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योगी आदित्यनाथः ये बनेगा योगी का चुनाव क्षेत्र, जानकारी के लिए पढ़े इसकी वजह
सीएम योगी आदित्यनाथ जहां से चुनाव लड़ सकते हैं उनमें अयोध्या, गोरखपुर, मथुरा और काशी के नाम चर्चा में हैं।
UP Politics: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यूपी का विधानसभा चुनाव (UP assembly elections) और दिलचस्प हो गया है. अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि योगी कहां से चुनाव लड़ेंगे। सवाल ये भी है कि आखिर योगी के चुनाव लड़ने की जरूरत क्यों महसूस की जा रही है. फिलहाल वे विधान परिषद के सदस्य हैं. और सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये कि उनके लड़ने से बीजेपी को कितना फायदा होगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ जहां से चुनाव लड़ सकते हैं उनमें अयोध्या, गोरखपुर, मथुरा और काशी के नाम चर्चा में हैं। राजनीतिक समीक्षक और वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ल का कहना है कि योगी के अयोध्या विधान सभा सीट से लड़ने की संभावना सबसे अधिक है. श्री शुक्ल का कहना है कि राम मंदिर आंदोलन में गोरक्षपीठ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
बीजेपी को पूरे प्रदेश में सीटों का फायदा
मंदिर निर्माण में इस पीठ का बड़ा योगदान है। महंत बाबा अवेद्य नाथ जी इस आंदोलन की रीढ़ थे। विहिप हमेशा उन्हें आगे रखती थी। अशोक सिंहल जी भी उन्हें बहुत मानते थे। इस आंदोलन में योगी आदित्यनाथ की भी बड़ी भूमिका रही है।
यदि योगी यहां से चुनाव लड़ेंगे तो इसका संदेश पूरे देश में जाएगा। जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी काशी से लड़े तो पूरी दुनिया में संदेश गया। इसी तरह से अयोध्या से योगी के लड़ने का असर पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी चर्चा होगी। बीजेपी को पूरे प्रदेश में सीटों का फायदा होगा।
पूर्वांचल की कई सीटों पर असर
उधर अगर मथुरा-वृंदावन सीट की बात करें तो यहां से यदि योगी लड़ते हैं तो पश्चिम में बीजेपी को फायदा हो सकता है। बीते दिनों किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इसी क्षेत्र पर पड़ा है। जाट वोटों के बीजेपी से अलग होने की बात भी कही जा रही है। इससे निपटने के लिए बीजेपी योगी को मथुरा से लड़ाने पर विचार कर सकती है। योगी के लड़ने से जाट वोटों का बिखराव रोका जा सकेगा ऐसा कुछ नेताओं और समीक्षकों का मानना है।
जहां तक गोरखपुर की बात है तो यह योगी का अपना गढ़ है। उनके लिए वहां से लड़ना सबसे आसान होगा। और इसका असर पूर्वांचल की कई सीटों पर पड़ेगा। वाराणसी में हाल ही में श्री काशी विश्वनाथ कारीडोर बनाकर और इसे श्री काशी विश्वनाथ तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित कर केंद्र और राज्य सरकार ने बड़ा काम किया है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है। काशी को भी योगी की संभावित सीट के रूप में देखा जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय चौधरी से जब हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने साफ कहा कि बीजेपी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टी है। हमारी ये विचारधारा लगातार देश में बढ़ रही है। योगी जी के चुनाव लड़ने से सांस्कृतिक और धार्मिक राष्ट्रवाद का विचार और मजबूत होगा और ये विचारधारा जन जन तक पहुंचेगी।
कुल मिलाकर वर्तमान स्थिति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के किसी धार्मिक क्षेत्र से ही विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। उनके सबसे प्रमुख प्रतिद्वंदी अखिलेश यादव पहले ही चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में योगी निश्चित ही चुनावी मैदान में उतरकर अपने को हर मोर्चे पर आगे रखने का संदेश भी जनता को देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।