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UP Politics: बढ़ती ही जा रही शिवपाल और अखिलेश की तकरार, शिवपाल और आजम की मुलाक़ात से सपा में टूट की अटकलें बढ़ी
UP Politics: शिवपाल सिंह शुक्रवार को सीतापुर जेल में बंद पार्टी के सीनियर नेता आजम खां से मिलने पहुंचे। शिवपाल और आजम खां की मुलाकात को सपा की टूट की शुरुआत बताया जा रहा है।
UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party- SP) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के मध्य छिड़ा सियासी संघर्ष अब और तेज हो गया है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के कहने पर बीते विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव के साथ आए शिवपाल सिंह ने सपा मुखिया के व्यवहार से खिन्न होकर अब एक नई राह पर चलने का फैसला किया है।
इस राह पर निकलने से पहले शिवपाल सिंह अपने साथ अखिलेश यादव से खफा नेताओं को अपने साथ जोड़ने की मुहिम में जुट गए हैं। जिसके तहत शिवपाल ने अखिलेश यादव पर तीखे सियासी हमले करते हुए अपनी मंशा को स्पष्ट कर दिया है। इसी क्रम में वह शुक्रवार को सीतापुर जेल (Sitapur Jail) में बंद पार्टी के सीनियर नेता आजम खां (Azam Khan) से मिलने पहुंच गए। आजम खां भी सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराज है। शिवपाल और आजम खां की मुलाकात को सपा की टूट (Samajwadi Party Crisis) की शुरुआत बताया जा रहा है।
शिवपाल के तीखे तेवर सपा के लिए खतरनाक
समाजवादी पार्टी में बीते 20 वर्षों के दौरान बेनी प्रसाद वर्मा, अमर सिंह, शिवपाल सिंह और आजम खां की नाराजगी के बाद इन नेताओं से पार्टी से बाहर जाने के सिलसिले को जिन सपा नेताओं ने नजदीक से देखा है, वह शिवपाल सिंह यादव के तीखे तेवरों को सपा के लिए खतरनाक मान रहे हैं। तमाम राजनीतिक विश्लेषकों का भी यही मानना है।
इन विश्लेषकों के अनुसार, शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच छिड़े सियासी संघर्ष में शिवपाल सिंह सहित कई सपा नेता पार्टी से नाता तोड़ने की दिशा में बढ़ चले हैं। इसका संकेत गुरुवार को शिवपाल सिंह यादव के अखिलेश यादव को चेतावनी देकर दिया भी है। गुरुवार को शिवपाल ने यह कहा था कि अगर अखिलेश को मुझसे कोई दिक्कत है तो वह हमें सपा से निकाल दें। उनके इस बयान का अखिलेश यादव ने कोई जवाब देते इसके पहले ही आज (शुक्रवार) को शिवपाल सिंह सीतापुर जेल में आजम खान से मिलने पहुंच गए।
आजम खान की मदद करता नहीं दिख रही सपा
सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाक़ात करने बाद शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पार्टी के सीनियर नेता होने के बावजूद भी आजम भाई की मदद नहीं हो पा रही है, सपा भी कोई संघर्ष करते हुए दिख नहीं रही है। आजम भाई सपा के फाउंडिंग मेंबर हैं, लेकिन उनकी मदद करती सपा दिख नहीं रही है, नेताजी का प्रधानमंत्री बहुत सम्मान करते हैं, ऐसे में उनके (पीएम) सामने भी आजम भाई का मसला उठाया जाना चाहिए था। परन्तु ऐसा नहीं किया गया।
शिवपाल के इस कथन पर जब उनसे पूछा गया की अब आजम खां को लेकर उनका अगला कदम क्या होगा? तो शिवपाल सिंह ने गोलमोल जवाब दिया कि हम तो आजम भाई के साथ हैं और आजम भाई भी मेरे साथ हैं। आगे के सब फैसले उचित समय जब आएगा तो पता चल जाएगा। उनके इस जवाब पर यह कहा जा रहा है कि सपा से अलग होकर शिवपाल और आजम खां एक मंच पर आते हैं तो कोई हैरत नहीं होगी। ऐसा होने पर लंबे समय से चुनौतियों से जूझ रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए पार्टी में एक बड़ा संकट खड़ा होगा।
इस तरह के झंझावतों से मुलायम सिंह यादव बड़ी चतुराई से जूझ लेते थे, लेकिन अखिलेश यादव ने अभी तक पार्टी के नाराज नेताओं को मनाने की पहल नहीं की है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अखिलेश भी अब यह चाहते हैं शिवपाल और आजम खां सरीखे नाराज नेता अगर पार्टी से बाहर जाना चाहते हैं तो चले जाएँ, वह उन्हें मनाएंगे नहीं। अब ऐसे में अखिलेश और शिवपाल के बीच सियासी तकरार बढ़ती जा रही है। अब इस टकराव का नतीजा क्या होगा, इसका जल्दी ही पता चलेगा।
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