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UP MLC Election 2022: पूर्वांचल की तीन सीटों पर भाजपा ने नहीं उतारे प्रत्याशी, जानिए क्या है पार्टी की रणनीति
UP MLC Election 2022: भाजपा ने जिन 3 सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं उनमें वाराणसी के साथ ही मिर्जापुर और जौनपुर की सीटें शामिल हैं।
UP MLC Election: विधानपरिषद सदस्यों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्वांचल (Purvanchal Seat) की तीन सीटों पर अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। एक दिन पहले पार्टी की ओर से 30 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया था मगर 3 सीटों पर प्रत्याशी न घोषित किए जाने के बाद सियासी हलकों में तमाम चर्चाएं हो रही हैं। भाजपा ने जिन 3 सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं उनमें वाराणसी के साथ ही मिर्जापुर और जौनपुर की सीटें शामिल हैं।
आज इन तीन सीटों पर नामांकन का आखिरी दिन है। वैसे अभी तक दावेदार प्रत्याशी उम्मीद लगाए बैठे हैं मगर सियासी जानकारों का मानना है कि इन तीन सीटों पर अब शायद पार्टी की ओर से प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाएंगे। इन 3 सीटों पर मजबूत निर्दल प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं और माना जा रहा है कि भाजपा इन प्रत्याशियों का समर्थन करेगी।
वाराणसी में बृजेश सिंह ने किया नामांकन
वर्ष 2016 के एमएलसी चुनाव में वाराणसी सीट से बृजेश सिंह ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था। सेंट्रल जेल में बंद एमएलसी बृजेश सिंह (Brijesh Singh) इस बार फिर निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा ने 2016 में भी उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारा था और उन्हें समर्थन दिया था। सियासी हलकों में कहा जा रहा है कि पार्टी ने एक बार फिर बृजेश के लिए चुनाव मैदान में प्रत्याशी नहीं उतारा है। हालांकि अभी तक पार्टी की ओर से इस बाबत कोई घोषणा नहीं की गई है।
बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह इस बार फिर भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता है। बृजेश सिंह वाराणसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर चुके हैं। उनकी पत्नी और पूर्व एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह ने भी इस सीट से नामांकन दाखिल किया है।
मिर्जापुर में विनीत सिंह को मिल सकता है समर्थन
बृजेश सिंह के अलावा दूसरे बाहुबली श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह (Vineet Singh) इस बार मिर्जापुर से दावेदार हैं। 2010 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की थी। इस इलाके पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। एमएलसी बनने के बाद विनीत सिंह दो बार अपनी पत्नी और एक बार अपने करीबी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने में कामयाब रहे हैं। मिर्जापुर के अलावा सोनभद्र में भी उन्होंने पिछले साल हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अपनी ताकत दिखाई थी।
इसके अलावा वाराणसी में चोलापुर के ब्लाक प्रमुख के चुनाव में भी वे अपने करीबी को जिताने में कामयाब रहे थे। विनीत सिंह की भाजपा में भले ही एंट्री न हो पाई हो मगर भाजपा ने उनके खिलाफ एमएलसी चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारा है। माना जा रहा है कि यहां भी भाजपा की ओर से विनीत सिंह का समर्थन किया जाएगा।
जौनपुर में प्रिंसू फिर दावेदार
जौनपुर में पिछले एमएलसी चुनाव में बृजेश कुमार सिंह उर्फ प्रिंसू (Prinsu) ने बाजी मारी थी। प्रिंसू को पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी माना जाता है। प्रिंसू ने इस बार भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र लिया है और भाजपा ने अभी तक जौनपुर स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से अपना प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। सियासी जानकारों का मानना है कि ही पार्टी की ओर से यहां पर प्रिंसू को समर्थन दिया जा सकता है।
इस तरह पूर्वांचल की तीन महत्वपूर्ण सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं और यहां पर दमदार निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन दिए जाने की संभावना है। हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।