे। इस चुनाव में शाहगंज के नव निर्वाचित विधायक की पत्नी अघोषित रूप से भाजपा की प्रत्याशी थी और पराजय मिली थी।

यहां एक बात और भी ध्यान देने वाली है कि इस चुनाव में भितरघात का भयानक खेल दोनों दल में होने की प्रबल संभावनाएं है क्योंकि अवसर मिलने पर राजनीति में बदला बड़ा भयानक लिया जाता है और जौनपुर जनपद के एमएलसी चुनाव में दोनों दल के प्रत्याशियों के खिलाफ भितरघात की बू आने लगी है। ऐसे में जीत का सेहरा किसके सर होगा अभी कहना कठिन है।

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Deepak Kumar

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