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UP सरकार की सालगिरह पर सड़कों पर उतरे सरकारी कर्मचारी, लगाए विरोधी नारे
यूपी की बीजेपी सरकार का सोमवार 19 मार्च को एक साल पूरा हुआ। सरकार ने सालगिरह का जश्न मनाया, उपलब्धियां गिनाई। लेकिन लखनऊ की सड़कों पर उतरे बिजली-पानी कर्मियों ने तो सरकार हाय-हाय के नारे लगाए।
लखनऊ: यूपी की बीजेपी सरकार का सोमवार 19 मार्च को एक साल पूरा हुआ। सरकार ने सालगिरह का जश्न मनाया, उपलब्धियां गिनाई। लेकिन लखनऊ की सड़कों पर उतरे बिजली-पानी कर्मियों ने तो सरकार हाय-हाय के नारे लगाए।
नगर निगम में भूख हड़ताल शुरू
2013 में बहाल संविदाकर्मियों फिर से बहाली के लिए और नगर निगम कर्मचारियों के वेतन भत्ते की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की गई। कर्मचारी संघ के नव निर्वाचित अध्यक्ष आनंद वर्मा ने बताया की पिछली सरकार में नगर प्रमुख रहे डॉक्टर दिनेश शर्मा ने यह समस्या सुलझाने का वादा किया था। लेकिन अब अपनी सरकार बनने के बाद भी यह समस्या जस की तस है। सरकार सालगिरह मना रही है लेकिन क्या उन कर्मचारियों के घरों का दुःख नहीं दिखता जिनके घरवालों ने रात-रात भर काम करके लखनऊ को इन्वेस्टर समिट के लिए स्वच्छ बनाया। उनको वेतन नहीं मिल रहा इसलिए कर्मचारी संघ भूख हड़ताल पर बैठा है और जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
निजीकरण के कारण काम ठप
सोमवार को लखनऊ के शक्ति भवन में दिन भर अपना काम काज ठप करके बिजली कर्मियों ने सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। सुबह ऑफिस खुलने के बाद से ही अलग-अलग कमरों और तलों से सरकार विरोधी, निजीकरण विरोधी नारे सुनाई देने लगे। दोपहर होते- होते शक्ति भवन के सामने सैकड़ों कर्मचारी जमा हुए और निजीकरण का जमकर विरोध किया। विद्युत कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के शैलेन्द्र दुबे ने कहा की सरकार बिजली का निजीकरण करके प्रदेश का बड़ा नुकसान कर रही है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। इसलिए हमने आवाज उठाई है और पूरे प्रदेश के बिजली अधिकारी और कर्मचारी सब काम ठप करके निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।
लोग हुए परेशान, नहीं हुआ काम
अलीगंज से अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पात्र बनवाने आए इमरान ने बताया कि कोई कर्मचारी सीट पर बैठा ही नहीं है। पूछने पर पता चला की हड़ताल कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा शक्ति भवन में भी दिखा। यहां अपनी समस्या लेकर आने वाले सैकड़ों आम लोगों को वापस जाना पड़ा। शक्ति भवन के रजिस्टर में दर्ज आगंतुकों में समस्या लेकर आने वाले 276 लोगों में से ज्यादातर लोग 2 से 5 मिनट में बिना काम कराए ही वापस चले गए। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी अब काम नहीं करते। वे या तो हड़ताल करते हैं या वेतन बढ़ाने की मांग।