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UP News: सीएम योगी ने तलब की जनशिकायतों की समीक्षा रिपोर्ट, अब नहीं बख्शे जाएंगे लापरवाह अधिकारी

UP News: सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जन शिकायतों के निस्तारण के प्रति अब बेहद सख्त रुख अपना रहे हैं।

Sandeep Mishra
Written By Sandeep MishraPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 9 Sep 2021 6:40 AM GMT (Updated on: 9 Sep 2021 6:49 AM GMT)
CM Yogi Adityanath
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सीएम योगी आदित्यनाथ (file photo) pic(social media)

UP News: सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जन शिकायतों के निस्तारण के प्रति अब बेहद सख्त रुख अपना रहे हैं। सीएम कार्यालय से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी को यह जानकारी मिली है कि सूबे के कुछ जनपदों से मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आने वाली पीड़ितों की शिकायतों को गम्भीरता पूर्वक संज्ञान नहीं ले रहे हैं।

बल्कि वे उन शिकायतों के निस्तारण की भी रिपोर्ट गलत भेज रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि इसी के मद्देनजर अब सीएम ने आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण का सम्पूर्ण लेखा जोखा सूबे के प्रत्येक जनपदों से मंगाया है। सीएम योगी के इस आदेश से सूबे के लापरवाह अधिकारियों के बीच हड़कम्प की स्थिति अब बन गयी है।

जनता दरबार में शिकायत सुनते CM योगी (File Photo) pic(social media)

हमारे उच्च प्रशासनिक सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि सूबे प्रत्येक जनपदों के जिला प्रशासन जन शिकायतों की जो भी अपनी समीक्षा रिपोर्ट भेजेंगे उसका सीएम योगी गम्भीरता से अध्ययन करेंगे। फिर उसके बाद फिर उनकी एक अत्यंत ख़ुफ़िया टीम सूबे के जनपदों में जाकर यह जानकरी हासिल करेगी कि जनपदों से जन शिकायतों के निस्तारण की जो रिपोर्ट सीएम कार्यालय को भेजीं गयीं है वे सच के धरातल में कितनी खरीं हैं।

सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि मुख्यमन्त्री के लग रहे जनता दरबार मे विभिन्न जिलों से जो पीड़ित आ रहे हैं, उन पीड़ितों की शिकायतें सुनने व उन शिकायतों के निस्तारण पर ज़िलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा बरती जा रहीं लापरवाहीपूर्ण शिकायतो को सुनने के बाद सीएम योगी ने यह निर्णय लिया है।

बता दें कि सीएम योगी की यह मंशा है कि तहसील दिवस, थानों में आयोजित हो रहे समाधान दिवस में अगर जन शिकायतों के समाधान नहीं हो रहे है तो फिर सरकार के ये तहसील दिवस व समाधान दिवस के आयोजन का क्या मतलब है? मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आने कई पीड़ितों की ऐसी समस्याएं भी सीएम योगी को देखने को मिली जिनका समाधान जिले स्तर के अधिकारी कर सकते थे लेकिन नहीं किया गया। लिहाजा उस पीड़ित को न्याय पाने के लिये दौड़ कर लखनऊ सीएम जनता दरबार में आना पड़ा।

अधिकारियों के साथ बैठक करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(File Photo) pic (social media)

इसी को मद्देनजर गत बुधवार को सीएम योगी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की है। उस बैठक में सीएम ने कहा कि आई जी आर एस,तहसील दिवसों व थानों के समाधान दिवस पर प्राप्त शिकायतों, उनके निस्तारण व लंबित मामलों की एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत की जाए। इस रिपोर्ट ने पीड़ितों की संतुष्टि का भी विवरण दर्ज होने चाहिए। जब प्रत्येक जिले से इस तरह की रिपोर्ट्स आ जाएंगी, तो उन रिपोर्ट्स के आधार पर प्रत्येक तहसील और थानों के कामकाज की समीक्षा खुद सीएम योगी करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री के जनता दर्शन व आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतो की अब क्या स्थिति है यह भी समीक्षा की जाएगी।

न्यूज ट्रैक के पास उपलब्ध प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक जब से सूबे में योगी सरकार काबिज हुई है उस दिन के अब तक पुलिस से सम्बंधित आईजीआरएस पर लगभग 1846968 शिकायतें सूबे के विभिन्न जनपदों से प्राप्त हुईं हैं। जिनमें 1821033 का निस्तारण किया जा चुका है। जबकि तहसील दिवस से सम्बंधित लगभग 2245282 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। जिनमे 2216017 से अधिक का निस्तारण किया जा चुका है।

सूत्र बताते हैं कि सीएम के द्वारा जनशिकायतों के सम्बन्धी जो रिपोर्ट जिलेवार तलब की गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर सूबे में फील्ड में तैनात अधिकारियों व कर्मियों के कार्य करने के स्तर का आंकलन किया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी खुद इसकी समीक्षा डीएम, एसएसपी व एसपी के साथ करेंगे। सीएम के इस रुख से अब यह तो तय हो रहा है कि सूबे में लापरवाह अधिकारी मुख्यमंत्री को अब बर्दाश्त नहीं होंगे।

Pallavi Srivastava

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