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UP Nikay Chunav 2022: निकाय चुनाव में OBC आरक्षण से जुड़ी याचिका पर आज भी नहीं आया फैसला, अगली सुनवाई गुरुवार को
UP Nikay Chunav 2022: यूपी निकाय चुनाव में सरकार ने 2017 में किए गए सर्वे को OBC आरक्षण का आधार बताया है। सरकार ने कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा, इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट भी माना जाए।
UP Nikay Chunav 2022: यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण (UP Nikay Chunav OBC Reservation) लागू किए जाने मामले में बुधवार (21 दिसंबर) को भी फैसला नहीं आया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में अगली सुनवाई अब गुरुवार को होगी। उम्मीद थी कि निकाय चुनाव पर लगी रोक पर आज फैसला आ सकता है। राजनीतिक दलों की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी थीं। मगर, इंतजार और लंबी हो गई। सुनवाई कर रहे जजों ने कल यानी गुरुवार के लिए तारीख दे दी। ऐसे में चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने पर रोक लगी रहेगी।
इससे पहले, मंगलवार को कोर्ट ने स्टे को एक दिन के लिए बढ़ा दिया था। यूपी निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक आज तक के लिए बढ़ाई गई। बता दें, राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया। जिस पर याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने जवाब भी दाखिल किए हैं।
यूपी निकाय चुनाव में आरक्षण मसले पर आज फैसला आने की उम्मीद है। मंगलवार को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने नगर निकाय चुनाव 2022 से संबंधित स्टे को बुधवार तक के लिए बढ़ा दिया। राज्य सरकार का कहना था कि मांगे गए सभी जवाब, प्रति शपथपत्र में दाखिल कर दिए गए हैं। इस पर याचिकाकर्ताओं के वकील ने आपत्ति जाहिर करते हुए सरकार से विस्तृत जवाब मांगे जाने की गुजारिश की। हालांकि, कोर्ट ने उसे नहीं माना। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने इस मामले को सुनवाई के बाद जल्द निस्तारित किए जाने का आग्रह किया। उच्च न्यायालय में मामले की अंतिम सुनवाई जारी है।
कई याचियों ने दी थी याचिकाएं
ये आदेश जस्टिस डीके. उपाध्याय (Justice DK. Upadhyay) और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने वैभव पांडेय सहित अन्य याचियों की ओर से अलग-अलग दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया था। याचिकाकर्ताओं ने 5 दिसंबर, 2022 की अधिसूचना को चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार पर लगाए आरोप
याचिकाकर्ताओं ने नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) लागू करने में प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है। याचियों की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट ने इसी साल सुरेश महाजन मामले में दिए गए फैसले में स्पष्ट तौर पर आदेश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों (UP Nikay Chunav) में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी OBC आरक्षण जारी करने से पहले 'तिहरा परीक्षण' किया जाएगा। अगर, तिहरा परीक्षण की औपचारिकता नहीं की जा सकती, तो अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) सीटों के अलावा बाकी सभी सीटों को सामान्य सीट घोषित करते हुए चुनाव कराए जाएंगे।