सज़ा नहीं न्याय केंद्रित है तीन नए आपराधिक कानून, तय समय में मिलेगा न्याय: प्रशांत कुमार

UP DGP Prashant Kumar: यूपी पुलिस के महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आकाशवाणी समाचार लखनऊ से खास बातचीत में नए आपराधिक कानूनों को लेकर विस्तृत जानकारी दी है। आइए, जानते हैं तीनों नए आपराधिक कानून को।

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Newstrack Network
Published on: 19 Jun 2024 5:52 AM GMT (Updated on: 19 Jun 2024 5:53 AM GMT)
UP DGP Prashant Kumar
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यूपी पुलिस के महानिदेशक प्रशांत कुमार (Photo - Social Media)

UP DGP Prashant Kumar: देशभर में 1 जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। इनके लागू होने के बाद इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड यानी सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होंगे। नए आपराधिक कानूनों के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को त्वरित न्याय मिले।इसके लिए नई तकनीकों को पूरी प्रक्रिया में शामिल किया गया है। भारतीय न्याय संहिता 2023 कानूनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और पीड़ित की भागीदारी को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही न्याय वितरण में कानून प्रवर्तन की भूमिका को और मजबूत बनाता है। यूपी पुलिस के महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आकाशवाणी समाचार लखनऊ से खास बातचीत में नए आपराधिक कानूनों को लेकर जानकारी दी।

सज़ा नहीं न्याय आधारित कानून: प्रशांत कुमार


प्रशांत कुमार ने बताया कि समय की मांग को देखते हुए ये नए आपराधिक कानून लाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में दंड पर नहीं बल्कि न्याय पर जोर दिया गया है। भारतीय न्याय संहिता 2023 में ये सुनिश्चित किया गया है कि अपराध के मामले में पीड़ित को तय समय सीमा में न्याय मिले। नए आपराधिक कानूनों में आतंकवाद और संगठित अपराध जैसे नए विषय भी शामिल किए गए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में इस बात का ध्यान रखा गया है कि किसी शिकायत के समाधान में उससे जुड़े किसी भी पक्ष का उत्पीड़न ना हो।

महिला और बच्चों की सुरक्षा पर फोकस


यूपी पुलिस के महानिदेशक ने जानकारी देते हुआ बताया कि नए आपराधिक कानूनों में महिला और बच्चों से जुड़े सभी अपराधों को एक साथ पांचवें अध्याय में रखा गया है। 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के खिलाफ होने वाले अपराध के लिए कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। वहीं इनमे पीड़ित को अब एफआईआर की एक प्रति मुफ्त हासिल करने का अधिकार दिया गया है, साथ ही 90 दिन के अंदर जांच की प्रगति की जानकारी देने को जरूरी बनाया गया है। भारतीय न्याय संहिता, श्रम या वेश्यावृति के लिए बच्चों की खरीद-फरोख्त को दंडनीय अपराध बनाती है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने किशोर अपराधों को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि अक्सर कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें अपराध गंभीर होने पर भी कम उम्र होने के कारण आरोपी बच जाते थे, लेकिन अब मानसिक परिपक्वता के आधार पर तय होगा कि अपराधी वयस्क है कि नहीं और उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

मानव तस्करी पर कसेगा शिकंजा

यूपी डीजीपी ने बताया कि मानव तस्करी एक बड़ी चुनौती है I भारतीय न्याय संहिता 2023 में इससे निपटने के लिए कानूनों को और मजबूत किया गया है। किसी भी व्यक्ति की तस्करी, वेश्यावृत्ति और फिरौती के लिए मानव तस्करी को इनमें शामिल करते हुए आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड तक के प्रावधान किए गए हैंI इनमें भिक्षावृत्ति को भी जोड़ा गया हैI

तकनीक के साथ न्याय होगा आसान, गवाह को मिलेगी पूरी सुरक्षा


पुलिस महानिदेशक ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में अपराध स्थल से लेकर जांच और मुकदमें तक की प्रक्रियाओं को तकनीक से जोड़ा गया है । पीड़ित किसी भी प्रकरण में ई-एफआईआर करा सकते हैं। पीड़ित के साथ ही अपराधी को सजा दिलाने में गवाह की भूमिका बड़ी होती हैI प्रशांत कुमार ने बताया कि गवाहों को धमकियों से बचाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में गवाह संरक्षण योजना को शामिल किया गया है । उन्होने बताया कि गवाहों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की भी आजादी होगी। उन्होंने कहा कि जेलों में बढ़ते कैदियों के दबाव को देखते हुए नए आपराधिक कानूनों में कई प्रावधान जोड़े गए हैं। नई तकनीक के जरिए मामलों के निस्तारण में तेजी आएगी जिससे न्याय जल्दी मिलेगा। इससे जेल में कैदियों की संख्या कम होगी। इसके साथ ही छोटे अपराधों के लिए कम्युनिटी पनिशमेंट का प्रावधान किया गया है, जिससे अनावश्यक तौर पर जेल जाने से मुक्ति मिलेगी।

पुलिस विभाग ने शुरू की तैयारी


यूपी डीजीपी ने कहा कि नोटिफिकेशन आने के बाद से ही नए आपराधिक कानूनों को लागू कराने के लिए पुलिस विभाग ने तैयारी शुरु कर दी थी। प्रदेश के जितने भी प्रशिक्षण संस्थान है उसमें पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है I नए आपराधिक कानूनों की खास बात ये है कि ये लिंग तटस्थ हैं, जो हर नागरिक के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। साथ ही ये निरीक्षण तंत्र की जवाबदेही को समयबद्ध तरीके से तय करते हैं और अपराध की नई चुनौतियों से निपटने के लिए तंत्र को सक्षम बनाते हैं।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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