TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP: मुन्ना बजरंगी ठेके में नहीं चलने देता था किसी की बादशाहत, ऐसे बना था बादशाह

Manali Rastogi
Published on: 9 July 2018 12:25 PM IST
UP: मुन्ना बजरंगी ठेके में नहीं चलने देता था किसी की बादशाहत, ऐसे बना था बादशाह
X

लखनऊ: बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है। उसके उपर हत्या, रंगदारी और ठेके दिलाने के नाम पर मारपीट करने के दर्जनों मुकदमें दर्ज थे। उसने ठेके पर किसी की भी लम्बे समय तक बादशाहत नहीं चलने दी थी।

पांचवीं क्लास के बाद छोड़ दी थी पढ़ाई

मुन्ना बजरंगी उर्फ़ प्रेम प्रकाश सिंह का जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाना चाहते थे। लेकिन मुन्ना बजरंगी का मन कभी भी पढ़ने में नहीं लगता था। इसलिए उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में खींचते चले गये।

जब मुख्तार अंसारी से जुड़ा मुन्ना

मुख्तार अंसारी का गैंग मऊ से चल रहा था लेकिन इसका खौफ पूरे पूर्वांचल में था। 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से विधायक बनने के बाद मुख्तार अंसारी के गैंग का दबदबा और बढ़ गया था। ये देख मुन्ना मुख्तार के सम्पर्क में आ गया। बाद में अंसारी के साथ मुन्ना ठेके और वसूली का काम करने लगा।

यह भी पढ़ें: जेल में मारा गया मुन्ना बजरंगी, एसटीएफ अफ़सर फिर विवादों में

इस दौरान अंसारी के कट्टर दुश्मन ब्रिजेश सिंह की संरक्षण में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय तेजी से उभरने लगे। कृष्णानंद राय का गैंग तेजी से बढ़ रहा था और अंसारी के लिए चुनौती साबित हो रहा था। राय को खत्म करने की जिम्मेदारी अंसारी ने मुन्ना को सौंप दी।

साले की मौत से लगा था बड़ा झटका

पुष्पजीत, मुन्ना बजंरगी का रिश्ते में साला लगता था। 2016 में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह बजंरगी के लिए ठेका दिलाने का काम करता था। उसकी हत्या के बाद तारिक को ठेके का काम सौंप दिया गया। लेकिन कुछ दिन के बाद ही उसकी भी उसके साले के अंदाज में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई।

यह भी पढ़ें: मुन्ना बजरंगी ऐसे करता था क्रूरता से हत्या, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की कांप जाती थी रुह

उसकी हत्या के बाद बजरंगी को दूसरा बड़ा झटका लगा था। तारिक पर बजरंगी के लिए रंगदारी वसूलने से लेकर ठेके लेने की जिम्मेदारी थी। कम समय में ही बजरंगी गैंग में खास जगह बनाने को लेकर वह दुश्मनों की आंख मे खटकने लगा था।

ठेके में नहीं चलने दी किसी की बादशाहत

मुन्ना बजरंगी ने सरकारी ठेके में लंबे समय तक किसी की भी बादशाहत नहीं चलने दी थी। उसने सुपारी लेकर लोगों की हत्या करने के बाद अपने नाम से दहशत पैदा की। उसके बाद धीरे –धीरे –धीरे सरकारी ठेके में अपनी दखलअंदाजी बढ़ाते चला गया। उसने पैसे लेकर कई दूसरे लोगों को भी मनमाने ढ़ग से सरकारी ठेका ठेका दिलाया था।

यह भी पढ़ें: यूपी: कुख्यात माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या

उसकी लाइफ में एक समय ऐसा भी आया था। जब उसका नाम आने के बाद लोग सरकारी ठेका लेने से भी घबराने लगे थे। वह फोन पर लोगों को धमकाया करता था। बहुत जल्द ही ठेके और रंगदारी में उसकी बादशाहत कायम हो गई। वह जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया था।

Manali Rastogi

Manali Rastogi

Next Story