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पंचायत चुनाव ने बजाई भाजपा में खतरे की घंटी, योगी सरकार को अखिलेश की सीधी चुनौती
सपा ने जिस तरह से बढ़त बना रखी है उसने साफ बता दिया है कि विधानसभा चुनाव में योगी सरकार को सीधी चुनौती मिलने जा रही है
लखनऊ: यूपी पंचायत चुनाव नतीजों ने भाजपा खेमे में खतरे की घंटी बजा दी है। पंचायत चुनावों को सत्तारूढ़ दल का चुनाव माना जाता रहा है लेकिन दो दिन से चल रही मतगणना में समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से बढ़त बना रखी है उसने साफ बता दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में योगी सरकार को सपा से सीधी चुनौती मिलने जा रही है। चार साल के काम के बावजूद योगी सरकार अब तक गांव में लोगों के दिल से सपा को निकाल नहीं सकी है। भाजपा का गढ़ समझी जाने वाली अयोध्या में भी जिला पंचायत की कुर्सी सपा के पास जाती दिख रही है।
प्रदेश के पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दूसरे दिन भी बढ़त बना रखी है लेकिन उसके ठीक पीछे समाजवादी पार्टी भी मजबूती से खड़ी दिखाई दे रही है। सोमवार की शाम तक 1536 जिला पंचायत वार्ड के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 491 की जीत के साथ सबसे आगे दिखी लेकिन समाजवादी पार्टी भी अपने 364 उम्मीदवारों को जीत दिलाने में कामयाब रही है। सरकार समर्थक समझे जाने वाले इन चुनाव में पहली बार भाजपा ने ऐलानिया तौर पर प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी है। योगी सरकार के काम-काज और विकास की पूंजी भी भाजपा के साथ है इसके बावजूद समाजवादी पार्टी लगभग 23 प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। गांवों के समग्र विकास, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के दम पर जीत हासिल करने वाली भाजपा के मुकाबले में पांच साल पहले अखिलेश यादव सरकार के किए गए काम हैं। जाहिर है इतने सालों में गंगा में काफी पानी बह चुका है इसके बावजूद अगर मतदाता अखिलेश यादव के साथ खड़े हैं तो यह योगी सरकार के काम – काज पर बड़ा सवाल है और भाजपा के सामने बड़ी चुनौती भी है।
समाजवादी पार्टी के मुकाबले भाजपा का संगठन आधार पर ज्यादा मजबूत है। वह गांवों से लेकर शहर तक हर जगह अपने कार्यकर्ताओं की फौज लेकर डटी हुई है। उसके पास पन्ना प्रमुख तक संगठन का ढांचा है जबकि समाजवादी पार्टी तो पिछले चार साल में अपनी प्रदेश कार्यकारिणी का चेहरा भी ठीक नहीं कर पाई है।
पंचायत चुनाव में सोमवार की शाम तक सामने आए नतीजों में बसपा भी 130 सीटों पर जीत दर्ज कराने में कामयाब रही है जबकि कांग्रेस ने 52 सीटों पर विजय श्री हासिल की है। कांग्रेस के लिए भी यह अच्छे संकेत हैं कि अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस का वोट बैंक बना हुआ है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल के शुरुआती महीनों में होने वाले हैं। योगी सरकार के पास अब गिनती के दिन बचे हुए हैं ऐसे में अगर सरकार और भाजपा दोनों ने कार्यशैली में सुधार नहीं किया तो सपा से मिल रही चुनौती को खतरा बनते देर नहीं लगेगी।