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UP News: प्रदेश में मिले 3500 नए टीबी मरीज़, जुलाई माह में चलाए गए 'दस्तक अभियान' से चला पता

UP News: उत्तर प्रदेश में 3500 नए टीबी के मरीज़ मिले हैं। जुलाई माह में चलाए गए 'दस्तक अभियान' के दौरान इन मरीज़ों को चिन्हित किया गया है।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Divyanshu Rao
Published on: 9 Aug 2021 11:14 AM IST
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टीबी के मरीज की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Prdaesh) में 3500 नए टीबी के मरीज़ मिले हैं। जुलाई माह में चलाए गए 'दस्तक अभियान' के दौरान इन मरीज़ों को चिन्हित किया गया है। इसमें लगभग 300 मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) के मरीज़ हैं। मरीज़ों को डॉट्स सेंटर से जोड़कर इनके उपचार की तैयारी की जाएगी। वहीं, इस मुद्दे पर राज्य टीबी नियंत्रण अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि टीबी मरीजों को पंजीकृत कर उन्हें पोषण योजना में शामिल किया जा रहा है।

प्रदेश में दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अभी 3500 मरीज मिले हैं। जिन टीबी के मरीजों को चिन्हित किया गया है वो 300 मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस के मरीज हैं। जिसके बाद इन मरीजों के डॉट्स सेंटर से मिलाकर इनके इलाज करने की तैयारी की जा रही है।

प्रदेश में 1.80 लाख टीबी के मरीज हैं

बता दें कि राज्य में अभी करीब 1.80 लाख टीबी के मरीज़ हैं। तो इसमें 15 हजार एमडीआर हैं। जिसके बाद जुलाई भर चले 'दस्तक अभियान' के दौरान करीब 3500 टीबी के नए मरीज मिले हैं। इन मरीजों को नजदीकी डॉट्स सेंटर, डॉट्स प्लस सेंटर एलॉट किया जा रहा है। जो गंभीर मरीज हैं। उन्हें केजीएमयू सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।

टीबी रोग की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

टीबी के मरीजों को पोषण योजना में शामिल किया गया

टीबी मरीज़ों के मामले बढ़ने की वजह से सेंटरों पर मरीज़ों की संख्या के अनुसार अतिरिक्त दवाएं भी भेजी जा रही हैं। राज्य टीबी नियंत्रण अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि टीबी मरीजों को पंजीकृत कर उन्हें पोषण योजना में शामिल किया जा रहा है। मरीजों की संख्या के अनुसार संबंधित सेंटर पर दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

लैब बनने का मिलेगा फायदा

गौरतलब है कि प्रदेश में 145 सीबी नेट मशीन, 451 ट्रू नेट, नौ कल्चर लैब, 2100 माइक्रो स्कोपिक लैब, 22 नोडल ड्रग रेडिस्टेंट सेंटर, 12000 डॉट्स सेंटर चल रहे हैं। वहीं, इटावा और झांसी में दो नई दो नई 'कल्चर एंड ड्रग सेंसिटिविटी लैब' तैयार की जा रही है। जिससे ड्रग सेंसिटिविटी के बारे में पुख्ता जानकारी मिल सकेगी।



Divyanshu Rao

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