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यूपी पुलिस वीक: जाबांज पिता को सम्मानित होते देख बढ़ा हौसला तो बेटे ने ज्वाइन कर ली इंडियन आर्मी

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Published on: 9 Dec 2016 8:15 AM GMT
यूपी पुलिस वीक: जाबांज पिता को सम्मानित होते देख बढ़ा हौसला तो बेटे ने ज्वाइन कर ली इंडियन आर्मी
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लखनऊ: यूपी में शुक्रवार को गवर्नर राम नाईक ने यूपी पुलिस वीक का उद्घाटन रिज़र्व पुलिस लाइंस में किया। इस मौके पर गवर्नर ने जांबाज पुलिस वालों को पदक देकर सम्मानित किया। इस मौके पर पुलिसकर्मियों को वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिए गए। इनमे एक नाम डीएसपी मुजफ्फरनगर के पद पर तैनात सुनील कुमार सिंह प्रताप का भी है।

इनकी जाबांजी को देखकर गवर्नर राम नाईक ने इन्हें राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया। इनको देखकर इनका बेटा भी इंडियन आर्मी में ऑफिसर के रूप में भर्ती हुआ और शुक्रवार को बावर्दी पुलिस लाइन में अपने पिता का हौसला बढाने के लिए मौजूद था।

4 साल पहले डिफेन्स सर्विस में आए गौरव प्रताप, पिता को इसलिए मानते हैं प्रेरणा

- गौरव प्रताप ने बताया कि उनके पिता सुनील कुमार सिंह प्रताप बतौर डीएसपी मुज़फ्फरनगर जिले में तैनात हैं।

-पिता कि बहादुरी के किस्से सुनकर और अखबारों में पढ़कर बड़े हुए हैं

-अगर आप फोर्स में रहकर कुछ अच्छा काम करते हैं तो उसकी अलग पहचान होती है।

-पिता को उनके कार्योंं की वजह से हमेशा सम्मान और प्रमोशन दोनों मिला।

-इसके अलावा लोगो की नजरो में जो सम्मान पिता के लिए देखा उसको देखकर प्रभावित हुआ।

-इसलिए वर्ष 2012 में मेहनत से तैयारी करके कंबाइंड डिफेन्स सर्विसेज के एग्जाम को क्वालीफाई किया।

-वर्ष 2013 में पासिंग आउट परेड हुई और एक सफल कैडेट बनकर उभरा।

वर्दी में देखकर पिता हो गए थे गदगद, कड़ी ट्रेनिंग से गुजरकर बने ऑफिसर

- गौरव प्रताप ने बताया कि जब वर्ष 2013 में पासिंग आउट परेड पूरी करके पापा के सामने गया तो मुझे वर्दी में देखकर वो बहुत खुश हुए।

- उन्होंने बताया कि वो आज जो कुछ भी हैं अपने पिता कि बदौलत हैं।

-उनको देखकर ही जीवन में आगे बढे हैं।

-वही मेरी इन्स्पिरेशन हैं।

-ऑफिसर बनने के लिए बहुत कड़ी ट्रेनिंग से गुजरा हूं।

-ट्रेनिंग करते समय यही लगता कि पिता की तरह ही बनना है।

- गौरव प्रताप ने बताया कि उन्होंने आर्मी पब्लिक स्कूल शिमला से स्कूलिंग की है।

-इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से बीए किया है।

- ग्रेजुएशन के बाद सीधे डिफेन्स सेवा में आ गए।

- गौरव प्रताप का सपना है कि वो अपने पिता की तरह ही देश के काम आए और उनका नाम रोशन करें।

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