TRENDING TAGS :
UP पुलिस का ये काम बनेगा रिसर्च का विषय, 'साहस' के तहत जेम्स रिडले मानसिक रोगियों से मिले
मुरादाबाद: प्रदेश के कम्युनिटी प्रोग्राम 'साहस' के तहत एज हिल यूनिवर्सिटी इंग्लैंड के सीनियर लेक्चरर जेम्स रिडले ने बिलासपुर और खजूरिया क्षेत्र के गांवों का भ्रमण कर मानसिक रूप से निशक्त बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि वह 'साहस' को यूनिवर्सिटी के शोध का हिस्सा बनाना चाहते हैं। जिसके माध्यम से इंग्लैंड के हेल्थ वर्कर यहां के हेल्थ वर्कर, प्राइमरी टीचर्स और पुलिसकर्मियों के साथ समन्वय बनाएंगे।
यह भी पढ़ें...एक्शन में योगी: अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट के कामों की जांच, 45 दिन में मांगी रिपोर्ट
आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर...
अपनी यूनिवर्सिटी में रिसर्च का हिस्सा बनाएंगे
लेक्चरर जेम्स रिडले कार्यक्रम को जानने के लिए विशेष टूर पर 15 दिनों के लिए 26 मार्च से मुरादाबाद और रामपुर क्षेत्र के दौरे पर हैं। वो पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का अध्ययन कर रहे हैं, और वे खुद इस कार्यक्रम के जनक डिप्टी एसपी राहुल कुमार के साथ मानसिक रूप से निशक्त लोगों से मिल रहे हैं।
जिससे वे काफी प्रभावित हैं और इसलिए इसे अपनी यूनिवर्सिटी में रिसर्च का हिस्सा बनाएंगे। इस कार्यक्रम की नींव डिप्टी एसपी राहुल कुमार ने मुरादाबाद में उस समय रखी थी जब वे कांठ सर्किल के सीओ थे। उनके इस कार्यक्रम को तत्कालीन डीजीपी ने काफी सराहा था और इसे यूपी पुलिस मैनुअल में शामिल कराया था।
यह भी पढ़ें...योगी ने लगाया सीएम आवास पर जनता दरबार, फरियाद लेकर पहुंचीं मुस्लिम महिलाएं
राहुल बताते हैं कि इस कार्यक्रम के पीछे यही उद्देश्य था की ऐसे लोग जो मानसिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं उनके अपनों के बाद उनका क्या होगा। इसी आधार पर इस कार्यक्रम को बनाया गया, जिसमें पुलिस के साथ ही स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिला।
इसमें पुलिस थानावार मानसिक रूप से कमजोर लोगों का रजिस्टर तैयार करती है और सप्ताह और महीने में उनकी खैर खबर के साथ ही उनकी दवाई उनके प्रमाण पत्र या अन्य कोई जरूरी काम वो करवाती है।
यह भी पढ़ें...पहले इंटरव्यू के लिए योगी ने चुना आरएसएस के माउथ पीस पांचजन्य को, बोले मंदिर मुद्दे पर
राहुल का ये खुद का कार्यक्रम है तो लिहाजा उन्होंने कांठ में अपने स्तर से ऐसे लोगों व बच्चों के लिए स्कूल भी शुरू किया जो रामपुर में भी जारी है। जिसमें वे और उनकी पत्नी दोनों पढ़ाते हैं। खुद राहुल को भी अंदाजा नहीं होगा कि इस कार्यक्रम को अब विश्व स्तर पर भी पहचान मिलेगी।