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UP MLC Election 2022: सोमवार को विधानपरिषद सीटों के निर्विरोध निर्वाचन की होगी घोषणा
UP MLC Election 2022: यूपी विधानपरिषद की 13 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए 14वें प्रत्याशी की तरफ से नामांकन न किए जाने के बाद अब इसके लिए मतदान नहीं होगा।
UP MLC Election 2022: यूपी विधानपरिषद की 13 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए 14वें प्रत्याशी की तरफ से नामांकन न किए जाने के बाद अब इसके लिए मतदान नहीं होगा। वापसी की तारीख 13 जून है। इसके बाद भाजपा के नौ और सपा के चार प्रत्याषियों को विजय घोषित कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इन सभी सीटों पर 20 जून को मतदान होना था। 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 13 जून को नामांकन पत्र वापसी की तिथि खत्म होने पर उसी दिन निर्वाचन की घोषणा कर दी जाएगी।
आज भाजपा के प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इन सभी नौ प्रत्याशियों मुकेश शर्मा, बनवारी लाल दोहरे, जेपीएस राठौर, दानिश आजाद अंसारी, चौधरी भूपेंद्र सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, केशव प्रसाद मौर्य, जसवंत सैनी का एमएलसी बनना तय है जबकि एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के चार प्रत्याषी अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं। भाजपा ने समाज के हर जाति वर्ग को अपनी सूची में जगह दी है, चार ओबीसी, एक ब्राहमण, एक दलित, एक मुस्लिम और एक क्षत्रिय को विधान परिषद भेजा है।वहीं समाजवादी पार्टी ने दो ओबीसी और दो मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। सवर्ण समाज के किसी भी नेता को चुनाव में न उतारे जाने से पार्टी का एक वर्ग नाराज बताया है।
गौरतलब है कि यूपी एमएलसी चुनाव में विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा का पलड़ा भारी था। जबकि समाजवादी पार्टी को अपने विधायकों को लेकर क्रासवोटिंग का भी डर था। समाजवादी पार्टी ने दो मुसलमानों को इसमें शामिल किया है। अंसारी समाज को खुश करने के लिए सीतापुर के जासमीन अंसारी तथा सहारनपुर से शाहनवाज खान को मौका दिया है।
शाहनवाज खान मो आजम खां के नजदीकी माने जाते हैं। इसके अलावा अखिलेश यादव ने एक बडा दांव चलते हुए करहल सीट खाली करने वाले सोबरन सिंह यादव के बेटे मुकुल यादव को प्रत्याशी बनाया हौ। जबकि चुनाव हार चुके और भाजपा छोड सपा में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को उच्च सदन में भेजने का काम किया है।
उधर सात मंत्रियों को विधानपरिषद में भेजने के साथ ही भाजपा ने कन्नौज में असीम अरुण के लिए अपनी सीट छोडने वाले बनवारी लाल दोहरे को मौका दिया है। इससे पार्टी ने एक तीर से निषाने मारे हैं। एक तरफ उनके प्रभाव को बनाए रखने की कोशिश की गयी साथ ही कार्यकर्ताओं में भी एक बेहतर संदेश देने का काम किया गया है। इसके अलावा महानगर के अध्यक्ष मुकेश शर्मा को टिकट देकर नए कार्यकर्ताओं में उत्साह बढाने का काम किया गया है। मुकेश शर्मा केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी कहे जाते हैं।