UP Politics: अरविंद शर्मा को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी, सभी मोर्चों के अध्यक्षों की घोषणा

UP Politics : भारतीय जनता पार्टी में बड़ा फेरबदल हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को भाजपा के प्रदेश प्राधिकारियों के नामों का एलान कर दिया। इसके तहत भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष समेत दो प्रदेश मंत्री घोषित किए गए हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Shivani
Published on: 19 Jun 2021 11:18 AM GMT (Updated on: 19 Jun 2021 11:44 AM GMT)
Arvind Kumar Sharma to become Deputy CM
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अरविंद कुमार शर्मा (फोटो: सौ. से सोशल मीडिया) 

UP Politcs: भारतीय जनता पार्टी (BJP)में बड़ा फेरबदल हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने शनिवार को भाजपा के प्रदेश प्राधिकारियों के नामों का एलान कर दिया। इसके तहत भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष समेत दो प्रदेश मंत्री घोषित किए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ए.के. शर्मा(AK Sharma) सदस्य विधान परिषद (मऊ) को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की तो वहीं अर्चना मिश्रा (लखनऊ) और अमित बाल्मीकि (बुलन्दशहर) को प्रदेश मंत्री नियुक्त किया है।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष समेत दो प्रदेश मंत्री घोषित

दरअसल, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार (UP Cabinet Expand) को लेकर चल रही चर्चा पर अब पूरी तरह विराम लग गया है क्योंकि एक ओर मंत्रिमंडल में जिस अरविंद कुमार शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा गर्म थी, उन्हें संगठन में उपाध्यक्ष पद से नवाज दिया गया है। भाजपा एक व्यक्ति एक पद पर विश्वास करती है। ऐसे में सरकार में रद्दोबदल करने के बाद छह सात महीने के भीतर किसी नए उम्मीद का जगना हाईकमान के गले के नीचे उतरने वाली बात अब नहीं लग रही है। यह जरूर है कि बहुत छोटे स्तर पर विभागों में मंत्रियों के कार्य विभाजन में थोड़ा बहुत बदलाव किया जाएगा।


बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले महीने से जारी उथल-पुथल का ठहराव होता दिखाई दे रहा है। शनिवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस छोडक़र आए जतिन प्रसाद पहली बार पहुंचे तो दूसरी ओर आईएएस से विधानपरिषद सदस्य बने अरविंद कुमार शर्मा को संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष के तौर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। पहले उन्हें प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की बात चर्चा में थी। माना जा रहा था कि वह उपमुख्यमंत्री बनने के साथ ही गृह विभाग के भी मुखिया होंगे।

बताया जाता है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की मंशा भी अरविंद शर्मा के पक्ष में थी लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खेमे ने इसका खुला विरोध कर दिया। इस विरोध की वजह से पार्टी में आंतरिक टकराव की बातें भी सामने आईं। पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के अलावा राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने भी लखनऊ का दौरा किया। बीएल संतोष ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों और पदाधिकारियों से अलग-अलग मुलाकात कर हाल भी जाना था। उनकी रिपोर्ट के बाद पांच जून को दिल्ली में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ बैठक हुई। तब यह भी चर्चा हुई थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बदला जा सकता है। इसके बावजूद योगी खेमा इस बात पर डटा रहा कि अरविंद शर्मा को सरकार में शामिल नहीं किया जा सकता है।

प्रदेश सरकार के ढांचे में कोई बदलाव नहीं

शनिवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की ओर से एक पत्र जारी किया गया है जिसमें अरविंद शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष, लखनऊ की अर्चना मिश्रा को प्रदेश मंत्री और बुलंदशहर के अमित वाल्मीकि को प्रदेश मंत्री बनाया गया है। संगठन में नई नियुक्ति की इस घटना के बाद अब बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी टल गया है। अभी संगठन और सरकार का पूरा ध्यान जिला पंचायत अध्यक्ष व विकास खंड पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर है। इन दोनों स्तर के चुनाव जुलाई महीने के पहले सप्ताह में पूरे कराए जाएंगे। तब तक प्रदेश सरकार के ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। भाजपा के जो नेता इस चुनाव में संगठन के लिए काम करके दिखाएंगे उनमें से ही किसी को मंत्रिमंडल विस्तार में मौका दिया जा सकता है। बताया यह भी जा रहा है कि अब मंत्रि मंडल विस्तार भी कुछ मंत्रियों के विभाग में फेरबदल और कुछ को ज्यादा जिम्मेदारी तक ही सीमित रहेगा। सरकार और संगठन में यह सहमति बन चुकी है कि विधानसभा चुनाव में अब महज छह महीने का समय है ऐसे में मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया जाना उचित नहीं होगा।

संघ और भाजपा के टकराव का है नतीजा

भाजपा में यह चर्चा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में अरविंद शर्मा को जगह नहीं मिलने की वजह संघ और भाजपा का आंतरिक टकराव है। इस मुद्दे पर भाजपा और संघ दोनों के अलग विचार हो गए थे। भाजपा नेतृत्व जहां अरविंद शर्मा को सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने के पक्ष में था वहीं आरएसएस नेतृत्व को योगी खेमा यह समझाने में कामयाब रहा कि इससे प्रदेश सरकार के नेतृत्व को सीधे चुनौती मिलेगी। इसका नुकसान नौकरशाही के काम-काज से लेकर सरकार की छवि पर भी पड़ेगा। इसका नुकसान सीधे चुनाव में उठाना पड़ सकता है। इसके बाद ही संघ लॉबी पूरी तरह से योगी खेमे के साथ आ गई और भाजपा नेतृत्व को मुंह की खानी पड़ी।

भाजपा में विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा

इसके अलावा आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी के विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा भी की है। स्वतंत्र देव सिंह ने प्रांशुदत्त द्विवेदी (फर्रूखाबाद) को युवा मोर्चा, गीताशाक्य राज्यसभा सांसद (औरैया) को महिला मोर्चा, कामेश्वर सिंह (गोरखपुर) को किसान मोर्चा, नरेन्द्र कश्यप पूर्व सांसद (गाजियाबाद) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा, कौशल किशोर सांसद को अनुसूचित जाति मोर्चा, संजय गोण्ड (गोरखपुर)को अनुसूचित जनजाति मोर्चा और कुंवर बासित अली (मेरठ) को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है।



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