×

काम की जानकारी: यूपी की नई औद्योगिक नीति की यह हैं 10 खास बातें, और भी बहुत कुछ

Rishi
Published on: 4 July 2017 9:00 PM IST
काम की जानकारी: यूपी की नई औद्योगिक नीति की यह हैं 10 खास बातें, और भी बहुत कुछ
X

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में संपन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017’ को मंजूरी दी गयी है।

1—उदयोगों को मिलने वाली छूट रोजगार से लिंक

औदयोगिक विकास मंत्री सतीश महाना के मुताबिक पिछले 15 वर्षों में पिछली सरकार ने प्रदेश के औदयोगिक विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया। मौजूदा पालिसी में उदयोगों को रोजगार से लिंक किया गया है।

इन्हें दिया गया है मेगा इकाई का दर्जा

नीति के मुताबिक बुन्देलखण्ड और पूर्वांचल में 100 करोड़ निवेश या 500 से अधिक रोजगार वाली इकाइयों

मध्यांचल एवं पश्मिांचल (गौतमबुद्ध नगर एवं गाजियाबाद को छोड़कर) में 150 करोड़ निवेश या 750 से अधिक रोजगार वाली इकाईयों।

गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद में 200 करोड़ निवेश या 1000 से अधिक रोजगार देने इकाईयों को मेगा इकाई का दर्जा देते हुए विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान है।

2— 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार पर टैक्स से छूट

औदयोगिक विकास मंत्री सतीश महाना के मुताबिक पश्चिमी यूपी में 400 से अधिक श्रमिकों या बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल और मध्यांचल में 200 से अधिक महिला श्रमिकों को रोजगार देने वाली इकाईयों को नेट वैट/सीएसटी/जीएसटी से छूट दी जाएगी। छूट का यह लाभ उन इकाईयों को भी मिलेगा जो एससी, एसटी, दिव्यांग व बीपीएल श्रेणी के 200 ​कार्मिकों को रोजगार देंगे। इसके अलावा कम से कम 200 रोजगार सृजित करने वाली इकाइयों को ईपीएफ के नियोक्ता अंश की अतिरिक्त सब्स्डिी दी जाएगी।

3—‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर यूपी में ‘मेक इन यूपी’ विभाग बनेगा

‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर यूपी में ‘मेक इन यूपी’ विभाग बनेगा। इसके तहत उद्योग व सेक्टर विशिष्ट राज्य निवेश एवं विनिर्माण क्षेत्र (एसआईएमजेड) को चिन्हित एवं सृजित किया जाएगा

4—सीएम आफिस की मानीटरिंग में होगा सिंगल विंडो क्लीयरेंस विभाग

यूपी में अब उदयमियों को अनुमतियों या लाइसेंसों के लिए भटकना नहीं होगा। मौजूदा नीति में सीएम आफिस के तहत एक सिंगल विंडो क्लीयरेंस विभाग बनाने का प्रावधान है।

5—राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एसआईपीबी) का होगा गठन

औद्योगिक परियोजनाओं से जुड़े निर्णय लेने में तेजी लाने के लिए सीएम की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एसआईपीबी) का गठन होगा। यह बोर्ड, निवेश प्रोत्साहन जैसे— राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय रोड-शो, उद्योगों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित करने और उन्हें लागू कराने में सहायता प्रदान करने संबंधी गतिविधियों का संचालन करेगा।

6—उदयमियों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की होगी तैनाती

औदयोगिक विकास मंत्री श्री महाना के मुताबिक प्रदेश में जब किसी जगह उदयोग लगता है तो आम तौर पर एक वर्ग की धारणा बनती है कि वसूली के लिए एक और इकाई बढ़ गई है। कानून—व्यवस्था का प्रश्न खड़ा होता है। इसको देखते हुए तय किया गया है कि व्यवसाईयों की सुरक्षा के लिए नोएडा, कानपुर, गोरखपुर, बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल में विशेष अधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया जाएगा। प्रमुख औद्योगिक क्लस्टर/क्षेत्रों में एकीकृत पुलिस-कम-फायर स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे।

7—चाक—चौबंद होगी परिवहन व्यवस्था

उत्पादों के परिवहन के लिए वायु, जल, सड़क और रेल नेटवर्क का एक सम्पर्क जाल (कनेक्टिविटी वेब) बनाया जाएगा। इसके लिए लखनऊ व नोएडा के मेट्रो सेवाओं में विस्तार के साथ कानपुर, मेरठ, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, झांसी और गाजियाबाद में भी मेट्रो सेवाओं का विकास किया जाएगा। प्रमुख राज्य राजमार्गों को चौड़ा करके सुगम यातायात की व्यवस्था होगी।

8—स्थानीय उदयोगों के प्रचार पर जोर, मिलेगा प्रोत्साहन

बुन्देलखण्ड के मिट्टी के बर्तन, मेरठ के खेलकूद के सामान, फिरोजाबाद के कांच के काम, अलीगढ़ के ताले, रामपुर के चाकू, मुरादाबाद के पीतल मशहूर हैं। इसी तरह संभल का पुदीना, बरेली के फर्नीचर, कन्नौज के इत्र, आगरा के जूते एवं पेठा, कानपुर के चमड़े का कोई जोड़ नहीं है। भदोही के कालीन, वाराणसी की साड़ियों को पूरी दुनियां में प्रसिद्धी मिली है। बलरामपुर की चीनी, मुजफ्फरनगर की गुड़ और लखनऊ के चिकनकारी का काम भी इसमें शामिल है। सरकार ने ऐसे स्थानीय उदयोगों के प्रचार पर जोर दिया है। इनको बढावा दिया जाएगा।

9—निर्यात बढाने के लिए ड्राई पोर्ट का विकास

सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ड्राई पोर्ट के विकास का फैसला लिया है। यानि ऐसे इलाके जो पश्चिमी माल-ढुलाई गलियारा (डब्ल्यू0डी0एफ0सी0) और पूर्वी माल-ढुलाई गलियारा (ई0डी0एफ0सी0) के आस-पास हैं। ऐसे इलाकों में मल्टी-माॅडल लाॅजिस्टिक्स हब विकसित करने का प्रावधान है। इसके अलावा उदयोगों को दिल्ली-मुम्बई (डी0एम0आई0सी0) और अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा (ए0केआई0सी0) का भी लाभ मिलेगा।

10—यूपी और इसके बाहर रोड शो के अलावा मेगा इंडस्ट्रियल मीट

नयी औदयोगिक नीति में यूपी और इसके बाहर रोड शो का आयोजन किया जाएगा। ताकि उदयमियों को प्रदेश में उदयोगों के स्थापना के लिए दी जाने वाली सहूलियतों की ओर आकर्षित किया जा सके। सतीश महाना ने बताया कि इसी साल के अक्टूबर—नवम्बर माह में एक मेगा इंडस्ट्रियल मीट का भी आयोजन किया जाएगा। प्रयास किया जाएगा कि इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी शिकरत करें।

यह भी हैं औदयोगिक नीति की खास चीजें

पारम्परिक उदयोगों के विकास को कारपस फंड बनेगा।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के तहत आने वाले पारम्परिक उद्योगों के विकास को काॅरपस फण्ड बनेगा।

विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत स्थानीय दस्तकारों और उद्यमियों को मार्जिन मनी अनुदान और ब्याज अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

शिक्षित बेरोजगार के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ शुरू की जाएगी।

लघु, मध्यम उद्यम वेन्चर कैपिटल फण्ड का भी सृजन किया जाएगा।

निजी क्षेत्र द्वारा बुन्देलखण्ड व पूर्वांचल में 100 एकड़ क्षेत्र में पार्क विकसित करने को लिए गए ऋण पर ब्याज से छूट।

मध्यांचल में 150 एकड़ से अधिक भूमि पर औद्योगिक पार्क बनाने को लिए गए ऋण पर ब्याज से छूट

श्रमिकों के लिए हाॅस्टल निर्माण ऋण पर ब्याज की प्रतिपूर्ति । स्टांप ड्यूटी पर छूट का प्रावधान।

उप्र खादय सुरक्षा नियमावली में संशोधन को मंजूरी

उप्र राज्य खादय सुरक्षा नियमावली, 2015 का प्रकाशन 20 जनवरी 2016 को हुआ था। नियमावली में जो अपर जिला मजिस्ट्रेट, नागरिक आपूर्ति के पद पर हैं। उन्हें मंडलीय मुख्यालय के जिलों के लिए संभागीय खादय नियंत्रक और शेष जिलों में संयुक्त खादय आयुक्त या उपायुक्त खादय को जिला शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाने की व्यवस्था है। नियमावली के संशोधन के मुताबिक अब जिला शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में ऐसे अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो आपूर्ति व्यवस्था के काम से जुड़े नही हैं।

अधीनस्थ न्यायलयों में शौचालयों का निर्माण होगा

कैबिनेट ने राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों में 5 और 10 सीटेड शौचालयों के निर्माण को मंजूरी दी है। दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त शौचालय का निर्माण किया जाएगा

केंद्रीय योजनाओं के फंडिंग पैटर्न में परिवर्तन को मंजूरी

केंद्र सरकार के जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम के यूआईजी व यूआईडीएसएसएमटी कार्यान्श के तहत फंडिंग पैटर्न बदला है। यह पैटर्न अब 80:20 (केंद्रांश:राज्यांश) की जगह 60:40 (केंद्रांश:राज्यांश) हो गया है। बदले कार्यान्श के मुताबिक पेयजल /सीवरेज/ सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की कुल 13 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार पर 9917 लाख का अतिरिक्त व्यय भार आएगा

बुलंदशहर के नरौरा में प्रस्तावित एसटीपी के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की एक हजार वर्ग मीटर जमीन नि:शुल्क नगर विकास विभाग को दिए जाने की मंजूरी

उप्र लोक सेवा अधिनियम 1976 में संशोधन को मंजूरी

इसके मुताबिक अब उप्र लोक सेवा अधिकरण में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या अन्य सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए आयु सीमा में परिवर्तन किया गया है। पहले अधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए 70 वर्ष की आयु​ नियत थी अब उसको घटाकर 65 वर्ष किया गया है। इसी तरह उपाध्यक्ष या सदस्य के मामले में 65 वर्ष की आयु अर्हता को घटाकर 62 वर्ष किया गया है।

ड्राप मोर क्राप के तहत कृषकों को अनुदान में बढोत्तरी

प्रधानमंत्री कृषक सिंचाई योजना के तहत ड्राप मोर क्राप—माइक्रो इरीगेशन में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर को बढावा देने के लिए किसानों को दिए जाने वाले अनुदान में बढोत्तरी की गई है। लघु एवं सीमांत किसानों को मिलने वाला अनुदान 55 फीसदी से बढाकर 90 प्रतिशत और अन्य किसानों को मिलने वाले अनुदान 45 प्रतिशत को बढाकर 80 फीसदी किया गया है।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story