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UP News: गंगा नदी का जलस्तर घटने से लोगों ने ली राहत की सांस
गंगा नदी का जलस्तर के घटने के कारण लोगों ने राहत की सांस ली है। गंगा नदी का जलस्तर निरंतर घटता जा रहा है।
Varanasi News: पिछले दस दिनों से बाढ़ की दुश्वारियां झेल रहे बनारस के लोगों की मुश्किलें छटने लगी हैं। गंगा का जलस्तर कम होने लगा है लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। फिलहाल गंगा के जलस्तर में 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से कमी आ रही है। लेकिन गंगा अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। माना जा रहा है की अगले एक दो दिन में जलस्तर में और कमी देखने को मिलेगी।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 71.20 मीटर था और पानी लगातार कम हो रहा है। गंगा में पानी कम होने के बावजूद अभी भी तटवर्ती इलाकों और उन स्थानों पर दुश्वारियां बनी हुई है जहां गंगा का पानी पहुँच चुका है। शहर के नगवां इलाके और लंका सामनेघाट मार्ग की स्थिति दयनीय बनी हुई है। लोगों को आने जाने में फ़ज़ीहत का सामना करना पड़ रहा है तो लोगों का आरोप है कि उन्हें कोई सुविधा भी नहीं मिल रही।
बाढ़ के चलते कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं। सामने घाट, मारुती नगर, नगवां के अलावा वरुणा के तटवर्ती इलाकों में जल प्रलय की स्थिति बनी है। लोग भगवान से यही दुआ कर रहे हैं की बाढ़ से कब निजात मिलेगी। दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन के साथ ही बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारी भी राहत बचाव कार्य में जुट गए हैं।। बीजेपी के तीनों मंत्रियों के अलावा आरएसएस के कार्यकर्ता भी जी जान से जुटे हैं।
फर्रुखाबाद में गंगा के जलस्तर में भले ही पांच सेंटीमीटर कम हुआ
वहीं फर्रुखाबाद में गंगा के जलस्तर में भले ही पांच सेंटीमीटर कम हुआ मगर जलस्तर अभी चेतावनी बिंदु से 25 सेंटीमीटर ऊपर चल रहा है। इससे अभी तराई इलाकों में खतरा बरकरार है नदियों में लगातार पानी छोड़े जाने से कटरी इलाके के लोगों केा राहत मिलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी नहीं बढ़ाई जा रही है। पशुओं के चारे के साथ आने जाने में परेशानी हो रही है। तमाम समस्याओं के बाद भी प्रशासन पीड़ितों के लिए राहत के इंतजाम नहीं कर रहा है।
राजेपुर के कनकापुर गांव में 2 दर्जन ग्रामीणों के घरों में नदी का पानी पहुंच चुका है। बदनपुर में कुछ इसी तरह की स्थिति है। कनकापुर से बहादुरपुर जाने वाले सम्पर्क मार्ग पर भी पानी चल रहा है। दहेलिया से जमापुर जाने वाले रोड पर पुलिया बनवाई गई थी। यह पुलिया कनकापुर गांव के पास बनी हुई है। इसमें मिट्टी डलवाई गई जो किनारों पर चटक रही है। निचले इलाकेां में बसे लोगों का कहना है कि इस बार पानी जो स्थिर है उससे दिक्कतें हो रही हैं। समझ नहीं आ रहा है कि कैसे काम किया जा सके। चित्रकूट गांव के कुछ घरों में पानी भरा है इससे यहां के लोग परेशान हैं।
ग्रामीणों ने जल्द से जल्द बेहतर व्यवस्था की मांग की है
ग्रामीणों ने जल्द से जल्द बेहतर व्यवस्था की मांग की है। इसके साथ ही साथ बीमारियां ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है। गंगा की बाढ़ से घिरे गांव हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, तीसराम की मड़ैया, रामपुर, जोगराजपुर, लायकपुर, अंबरपुर, करनपुर घाट, कुड़री सारंगपुर, अंबरपुर की मड़ैया में आने जाने के साथ ग्रामीणों के खाने पानी की भी परेशानी हो रही है। घर मे पानी भरे होने से ग्रामीणों को भोजन बनाने में दिक्कतें हो रही है।
कोई तो सड़क पर पॉलिथीन डाल कर रह रहा है तो कोई अपनी छतों का सहारा लिए है। घर जाने वाले रास्ते व घर के अंदर बाढ़ का पानी भरा होने से दीवार का सहारा लेकर छत पर जाने को ग्रामीण मजबूर हैं।बाढ़ पीड़ित ग्रामीण अपने पशुओं का पेट भरने के लिए पांच से आठ किलोमीटर दूर से घास काट कर ला रहे हैं। गांव में भरा बाढ़ का पानी तो कुछ कम हुआ, लेकिन परेशानियां जस की तस हैं। प्रशासन भी बाढ़ पीड़ितों की नहीं सुधि ले रहा है