UP Politics News: नेताओं के पार्टी छोड़ने से हताश मायावती ने अखिलेश पर किया जोरदार हमला

दूसरी पार्टियों के स्वार्थी, टिकटार्थी व निष्कासित लोगों को सपा में शामिल कराने से इनकी पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 3 Oct 2021 3:04 PM GMT
UP Politics News: नेताओं के पार्टी छोड़ने से हताश मायावती ने अखिलेश पर किया जोरदार हमला
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती

UP Politics News: इसे मायावती (Mayawati) की हताशा कहें या बारी बारी से विछुड़ते जा रहे साथियों का कोप कि उन्होंने आज (रविवार) जब काशींराम के साथ के वीर सिंह ने बसपा को छोड़ सपा का दामन थामा तब उन्हें अपने बचाव में तीन ट्वीट किए। वैसे मायावती की अभी तक एक ट्वीट में कोई बात पूरी नहीं होती रही है, हमेशा अपनी पूरी बात करने के लिए वह दो ट्वीट का सहारा लेती हैं। लेकिन वीर सिंह के सपा में शामिल होने को लेकर वह अपनी पूरी बात तीनों ट्वीट में नहीं कह पाई हैं। वीर सिंह ही क्यों ? बसपा में ऐसे नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। जिनमें राम अचल राजभर, लालजी वर्मा, इंद्रजीत सरोज सरीखे तमाम ऐसे नाम हैं जो एक समय में कांशीराम के करीबी हुआ करते थे। जिस तरह से नेता समाजवादी पार्टी की ओर रुख कर रहे हैं , उससे संकेत और संदेश जरुर मायावती को परेशान कर रहे हैं।

मायावती ने क्या कहा

दूसरी पार्टियों के स्वार्थी, टिकटार्थी व निष्कासित लोगों को सपा में शामिल कराने से इनकी पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है। यह केवल खुद को झूठी तसल्ली देने व अपनी पार्टी से संभावित भगदड़ को रोकने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं, जनता यह सब खूब समझती है।

इसके अलावा, मीडिया द्वारा भी इन खबरों को जिस प्रकार से बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है । उससे बीएसपी का महत्त्व कम होने के बजाय बढ़ ही रहा है कि जब इनके ऐसे लोगों का इतना महत्त्व है तो फिर यकीनन बीएसपी नेताओं व उम्मीदवारों आदि का पार्टी के बल पर जमीन पर कितना अधिक दम होगा।

अगर सपा दूसरी पार्टियों के ऐसे लोगों को पार्टी में लेगी तो निश्चय ही टिकट की लाइन में खड़े । इनके बहुत लोग भी दूसरी पार्टियों में जाने की राह जरूर तलाशेंगे, जिससे इनका कुनबा व पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं बल्कि हानि ही ज्यादा होगी, किन्तु कुछ अपनी आदत से मजबूर होते हैं।

सपा में शामिल हुए वीर सिंह

बता दें मायावती के बेहद करीबी और बसपा के संस्थापक कांशीराम से राजनीति सीखने वाले वीर सिंह ने रविवार को पार्टी छोड़ दी। बहुजन समाज पार्टी से तीन बार राज्य सभा सांसद रहे वीर सिंह रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष उनकी पार्टी में शामिल हो गए। वीर सिंह को समाजवादी पार्टी ने लाने में सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने बड़ी भूमिका निभाई।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव की तस्वीर

बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वीर सिंह के साथ ही पूर्व विधायक भी समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं। वीर सिंह ने रविवार को अखिलेश यादव में अपनी आस्था जता दी। मुरादाबाद के वीर सिंह के साथ ही फिरोजाबाद से बसपा के पूर्व विधायक अजीम भाई भी अपने कई समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इन सभी का अखिलेश यादव ने पार्टी में स्वागत किया।

Divyanshu Rao

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