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UP पंचायत चुनाव: मतगणना टालने की उठी मांग, कोरोना से हुई मौतों से सहमे कर्मचारी

पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से कई कर्मचारियों की मौत होने के बाद मतगणना टालने की मांग उठने लगी है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 29 April 2021 7:45 AM IST
UP पंचायत चुनाव: मतगणना टालने की उठी मांग, कोरोना से हुई मौतों से सहमे कर्मचारी
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ड्यूटी पर जाती महिलाएं (फोटो साभार- सोशल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है। न केवल संक्रमितों बल्कि मृतकों की संख्या में भी भारी इजाफा हो रहा है। बीते 24 घंटे में यहां पर 29,824 नए मरीज मिले हैं, जबकि इस दौरान 266 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। फिलहाल प्रदेश में अब 300041 एक्टिव केस (Covid active Cases) हो चुके हैं। जबकि कोरोना मृतकों का आंकड़ा बढ़कर कुल 11943 हो चुका है।

वहीं, दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते प्रसार के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2021) जारी है। इस बीच पंचायत चुनाव में ड्यूटी में तैनात किए गए कई कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। साथ ही कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित भी हो चुके हैं। जिसके चलते दूसरे कर्मचारियों में डर बैठ गया है। जिसके बाद मतगणना (Counting) रोकने की मांग उठने लगी है। ताकि अन्य कर्मचारी कोरोना से सुरक्षित रह सकें।

इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए हमने पहले ही चुनाव आयोग से इलेक्शन स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन हमारी नहीं सुनी गई। आयोग चुनाव करवाने में ही व्यस्त रहा। आज स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि कई कर्मचारियों की कोविड-19 के चलते मौत हो चुकी है।

वोटों की गिनती करते कर्मचारी (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

क्या अभी भी काउंटिंग कराना जरूरी है?

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस पंचायत चुनाव के दौरान लगभग 100 से ज्यादा शिक्षकों की मौत हो गई। क्या अभी भी काउंटिंग कराना जरूरी है? इसे टाल दिया जाना चाहिए, ताकि हम अपने परिजनों के साथ सुरक्षित रहें। यही नहीं उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सभी कामों में केवल बेसिक शिक्षकों को ही लगाया जाता है। जबकि राजकीय शिक्षकों और माध्यमिक शिक्षकों से चुनाव के दौरान ड्यूटी नहीं ली जा रही है।

भयावह परिस्थिति में मतगणना करवाने की जरुरत नहीं

दूसरी ओर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी कहते हैं कि हमने सरकार से पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान सुरक्षा किट्स की मांग की थी, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया। अब इसकी वजह से कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। कई ने महामारी के चलते अपनी जान गंवा दी है। इसलिए अब हम सरकार से मतगणना को स्थगित करने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा इस परिस्थिति में मतगणना कराए जाने की कोई जरुरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार मतगणना को तुरंत रोके और जहां चुनाव जारी हैं, वहां पर लोगों को पीपीई किट और सैनिटाइजर के साथ भेजा जाना चाहिए। हरि किशोर ने कहा कि अगर काउंटिंग के लिए सहमति बनती है तो मतगणना करने वाले की कोरोना रिपोर्ट लेने के बाद उसे इसका हिस्सा बनाया जाए।

खंड शिक्षा अधिकारी संघ ने की मुआवजे की मांग

इसके अलावा खंड शिक्षा अधिकारी संघ के जनरल सेक्रेटरी वीरेंद्र कनौजिया ने कहा कि संघन की ओर से राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा गया है कि मतगणना में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है। इस भयावह स्थिति में मतगणना को तुरंत टाल दिया जाए। संघ ने यह भी मांग की है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उनके परिजनों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा और नौकरी दी जाए।



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