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UP MLC Election: बीजेपी विधानसभा का चुनाव हारने वाले नेताओं को नहीं देगी टिकट, इन्हें मिलेगा मौका!

UP MLC Election 2022: उत्तर प्रदेश में 36 विधान परिषद की सीटें खाली हुई है जिनमें अब चुनाव होना है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 14 March 2022 6:36 PM IST (Updated on: 14 March 2022 6:41 PM IST)
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एमएलसी चुनाव (फोटो-सोशल मीडिया)

UP MLC Election: यूपी विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। सत्ता में दोबारा वापसी करने के बाद बीजेपी के हौसले जहां बुलंद है, अब एमएलसी चुनाव को लेकर वह अपनी रणनीती तैयार करने में जुट गई है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा का चुनाव हारने वाले नेताओं को मैदान में नहीं उतारेगी इनकी जगह संगठन में काम करने वाले और कुछ नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।

बता दें विधान परिषद के चुनाव विधानसभा के साथ ही होने वाले थे लेकिन सियासी दलों की मांग पर चुनाव आयोग ने इसे आगे बढ़ाया था।अब नतीजे आने के बाद विधान परिषद चुनाव की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।

नए चेहरों को मैदान में उतारा

आपको बता दें उत्तर प्रदेश में 36 विधान परिषद की सीटें खाली हुई है जिनमें अब चुनाव होना है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ ही समाजवादी पार्टी पूरी दमदारी के साथ मैदान में उतरने की रणनीति तैयार कर रही है।

कहा जा रहा है की बीजेपी विधानसभा का चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों को विधान परिषद के चुनाव में मौका नहीं देगी उनकी जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा। इससे कुछ बड़े चेहरे को धक्का लगेगा क्योंकि यूपी में कई मंत्रियों के साथ ही कई दिग्गज चुनाव हार गए हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से एमएलसी का चुनाव लड़ने का ख्वाब पाले बैठे नेताओं को यह एक झटका हो सकता है।

यूपी में दो चरणों में होगा एमएलसी का चुनाव

बता दें 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव के लिए 15 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले चरण के लिए नामांकन 19 मार्च तक किए जाएंगे 21 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 23 मार्च तक नाम वापस लिए जाएंगे। इससे पहले भी जिन लोगों ने नामांकन कर लिया था वह नामांकन भी मान्य होगा। दूसरे चरण में 6 सीटों के लिए 15 मार्च से 22 मार्च तक नामांकन किए जाएंगे, 23 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 25 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। सभी सीटों पर एक साथ 9 अप्रैल को मतदान होगा।

12 अप्रैल को इनकी गिनती होगी मौजूदा समय में विधान परिषद में सपा का बहुमत है, इस वक्त सपा की 48 सीटें हैं जबकि भाजपा की 36 हालांकि सपा के 8 एमएलसी अब भाजपा में आ चुके हैं। वहीं बसपा का एक एमएलसी भाजपा में आया है। अगर इस चुनाव में भाजपा बढ़त बना लेगी तो उच्च सदन में भी मजबूत हो जाएगी।

जिसकी सत्ता उसकी जीत

विधान परिषद के चुनाव में अब तक देखने को मिला है कि जिस की सत्ता होती है उसी का बहुमत हो जाता है उनके प्रत्याशी ज्यादा जीतकर आते हैं पिछले 2016 में हुए एमएलसी के चुनाव में नजर डाले तो फरवरी-मार्च 2016 में अखिलेश यादव के सीएम रहते चुनाव हुए थे। जिसमें सपा 31 सीटें जीत गई। इसमें 8 सीटों पर निर्विरोध जीत भी शामिल थी। पहले सपा केवल एक सीट जीती थी।

कौन करता है मतदान?

वैसे अभी तक विधानसभा चुनाव के पहले विधान परिषद के चुनाव होते थे। लेकिन इस बार दोनों की तारीख एक साथ होने से विधान परिषद के चुनाव को आयोग ने आगे बढ़ा दिया था। इन 36 सीटों पर 7 मार्च को कार्यकाल खत्म हो गया है। स्थानीय निकाय की सीटों पर सांसद, विधायक, नगरीय निकायों, कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान वोटर होते हैं।



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Vidushi Mishra

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