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जिला पंचायत चुनाव: दोबारा मतगणना में BJP प्रत्याशी जीता, लगा था गड़बड़ी का आरोप

BJP नेताओं के धरने के बाद परिणाम की कम्प्यूटिंग सूची की जांच हुई, जिसके बाद BJP प्रत्याशी 998 मतों से विजयी हो गया।

Sunil Mishra
Reporter Sunil MishraPublished By Shreya
Published on: 6 May 2021 3:20 PM IST
जिला पंचायत चुनाव: दोबारा मतगणना में BJP प्रत्याशी जीता, लगा था गड़बड़ी का आरोप
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धरने पर बैठे बीजेपी नेता (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

एटा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा जनपद (Etah) में 5 मई को सम्पन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों (UP Panchayat Elections 2021) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हार के बाद मतगणना में धांधली के आरोप लगाकर भाजपा के विधायक सहित तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठने से जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। पहले तो जिलाधिकारी ने अपने कर्मचारियों का पक्ष लेते हुए दोबारा काउंटिंग व जांच कराने से इनकार कर दिया। लेकिन दबाव बढ़ने के बाद उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी व अपर जिलाधिकारी से परिणाम की कम्प्यूटिंग सूची की जांच कराई।

जांच में भारी घपला पाया गया और प्रशासन द्वारा हराया गया भाजपा प्रत्याशी 998 मतों से विजयी हो गया। जिसके चलते जिला प्रशासन की कर्तव्य निष्ठा पर सवालिया निशान लग गया है। बता दें कि बीजेपी नेताओं ने वार्ड संख्या 10 और 12 में गलत ढंग से सपा प्रत्याशी को जिताने के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही वार्डों की मतगणना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए थे। वहीं अब जांच कराने के बाद भाजपा प्रत्याशी 998 मतों से विजयी हो गया है।

गजेंद्र सिंह 998 मतों से विजयी घोषित

जिला पंचायत सदस्य के वार्ड संख्या 10 के संशोधित परिणाम के अंतर्गत गजेंद्र सिंह, जिन्हें प्रशासन ने पूर्व में हरा दिया गया था, दोबारा जांच के बाद 998 मतों से विजयी घोषित किए गए। मामले में एटा जनपद के रिटर्निंग ऑफिसर जिला पंचायत मुख्य विकास अधिकारी अजय प्रकाश ने बताया, सहायक निर्वाचन अधिकारी सदस्य जिला पंचायत मतगणना विकासखंड जलेसर एटा द्वारा 5 मई को रिपोर्ट प्रेषित करते हुए अवगत कराया गया था कि विकासखंड जलेसर के अंतर्गत सदस्य जिला पंचायत वार्ड संख्या 10 के निर्वाचन परिणाम कंप्यूटिंग सीट में त्रुटिवश बूथ संख्या 28, 29, 125, 152, 170 एवं 175 की फीडिंग नहीं हो पाई है।

साथ ही सदस्य जिला पंचायत के वार्ड संख्या 10 के बूथ संख्या 160, 161, 162, 163, 164 की गणना सीट की फीडिंग जिला पंचायत के वार्ड संख्या 11 की निर्वाचन परिणाम कंप्यूटिंग सीट में हो गया है। अतः उस त्रुटि को दुरुस्त करने की अनुमति प्रदान करें, जिससे सदस्य जिला पंचायत वार्ड संख्या 10,11 का संशोधित परिणाम जारी हो सके। रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा उक्त रिपोर्ट एवं संबंधित अभिलेखों का अध्ययन गहनता पूर्वक अवलोकन किया गया और उक्त से सहमत होते हुए वार्ड संख्या 10,11 के परिणाम को संशोधित करने की अनुमति प्रदान की गई है।

विकासखंड जलेसर के सदस्य जिला पंचायत वार्ड संख्या 10 के संबंध में 5 मई 2021 को जारी सदस्य जिला पंचायत साधना देवी पत्नी मौसम सिंह का परिणाम एवं प्रमाण पत्र त्रुटिपूर्ण होने के कारण निरस्त कर दिया गया है और विकासखंड जलेसर के जिला पंचायत वार्ड संख्या 10 के संशोधित मतगणना परिणाम के आलोक में गजेंद्र सिंह पुत्र झंझन पाल को प्रमाण पत्र जारी किया गया।

रिटर्निंग ऑफिसर ने बताया कि जिला पंचायत सदस्य के वार्ड संख्या 10 से पूर्व में साधना देवी को 5787 एवं गजेंद्र 5446 मत प्राप्त होने के परिपेक्ष में साधना देवी को 348 मतों से विजई घोषित किया गया था। किंतु संशोधित परिणाम के आधार पर साधना को 6115 मत प्राप्त हुए हैं तथा गजेंद्र सिंह को 7113 मत प्राप्त हुए हैं। जिसके आधार पर गजेंद्र सिंह को 998 मतों से विजयी घोषित किया जाता है।

सपा की प्रत्याशी को मिली हार

एटा पंचायत चुनाव प्रभारी मंत्री धर्म वीर प्रजापति एम एल सी तथा दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री ने बताया कि जब हम सत्ता पक्ष के लोग डीएम के खिलाफ की घंटे धरने पर बैठे रहे तब वार्ड 10 व वार्ड 11 की निर्वाचन कम्प्यूटर सीटों की जांच हुई तो जिससे जिला प्रशासन का भाजपा को हराने का खेल सामने आ गया और सपा का 348 वोटों से जीती प्रत्याशी साधना देवी भाजपा के प्रत्याशी गजेन्द्र से 998 मतों से हार गया। जिससे जिलाधिकारी की स्थिति संदिग्ध स्पष्ट हो गयी है।

पहले वह चुनाव में गडबड़ी की बात को स्वीकार ही नहीं कर रही थी, अब स्थिति स्पष्ट होने व भाजपा प्रत्याशी को जानबूझकर हराने में गडबडी होने की बात स्वीकार रही है। उन्होंने कहा कि अब जिलाधिकारी विभा चहल का कहना है कि आप को जिस सीट पर संसय है हम उसकी पुनः जांच करा देंगे। प्रजापति ने कहा कि अगर पूरे जनपद की सभी सीटों की पूनः सही तरह से गणना होती है तो हम 25 सीटें जीतेंगे। साथ ही उन्होंने जनपद के अलावा किसी अन्य जनपद या अन्य एजेंसी से पुनः जांच कराने की मांग की है।

भाजपा नेताओं का धरना हुआ खत्म

इस पूरे धरना प्रदर्शन के घटनाक्रम से सत्ता पक्ष के नेताओं (मंत्री विधायक जिलाध्यक्ष आदि) की जनता में किरकिरी तो हुई ही हैं। साथ ही जिला प्रशासन की इस चुनाव में की गई गडबडी की भी कलई खुल गयी है। उक्त भाजपा प्रत्याशी के जीतने के बाद कलक्ट्रेट परिसर से भाजपा नेताओं का धरना समाप्त हो गया है।

आपको बताते चलें कि पंचायत चुनाव में जिला प्रशासन का पत्रकारों के प्रति व्यवहार काफी शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण रहा उनके पोलिगो व मतगणना स्थल पर आने व जाने पर रोक लगा दी गई थी। पुलिस को निर्देश थे कि वह मीडिया को मतगणना केंद्र में न घुसने दे जिसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारीयों से की गयी थी। वहीं पुलिस अधीक्षक समेत अधिकारियों द्वारा पत्रकारों के फोन जान बूझ कर नहीं उठाने का कारण अब स्पष्ट हो गया है।



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