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Lakhimpur kheri Violence: लखीमपुर में हिंसा स्थल पर बनेगा स्मारक, किसानों की लगाई जाएंगी मूर्तियाँ

Lakhimpur kheri Violence: देश में किसान आंदोलन (kisan andolan) शुरू होने के एक साल के भीतर यह तीसरा स्मारक बनाने की बात कही गयी है।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Monika
Published on: 13 Oct 2021 12:02 PM IST
Lakhimpur kheri Violence: लखीमपुर में हिंसा स्थल पर बनेगा स्मारक, किसानों की लगाई जाएंगी मूर्तियाँ
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Lakhimpur kheri Violence: दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा (Manjinder Sirsa) ने लखीमपुर के तिकुनिया में अंतिम अरदास वाले दिन एलान (amtim ardas) किया कि जिस जगह 3 अक्टूबर को हुई हिंसा (lakhimpur kheri Violence) में 4 किसान और 1 पत्रकार की मौत (4 farmers 1 Journalist died) हुई थी, उस जगह पर अब किसानों और पत्रकार की मूर्ति लगाकर स्मारक बनेगा ( smarak) । साथ ही उन स्मारकों पर पत्थर लगाकर ज़ुल्म की गाथा लिखा जाएगा। ताकि पीढ़ी दर पीढ़ी इसे याद रखा जा सके।

देश में किसान आंदोलन (kisan andolan) शुरू होने के एक साल के भीतर यह तीसरा स्मारक बनाने की बात कही गयी है। इससे पहले गाज़ीपुर और मेरठ में आंदोलन के दौरान अपनी जान गवाने वाले किसानों की याद के तौर पे किसान स्मारक बनाने की घोषणा हो चुकी है।

लखीमपुर में हिंसा (फोटो : सोशल मीडिया )

स्मारक निर्माण में आने वाला ख़र्च (Smarak Nirman me Kharch)

मनजिंदर सिरसा ने बातचीत में कहा कि सभी किसान स्मारकों के जमीन से लेकर निर्माण में तकरीबन ₹1 करोड़ का खर्च आएगा। यह पूरा खर्च दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी (Delhi Gurdwara Committee) उठाएगी। घटना और स्मारक निर्माण से जुड़े विषय पर मीडिया से बात करते दिल्ली गुरद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने कहा कि-"लखीमपुर के तिकुनिया में ठीक उसी जगह स्मारक का निर्माण होगा जहां 4 किसान और 1 पत्रकार की शहादत हुई है। स्मारक निर्माण के लिए हम स्थानीय खेत के मालिकों से मिलकर उनसे बात करके उनकी जमीन खरीदने की बात करेंगे। स्मारक निर्माण के लिए करीब 2 एकड़ जमीन की ज़रूरत पड़ेगी। स्मारकों पर 4 किसान और 1 पत्रकार की मूर्ति के साथ पत्थर लगाकर पूरी घटना को अंकित किया जाएगा। जिससे आने वाली पीढ़ी यह याद रखे कि कैसे सरकारी तंत्र ने किसानों पर जुल्म किये। लेकिन उनके हौंसले और जज़्बे को नहीं तोड़ पाए।"

लखीमपुर में हिंसा (फोटो : सोशल मीडिया )

गाज़ीपुर बॉर्डर पर शहीद स्मारक का निर्माण (Ghazipur Border par shahed Smarak Nirman)

पूर्व में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने साझा पहल से गाज़ीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर अस्थायी रूप से प्रतीकात्मक किसान शहीद स्मारक का निर्माण किया था। इस किसान शहीद स्मारक के निर्माण में लाल किला (Red Fort) और जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) समेत गुजरात के 800 गावों की मिट्टी लायी गयी थी।

17 अप्रैल को राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी ट्वीट कर मेरठ में पार्टी कार्यालय के लिए चिन्हित की गई ज़मीन पर कार्यालय की जगह किसानों के सम्मान में किसान स्मारक बनाने की बात कही थी।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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