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UP News: योगी सरकार का फरमान, बिना कॉन्ट्रैक्ट के नहीं रखे जाएंगे किराएदार

UP News: प्रदेश के शहरों में अब मनमर्जी तरीके से किराएदार नहीं रखे जा सकेंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 21 July 2021 3:38 AM GMT (Updated on: 21 July 2021 4:40 AM GMT)
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ-(फाइल फोटो: सोशल मीडिया) 

UP News: प्रदेश के शहरों में अब मनमर्जी तरीके से किराएदार नहीं रखें जा सकेंगे। किराएदार रखने के लिए अनुबंध कराना होगा। यह अनुबंध किराया प्राधिकारी के पास जमा करनाा होगा जिसके बाद किराया प्राधिकारी अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन करेगा। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश परिसर किरायेदारी विनियमन नियमावली-2021 का प्रारूप जारी किया है। इस प्रारूप पर 27 जुलाई तक सुझाव और आपत्तियां आवास शहरी नियोजन अनुभाग एनेक्सी में दिया जा सकता है।

जिसके बाद दिए गए सुझाव और आपत्तियों को निस्तारण के बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट भेजा जाएगा। अधिसूचना जारी होने के बाद ही यह व्यवस्था प्रदेश के शहरों में लागू हो जाएगी। विनियमन नियमावली-2021 के अनुसार मकान मालिक को निर्धारित प्रारूप पर किराएदार से अनुबंध करेते हुए ये बताना होगा कि कितनी राशि पर कितने महीनों के लिए रखा जा रहा है। किराएदार को दी जाने वाली सुविधाओं की भी प्रारूप में जानकारी देनी होगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)


आवास विभाग करेगा किराया प्राधिकारी का गठन

आवास विभाग इसके लिए इसके लिए किराया प्राधिकारी का गठन करेगा। और किराएदार किसी मकान मालिक का किराया नहीं मार पाएगा। अगर किराएदार किराया नहीं देता है तो उसे नौ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर से उतना किराए का भुगतान मकान मालिक को करना होगा।

मामलों के निस्तारण के लिए अपीलीय अधिकरण का गठन होगा

इन मामलों के निस्तारण के लिए किराएदारी अपीलीय अधिकरण का भी गठन किया जाएगा। किराया प्राधिकारी के किसी भी आदेश के खिलाफ अपील की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार किरायेदारी करारनामें पर विवाद निपटारों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी में एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करेगी।

अपीलकर्ताओं को यूआईडी दी जाएगी

इस प्लेटफॉर्म पर सभी के मामलों को अपलोड किया जाएगा। अपील दाखिल कर्ताओं को यूआईडी दी जाएगी। जिसके माध्यम से शिकायतकर्ती की पहचान होगी। मकान मालिक या किराएदार की मृत्यु की स्थिति में विविध वारिस को 90 दिनों के भीतर किराया प्राधिकारी को इसकी जानकारी देनी होगी।

कब्जा बहाली के लिए मकान मालिक को देना होगा आवेदन

बेदखली और कब्जा बहाली के लिए मकान मालिक को किराया प्राधिकरण को आवेदन पत्र देना होगा। किराएदार से बकाया और अन्य कोई शुल्क बकाया न होने की भी सूचना किराया प्राधिकारी को देनी होगी। आपको बता दें कि ऐसा कोई भी आवेदन नहीं माना जाएगा जबतक उस आवेदन में मालिक या उसके वकील का ई-मेल आईडी, व्हाट्सऐप या मोबाइल नंबर न दर्ज किया गया हो।

Divyanshu Rao

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