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CM योगी का तोहफा: ग्राम प्रधान समेत पंचायत प्रतिनिधियों की बल्ले बल्ले, सैलरी समेत कई भत्तों में बढ़ोत्तरी

CM योगी का तोहफा: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को बडे तोहफों के तौर पर कई घोषणाएं की है। ग्राम प्रधानों के सैलरी और वित्तीय अधिकार बढ़ाने का भी बड़ा तोहफा दिया है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 15 Dec 2021 2:32 PM GMT
CM Yogi
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: Design Photo - Newstrack 

UP News: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव (UP Election 2022 ) के पहले प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को बडे तोहफों के तौर पर कई घोषणाएं की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ग्राम प्रधानों के सैलरी और वित्तीय अधिकार बढ़ाने का भी बड़ा तोहफा दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से गई मुख्य घोषणाएं (key announcements):-

-पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की गयी है।

-ग्राम प्रधान 3500 से बढ़ाकर 5,000 प्रति माह किया गया है।

-प्रमुख क्षेत्र पंचायत 9,800 से बढ़ाकर 11,300 प्रति माह किया गया है।

-अध्यक्ष, जिला पंचायत 14,000 से बढ़ाकर 15,500 प्रति माह किया गया है।

-जिला पंचायत सदस्य का 1000 प्रति बैठक से बढ़ाकर 1500 प्रति बैठक साल में अधिकतम 6 बैठक की जाएंगी ।


-क्षेत्र पंचायत सदस्य का 500 प्रति बैठक से बढ़ाकर 1000 प्रति बैठक साल में अधिकतम 6 बैठक की जाएंगी।

-सदस्य, ग्राम पंचायत का पहले कोई मानदेय नहीं था। अब 100 प्रति बैठक का प्राविधान किया गया है साल में अधिकतम 12 बैठक हो सकेंगी।

-मानदेय की धनराशि राज्य स्तर पर पृथक्कर शेष राज्य वित्त आयोग की राशि का वितरण ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के मध्य किया जाएगा। मानदेय की धनराशि आवश्यकतानुसार पंचायतों को अवमुक्त की जाएगी।

-परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत के वित्तीय प्रशासनिक एवं तकनीकी अधिकारों में वृद्धि की जाएंगी।

-प्रति कार्य 2 लाख की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 5 लाख किया गया है। जिला पंचायतों के लिए वर्तमान 10 लाख की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख किया गया है।

प्रशासनिक व तकनीकी अधिकारों में वृद्धि की गई है।

-ग्राम पंचायतें अपनी परियोजनाओं का स्टीमेट बनाने एम.बी. कराने का कार्य विकास खण्ड के नामित अभियंता के अतिरिक्त जनपद में कार्यरत लोक निर्माण विभाग, आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, मण्डी समिति, जिला पंचायत के अवर अभियंता, जल निगम के अवर अभियंता सहायक अभियंता करा सकते हैं।


-पंचायती राज निदेशालय द्वारा जनपदों के लिए तैयार किए जाने वाले सिविल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा, डिग्री होल्डर, रजिस्टर्ड आर्कीटेक्ट के पैनल द्वारा भी निर्धारित फीस पर स्टीमेट बनाने एम.बी. कराने का कार्य करा सकती हैं।

-भौगौलिक रूप से समीपवर्ती एवं परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15,000 क्लस्टर बनाए गए हैं।

ग्राम पंचायत कोष की स्थापना भी की जाएगी

-पंचायत प्रतिनिधियों के पद पर रहने के दौरान यदि मृत्यु होती हैं तो ग्राम प्रधान, प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं अध्यक्ष, जिला पंचायत को 10.00 लाख, सदस्य, जिला पंचायत को .पांच लाख, सदस्य, क्षेत्र पंचायत को तीन लाख एवं सदस्य, ग्राम पंचायत को दो लाख की राशि मृतक के आश्रित को प्रदान की जाएगी।

मनरेगा में ग्राम पंचायतों द्वारा भुगतान किये जायेंगे

-अगले 3 माह के अन्दर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज-लखनऊ एवं अहिरोरी-हरदोई) में इनका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है।


जिला योजना समिति में भागीदारी रहेगी

-जिला योजना समिति में 2-2 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में एक वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जायेंगे।

जिला प्रशासन से संवाद का प्लेटफार्म तय किया गया

-प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठक कर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे।

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Shashi kant gautam

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