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UP Election 2022: बीजेपी ने लगवाई भगवान परशुराम की प्रतिमा, क्या नाराजगी होगी दूर?

UP Politics: आज लखनऊ में बीजेपी की ओर से भी परशुराम जी की मूर्ति स्थापित की गई। यह मूर्ति कृष्णा नगर के सहसोवीर मंदिर में स्थापित की गई है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 7 Jan 2022 7:48 AM GMT
BJP statue of Lord Parshuram
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बीजेपी ने लगवाई भगवान परशुराम की प्रतिमा (फोटो-न्यूजट्रैक)

UP Politics: इन दिनों उत्तर प्रदेश में भगवान परशुराम की चर्चा जोर शोर से चल रही है। समाजवादी पार्टी के बाद आज लखनऊ में बीजेपी की ओर से भी परशुराम जी की मूर्ति स्थापित की गई। यह मूर्ति कृष्णा नगर के सहसोवीर मंदिर में स्थापित की गई है। जिसे प्रयागराज से बीजेपी सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने लगवाई है।

मयंक जोशी ने यह प्रतिमा राजस्थान से मंगाई थी जो 5 फीट की है, आज से मंदिर परिसर में विधि विधान से पूजन के बाद स्थापित कर दिया गया है। मूर्ति का अनावरण करने बीजेपी के ब्राह्मण नेता उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक और सांसद रीता बहुगुणा जोशी मौजूद रहीं।


ब्राह्मणों को रिझाने के लिए जागा परशुराम प्रेम!

वैसे तो ब्राह्मण यूपी की राजनीति में हमेशा से केंद्र बिंदु रहे हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में इन्हें अपने पाले में करने के लिए प्रमुख तौर पर सपा-बसपा और भारतीय जनता पार्टी लगी हुई है। समाजवादी पार्टी ने गोसाईगंज स्थित पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे भगवान परशुराम का मंदिर बनवा कर ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश की है तो वही आज भारतीय जनता पार्टी ने भी लखनऊ में परशुराम भगवान की प्रतिमा लगाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि भारतीय जनता पार्टी भी उनकी हितैषी है और उनके मान सम्मान के लिए कार्य करती रहेगी।

बात बहुजन समाज पार्टी की करें तो पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए ब्राह्मणों को जोड़ने की कवायद शुरू किया था जो अभी भी जारी है। इस बार उनकी पत्नी और बेटा भी अलग-अलग कार्यक्रम कर ब्राह्मणों को अपने पाले में कर मायावती को मुख्यमंत्री बनाने प्रयास में लगे हैं।


ब्राह्मणों पर इतना फोकस क्यों?

दरअसल राज्य में पिछड़ा, दलित, मुस्लिम के बाद सबसे ज्यादा राजनीतिक दलों का फोकस ब्राह्मण वोटों पर है। वह इसे किसी भी कीमत पर अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। क्योकि इनकी आबादी भी 12 प्रतिशत से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी सीटें हैं जहां इनकी आबादी 15 प्रतिशत से ज्यादा है। ये सीटें

बलरामपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, जौनपुर, अमेठी, वाराणसी, चंदौली, कानपुर, प्रयागराज हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भले ही यूपी में मुस्लिम-दलित आबादी 20-20 फीसदी हो लेकिन रणनीति और समझदारी से वोटिंग के मामले में ब्राह्मणों से बेहतर कोई नहीं है। ब्राह्मणों की इसी खासियत ने उन्हें हर पार्टी नेतृत्व के करीब रखा और अब जब 2022 की रणभेरी बज चुकी है तो ब्राह्मण मतदाता एक बार फिर से सभी पार्टियों के लिए अहम हो गए हैं।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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