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अध्यक्ष जिला पंचायत के लिए मतदान की उल्टी गिनती शुरू, पंचायत सदस्यों कि सुरक्षा के लिए लिए प्रशासन कर रहा ऐसा इंतजाम
शनिवार को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चंद घंटे बाद होने वाले मतदान के लिए प्रशासन जहां तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है वहीं अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की तरफ से मतदाताओं को रिझाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी से श्याम सुंदर उर्फ साधू वर्मा तथा समाजवादी पार्टी से अजीत यादव प्रत्याशी हैं।
अंबेडकरनगर न्यूज। शनिवार को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चंद घंटे बाद होने वाले मतदान के लिए प्रशासन जहां तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है वहीं अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की तरफ से मतदाताओं को रिझाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी से श्याम सुंदर उर्फ साधू वर्मा तथा समाजवादी पार्टी से अजीत यादव प्रत्याशी हैं।
शनिवार को होने वाले मतदान को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर तैयारियां कर ली हैं। संबंधित थानाध्यक्षों को उनके अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। मजिस्ट्रेट और थानाध्यक्षों को अपने अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्यों की सूचना प्रत्येक दिवस की शाम को जिला प्रशासन को देने को कहा गया है। प्रशासन ने सभी जिला पंचायत सदस्यों को सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करा दिए गए हैं हालांकि कुछ सदस्यों ने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है।
जबकि कुछ सुरक्षा गार्डों को सदस्य ही नही मिल रहे। सूत्रों की माने तो सदस्यों को अपने पाले में करने के लिए धनबल के साथ-साथ बाहुबल का भी खुलकर प्रयोग किया जा रहा है। बुधवार को ऐसे ही कुछ लोगों को पुलिस ने खदेड़ कर भगाया था। बताया जाता है कि सदस्यों को रिझाने के लिए दस से 15 लाख रुपए तक का ऑफर दिया जा रहा है। जानकारी मिली है कि आधा दर्जन से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य भूमिगत हो गए है जिनके बारे में उनके परिवार के सदस्यों को भी जानकारी नही है। इसका खुलासा 29 जून को जिलाधिकारी द्वारा जिला पंचायत सदस्यों की बुलाई गई बैठक से ही हो जाता है।
दस जिला पंचायत सदस्य जिलाधिकारी के बैठक से रहें गायब
41 सदस्यों वाले सदन के 31 जिला पंचायत सदस्य ही जिलाधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक में उपस्थित हो सके थे। शेष जिला पंचायत सदस्य कहां थे, इसके बारे में किसी को कोई भी जानकारी नहीं थी। प्रशासन ने भी इन सदस्यों के बारे में जानने की कोई आवश्यकता नहीं समझी यह भी जानकारी मिली है कि कई सदस्यों के प्रमाण पत्र एक प्रत्याशी के पास रखवाये गए हैं। फिलहाल तीन जुलाई को होने वाले मतदान के उपरांत ऊंट किस करवट बैठता है यह देखने वाली बात होगी।