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जनता के बीच अपनी छवि बदलने में नाकाम UP पुलिस, खुलेआम पी बीयर
लखनऊ: राजधानी स्थित इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आईएएस-11 और आईपीएस-11 के बीच फ्रेंडली मैच खेला जा रहा था। इसमें आईपीएस अफसर खुलेआम बीयर पीते हुए मैच का लुत्फ उठाते दिखे। ऐसे में लाख टके का सवाल है, कि जब आम लोगों के लिए पब्लिक प्लेस पर नशे की चीजों के इस्तेमाल पर कार्रवाई की जाती है तो ऐसे में ये अफसर खुलेआम बीयर पीकर क्या संदेश देना चाहते हैं।
बिना लाइसेंस लिए अफसरों ने गटकी बीयर
आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे स्थानों पर बीयर या शराब के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस लेना होता है। उसके लिए उस प्लेस के ओनर को एनओसी देनी होती है। उसके बाद ही विभाग उस जगह शराब या बीयर पीने के लिए ओकेजनल लाइसेंस देने पर विचार करता है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में बीयर पीने के लिए लाइसेंस नहीं लिया गया था।
जुर्माना और सजा का है प्रावधान
ज्ञात हो कि सार्वजनिक स्थानों पर शराब या बीयर पीने पर जुर्माना और सजा का प्रावधान है। शहर में तमाम मॉडल शॉप हैं। ऐसे में पुलिस अफसरों का खुलेआम बीयर या शराब पीना यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े करता है।
सीएम-11 और आईएएस-11 के मैच में आई थीं सुंदरियां
बीते दिनों राजधानी के लामार्टिनियर ग्राउंड में आईएएस-11 और सीएम-11 के बीच हुए क्रिकेट मैच में सुंदरियां आई थीं। इनमें टीवी अभिनेत्री से क्रिकेट एंकर बनी मंदिरा बेदी, मॉडल पूनम पांडेय, वीरा समेत कई एक्ट्रेस शामिल थीं।
आईएएस-11 और आईपीएस-11 मैच में सुरा
आईएएस-11 और आईपीएस-11 के मैच में अब उसकी जगह सुरा ने ले लिया। इस मैच में आईपीएस अफसरों ने पैवेलियन में बीयर पीकर मैच का आनंद लिया। खास बात यह है कि इस दौरान उनके परिवार के लोग भी वहां मौजूद थे।
भाजपा ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन
भाजपा ने राज्यपाल राम नाईक को ज्ञापन देते हुए कहा, कि एनआईए के डीएसपी तंजील की हत्या की खबर आने के बावजूद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी क्रिकेट मैच खेलते रहे। हद तो तब हो गई जब उस मैच के दौरान मैदान पर सार्वजनिक तौर पर बीयर और मद्यपान किया गया। मद्यपान कर रहे अधिकारियों के बराबर में डीजीपी जाविद अहमद बैठे थे।
प्रशासन और पुलिस नहीं दिखी गंभीर
भाजपा के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक का कहना है कि सामान्यत: सार्वजनिक स्थानों पर मद्यपान करने पर कार्यवाही का प्रावधान है। लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया। सरकार, प्रशासन और पुलिस की इस प्रकरण पर गंभीर न दिखना, महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है।
आतंकी गतिविधियों के लिए मुफीद बना यूपी
पाठक ने कहा, कि प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था और सरकार का वोट की लालच में कथित आतंकी गतिविधि संचालित करने वालों के संरक्षण के कारण यूपी आतंकवादी गतिविधियों के लिए मुफीद होता जा रहा है।