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उत्तर प्रदेश में फिलहाल योगी नहीं जल्द चौधरी जाएंगे बदल, हो सकती है 16 मंत्रियों की छुट्टी

UP Politics : राज्य में चौधरी की जगह नये अध्यक्ष की तलाश तेज हो गयी है। अभी रेस में सबसे आगे केशव प्रसाद मौर्य का नाम है। यही वजह है कि दिल्ली हाईकमान ने केशव प्रसाद मौर्य व भूपेन्द्र चौधरी को बुलाकर लंबी गुफ़्तगू की है।

Yogesh Mishra
Written By Yogesh Mishra
Published on: 17 July 2024 10:21 PM IST (Updated on: 17 July 2024 10:29 PM IST)
उत्तर प्रदेश में फिलहाल योगी नहीं जल्द चौधरी जाएंगे बदल, हो सकती है 16 मंत्रियों की छुट्टी
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UP Politics : उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘संगठन बनाम सरकार’ का विवाद छेड़ कर भले ही निशाने पर योगी आदित्यनाथ व उनकी सरकार को लिया हो। पर इसकी जद में सीधे तौर से राज्य के भाजपा प्रमुख भूपेन्द्र चौधरी आ गये हैं। राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर लगाई जा रही अटकलों का सच यही है। राज्य में चौधरी की जगह नये अध्यक्ष की तलाश तेज हो गयी है। अभी रेस में सबसे आगे केशव प्रसाद मौर्य का नाम है। यही वजह है कि दिल्ली हाईकमान ने केशव प्रसाद मौर्य व भूपेन्द्र चौधरी को बुलाकर लंबी गुफ़्तगू की है।

चौधरी भाजपा के पुराने व संगठन के मज़बूत स्तंभ माने जाते हैं। वह क्षेत्रीय इकाई में भी काम कर चुके हैं। वह जाट बिरादरी से आते हैं। भूपेन्द्र चौधरी को अध्यक्ष बनाने के बाद भाजपा हाईकमान को इस बात का भरोसा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट बिरादरी को भाजपा के पाले में लाने का काम वह कर दिखायेंगे। यही नही, संगठन के पुराने नेता को राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाने से संगठन न केवल मज़बूत होगा, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं की सुनवाई होगी। पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उलटे जाट वोटों को भाजपा के पाले में खड़ा करने के लिए हाई कमान को रालोद के जयंत चौधरी को उनकी शर्तों पर एनडीए का हिस्सा बनाना पड़ा। यही नहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता भी अपनी सीट नहीं बचा सके। जो कुछ शोर शराबा व हलचल है इसे भविष्य की भूमिका जरूर कह सकते हैं। क्योंकि योगी आदित्यनाथ व भूपेन्द्र चौधरी दोनों के खिलाफ विरोध के स्वर अपने अपने ढंग से तेज हो चुके हैं।

पीएम मोदी और भूपेंद्र चौधरी (Photo - Social Media)

पूर्व मंत्री व भाजपा के बहुत पुराने नेता मोती सिंह ने बीते दिनों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में सरकार की कई कमियों को उजागर करते हुए यहां तक कह डाला कि, ”उनके बयालीस साल के राजनैतिक जीवन में इतना भ्रष्टाचार कभी और किसी सरकार ने नहीं देखा।” इसी के साथ जौनपुर जिले के भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने केंद्रीय नेताओं से उत्तर प्रदेश के खराब हालात में हस्तक्षेप करने की अपील की। यह भी कह डाला कि, “यदि केंद्रीय नेतृत्व हस्तक्षेप नहीं करेगा तो अगले विधानसभा में भाजपा की सरकार नहीं बनने वाली है।” एनडीए के सहयोगी निषाद पार्टी के संजय निषाद और अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी योगी को परेशान करने वाले पत्र लिखने की लाइन में आकर खड़ी हो गई हैं।

उधर, भाजपा की पूर्व विधायक शशिबाला पुंडीर ने प्रदेश अध्यक्ष पर कार्यकर्ताओं के साथ उचित व्यवहार न करने का आरोप लगाया। मानद पूर्व मंत्री सुनील भराला ने तो यहां तक कहा,” प्रदेश अध्यक्ष को जाट समाज के सिवाय कुछ सुझता ही नहीं है। पश्चिम में नौ ज़िला पंचायत अध्यक्ष जाट समाज से हैं। ब्राह्मण समाज का एक भी नहीं है। अमरोहा और बिजनौर को छोड़ मुरादाबाद के आस-पास की सभी सीटें हार गये। अमरोहा में भी चार विधानसभा हारे। बिजनौर की जीत रालोद की है। भाजपा की नहीं। “

(Photo - Social Media)

बुधवार को दिल्ली से लेकर लखनऊ तक चली राजनीतिक हलचल के नतीजे आने अभी दूर की कौड़ी हैं। पर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि हाईकमान यह समझ चुका है कि आमूलचूल परिवर्तन किये बिना उत्तर प्रदेश की बीमारी का इलाज नहीं निकाला जा सकता है। पर हाई कमान की दिक़्क़त है कि उसके लिए यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि वह राज्य में ओबीसी कार्ड खेलता रहे या कोई बड़ा बदलाव करे। सूत्र बताते हैं कि बुधवार की हलचल से एक यह भी विचार मज़बूत हुआ है कि मंत्रीमंडल में बड़ा बदलाव करके योगी आदित्यनाथ को थोड़ा समय और दिया जाये। यदि इस ओर हाई कमान के कदम बढ़े तो सोलह मंत्रियों पर गाज गिर सकती है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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