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UP Police Paper Leak Case: पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने मेरठ से छह लोगों को किया गिरफ्तार
Meerut News: यूपी पुलिस पेपर लीक कराने वाले गिरोह के सदस्यों को एसटीएफ टीम ने मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।
Meerut News: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा (Uttar Pradesh Police Constable Recruitment Exam) में पेपर लीक (paper leak) करने वाले गिरोह के सदस्यों में से 6 लोगों को एसटीएफ (STF) द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी मेरठ जिले के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के नागलतासी क्षेत्र से की गयी है।
पुलिस लाइन स्थित ऑफिस में सभी से पूछताछ की जा रही है। इन आरोपियों ने 18 फरवरी 2024 की दूसरी पाली की उत्तर कुंजी का उपयोग कर नकल की थी। इन गिरफ्तार आरोपियों से आठ मोबाइल फोन और एक वैगनार कार को भी बरामद कर लिया गया है।
ये है पकड़े गए आरोपी
पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार किया हिअ जिनके नाम ये है। बिट्टू सिंह बहादुर पुत्र दयाराम सिंह जो ग्राम अलीपुर, थाना सरधना, मेरठ में निवास करते हैं। साहिल, जो अमरनाथ का पुत्र है, उनका निवास शोभापुर निकट अम्बेडकर पार्क, थाना कंकरखेड़ा, मेरठ में है। तीसरे नंबर पर नवीन, सलेखचंद का पुत्र, शोभापुर में रहता है। चौथे नंबर पर रोहित कुमार, जो विनोद कुमार का पुत्र है, मकान नंबर 237, गोलाबाद, थाना टीपी नगर, मेरठ में निवास करता है। पांचवें नंबर पर दीपक, जो दिनेश का पुत्र है, टू व्हीलर रोड, सनराइज कॉलोनी, थाना कंकरखेड़ा, मेरठ में रहता है। आखिरी में, प्रवीण कुमार, जो ओमपाल सिंह का पुत्र है, नगलातासी कंकरखेड़ा में निवास करता है।
अब तक कई लोग पकड़े जा चुके है
उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद एसटीएफ का एक्शन जोरों पर रहा है। अलग-अलग जिलों से उत्तर प्रदेश पुलिस की परीक्षा में पपएर लीक करने वालों को पकड़ा जा रहा है। एक बार फिर एसटीएफ ने मेरठ से प्रवीण को गिरफ्तार किया है साथ ही उसके पूरे गरोह को भी धर दबोचा है। प्रवीण पर यूपी पुलिस की सिपाही परीक्षा में पेपर लीक करने का आरोप है। गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध थाना कंकरखेडा जनपद मेरठ में मु0अ0सं0 166/ 2024 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि व 3/4/7/8/9 सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधि0 पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
पेपर लीक के आरोप में रद्द की गई परीक्षा
यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिन्होंने परीक्षा के बाद पेपर लीक का आरोप लगाया था। इसके बाद अभ्यर्थियों ने कई दिनों तक परीक्षा के रद्द होने की मांग की और आंदोलन किया। विपक्ष ने भी इस मामले में सरकार के खिलाफ मोर्चा किया और उनसे इसकी जाँच कराने की मांग की।
बढ़ते दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने परीक्षा को रद्द करने की घोषणा कर दी और आगामी छह महीनों में दोबारा परीक्षा लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की जांच एसटीएफ को सौंपी थी।