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UP News Today: करोड़पति किसानों पर कर लगाये, गरीब किसान पर नहीं

UP News Today: ग़रीब किसानों के हक़ में क्या आप करोड़पति किसानों पर आयकर लगाने के पक्षधर हैं? या ख़ुद और ज़्यादा इनकम टैक्स देने को राज़ी हैं?

Manish Khemka
Written By Manish KhemkaPublished By Chitra Singh
Published on: 16 Oct 2021 8:02 AM IST
Kisan-Tax
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किसान-टैक्स (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

UP News Today: उत्तर प्रदेश के 64000 लखपति किसानों ने बीते साल फ़सल बेच कर 3 से 10 लाख रुपये कमाए। इनमें इन्द्र बहादुर सिंह व लाल बाबू (Indra Bahadur Singh and Lal Babu) जैसे किसानों ने 10-10 लाख की फ़सल सरकारी केंद्रों पर बेची।

इन्द्र बहादुर और लालबाबू जैसे भारत के क़रीब 5 अमीर किसान कितना भी कमाएं, आयकर नहीं देते। किसान होने के बावजूद ये न केवल सरकारी राशन की दुकानों से मुफ़्त अनाज लेते हैं ।.बल्कि किसान मानधन, उज्वला, मुफ़्त शौचालय और मकान व कर्ज माफी समेत सारी सुविधाएँ और मजे मिडिल क्लास करदाताओं की जेब से एन्जॉय करते हैं। जबकि ग़रीब किसानों की हालत आज भी ख़राब है। उनका भी हक़ यह अमीर किसान ले जाते हैं।

शहरों में सालाना ढाई लाख से ज़्यादा कमाने वाला मिडिल क्लास का मेहनतकश व्यक्ति अपनी कमाई पर न केवल इनकम टैक्स (Income Tax) चुकाता है । बल्कि गैस और रेलवे की सब्सिडी भी छोड़ देता है। करदाता होने के कारण उसे सरकार से अन्य कोई लाभ भी नहीं मिलता है।

शहरी किसान (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक़ कर निर्धारण वर्ष 2011-12 में 6.57 लाख किसानों" ने बकायदा रिटर्न दाख़िल करके बताया कि उन्होने "किसानी" से कुल क़रीब 2,000 लाख करोड़ रुपये कमाए। यह आंकड़ा भले ही आश्चर्यजनक हो । लेकिन बिलकुल दुरुस्त है) उन्हें इस रक़म पर एक भी पैसा आयकर नहीं देना पड़ा। यह रक़म तबके भारत के जीडीपी से 22 गुना अधिक थी। नीति आयोग की एक स्टडी के मुताबिक़ देश के 4 फ़ीसद अमीर किसानों को आयकर के दायरे में लाकर 25 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का राजस्व जुटाया जा सकता है।

ग़रीब किसानों के हक़ में क्या आप करोड़पति किसानों पर आयकर लगाने के पक्षधर हैं? या ख़ुद और ज़्यादा इनकम टैक्स देने को राज़ी हैं? इससे खेती की आड़ में काले धन को सफ़ेद करने का खेल भी रुकेगा। #LetsPayToNation



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Chitra Singh

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