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लखनऊ में 67 साल पुराने मुहर्रम के जुलूस का बदल गया रूट !
मुहर्रम की आठवीं तारीख को उठने वाले जुलूस को लेकर पुलिस व प्रशासन के दबाव में मौलवी झुक गए। 67 साल पुराने जुलूस का मार्ग बदला गया।
लखनऊ: मुहर्रम की आठवीं तारीख को उठने वाले जुलूस को लेकर पुलिस व प्रशासन के दबाव में मौलवी झुक गए। 67 साल पुराने जुलूस का मार्ग बदला गया। आठवीं मुहर्रम के जुलूस का रूट बदला गया है। दरिया वाली मस्जिद से उठने वाले जुलूसे फतेह फरात का रूट बदला गया है। अब जुलूस बड़े इमामबाड़े, रूमी गेट से इमामबाड़ा गुफरानमआब जाएगा।प्रशासन ने सहमति पत्र पर धर्मगुरुओं के साथ अंजुमन से भी दस्तख़त कराए हैं। साल 1958 से दरिया वाली मस्जिद से ही जुलूस निकलता रहा है।
सहमति पत्र पर मौलाना हमीदुल हसन, मौलाना डॉ कल्बे सादिक़, मौलाना कल्बे जवाद, मौलाना आग़ा रूही, मौलाना सैफ अब्बास नक़वी, मौलाना सैय्यद फरीदुल हसन के अलावा अंजुमन के ज़िम्मेदारान ने दस्तख़त किए हैं।
इंस्पेक्टर चौक उमेश श्रीवास्तव, एसओ वज़ीरगंज पंकज सिंह, सीओ चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी, एसीएम-2 चंदन कुमार पटेल, सीओ एलआईयू राधे श्याम राय, एसपी सिटी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी, एडीएम पश्चिमी संतोष कुमार वैश्य, एसएसपी दीपक कुमार और डीएम कौशल राज शर्मा ने भी दस्तख़त किए हैं। जुलूस को नए मार्ग से निकाले जाने को लेकर बनी सहमति है। 1998 और 1999 समझौते के तहत सहमति बनी हैं।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के बाद जिला व पुलिस प्रशासन आठवीं मुहर्रम के जुलूस के रूट को बदलवाना चाहता था। लेकिन जुलूस का आयोजन करने वाली अंजुमने-ए-रज़ाकाराने हुसैन पुराने मार्ग से ही जुलूस निकालना चाहती थी।
दरअसल, हाईकोर्ट ने हॉस्पिटल के सामने से जुलूस निकालने की इजाज़त देने से पहले यातायात व्यवस्था बाधित न हो, का ख़्याल रखने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद यह हालात पैदा हुए हैं।
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आठवीं मुहर्रम का जुलूस टीले वाली मस्जिद पक्का पुल के पास स्थित दरिया वाली मस्जिद से साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर, सिप्स हॉस्पिटल, ट्रामा सेंटर, लॉरी कार्डियालॉजी मेडिकल कॉलेज और क़्वीन मेरी हॉस्पिटल के सामने से होता हुआ इमामबाड़ा गुफरानमआब पहुंचकर समाप्त होता है। इस जुलूस के मार्ग को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हुई जनहित याचिका पर आए निर्णय के बाद जिला व पुलिस प्रशासन जुलूस का मार्ग बदलना चाहता है। प्रशासन ने जुलूस का आयोजन करने वाली अंजुमने-ए-रज़ाकाराने हुसैन को जुलूस के नए मार्ग दरिया वाली मस्जिद से हुसैनाबाद इंटर कॉलेज तिराहा, बड़ा इमामबाड़ा, रूमी गेट से नीबू पार्क से बाएं मुड़कर इमामबाड़ा गुफरानमआब तक ले जाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन अंजुमनों के साथ धर्मगुरुओं ने भी जुलूस का मार्ग बदलने से इंकार कर दिया है।
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क्या कहा था हाईकोर्ट ने
दरअसल, इलाहाबद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिकाकर्ता ने आठवीं मुहर्रम के जुलूस की वजह से एम्बुलेंस को रास्ता नहीं मिलने के कारण परिजन की मौत दर्शाते हुए हॉस्पिटल वाले मार्ग पर जुलूस प्रतिबंधित करने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को नए जुलूस की अनुमति देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया था कि जुलूस मार्ग के चलते हॉस्पिटल के आस-पास यातायात बाधित न हो। हाईकोर्ट के इसी आदेश के चलते जिला प्रशासन जुलूस मार्ग बदलना चाहता है।
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जुलूस मार्ग पर कौन-कौन से हॉस्पिटल हैं
जिस मार्ग से आठवीं मुहर्रम का जुलूस निकाला जाता है। उस मार्ग पर राजधानी के सभी बड़े प्रतिष्ठित सरकारी हॉस्पिटल हैं। ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी के हालात में प्रदेश भर से घायलों को यहीं लाया जाता है। लॉरी कार्डियोलॉजी भी इसी जुलूस वाले मार्ग पर है, जहां दिल की गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज़ों को पहुंचाया जाता है। किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज भी इसी जुलूस वाले मार्ग पर है, जहां प्रदेशभर से लोग इलाज के लिए पहुंचते है। इन सबके अलावा राजधानी के बड़े महिला अस्पतालों में शुमार क़्वीन मेरी हॉस्पिटल भी जुलूस मार्ग में ही पड़ता है। इसी का हवाला देकर जिला व पुलिस प्रशासन जुलूस का रूट बदलवाना चाहता है।
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जिला प्रशासन ने सभी विकल्प खुले रखे
जुलूस मार्ग को लेकर तनातनी के बीच जिलाधिकारी लखनऊ कौशल राज शर्मा कहते हैं, कि जिला प्रशासन बातचीत के ज़रिए जुलूस मार्ग को लेकर आए कोर्ट के आदेश पर अमल कराने की कोशिश में हैं। जुलूस मार्ग को लेकर अंजुमन के साथ धर्मगुरुओं से बातचीत की जा रही है। प्रशासन ने दोनों ही विकल्पों पर तैयारी की है। न्यायलय के आदेश का पालन होगा।