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कुर्मियों का क्षत्रप बनने की जंग ! अनुप्रिया पटेल पर बहन पल्लवी ने फिर चलाए 'सियासी बाण', किसके हाथ सोनेलाल के विरासत की कमान?

Sonelal Patel Death Anniversary : केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पर एक बार फिर बहन और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने मोर्चा खोला। पिता सोनेलाल पटेल की 14वीं बरसी पर परिवार में फिर सियासी तूफान देखने को मिला। मगर, छोटी बहन अमन पटेल ने पल्लवी पटेल के आरोपों पर पलटवार किया।

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Published on: 17 Oct 2023 12:03 PM GMT
Sonelal Patel Death Anniversary
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पल्लवी पटेल, सोनेलाल पटेल और अनुप्रिया पटेल (Social Media)

Sonelal Patel Death Anniversary : उत्तर प्रदेश में 'पटेल वर्ग' के वोटों को सहेजने की खातिर सोनेलाल पटेल ने 'अपना दल' का गठन किया था। आज स्व. सोनेलाल पटेल की 14वीं पुण्यतिथि है। सोनेलाल पटेल की जयंती हो या पुण्यतिथि विडंबना ये है कि, उनके समाज के लिए प्रयासों से ज्यादा बहस राजनीतिक विरासत के लिए मचे घमासान पर होती है। मंगलवार (17 अक्टूबर) को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर एक बार फिर दोनों बेटियां अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल आमने-सामने हैं। सोनेलाल पटेल के समर्थक हर बरसी पर उम्मीद करते हैं शायद परिवार एक हो, लेकिन 'महाभारत' है कि थमने का नाम नहीं ले रहा।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की पार्टी अपना दल (एस) के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल के निधन को आज 14 वर्ष पूरे हो गए। इस दिन को उनके चाहने वाले 'परिनिर्वाण दिवस' के रूप में मनाते हैं। इस मौके पर उनकी बेटी और पार्टी प्रमुख अनुप्रिया पटेल प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में बड़ी रैली कर रही हैं, तो दूसरी बेटी और विधायक पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने राजधानी लखनऊ में अपने पिता को नमन श्रद्धांजलि दी।

ताजा विवाद क्या है?

दरअसल, पिता सोनेलाल पटेल (Sonelal Patel) की मौत की 14वीं बरसी पर भी विवाद हुआ। इस बार विवाद की शुरुआत पल्लवी पटेल ने उसी प्रतापगढ़ में की, जहां आज केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल रैली कर रही है। पल्लवी पटेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी छोटी बहन अनुप्रिया पटेल पर 'सियासी निशाना' साधा। पल्लवी ने सोनेलाल पटेल की सड़क हादसे में मौत पर भी सवाल खड़े किये। उन्होंने एक बार फिर सीबीआई जांच की मांग की। साथ ही, छोटी बहन अनुप्रिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। पल्लवी पटेल ने बहन अनुप्रिया पटेल (Pallavi Patel vs Anupriya Patel) पर आक्रामक होते हुए 'सत्ता की मलाई चाटने वाला' और 'पिता की मौत का सौदागर' करार दिया।

अनुप्रिया-पल्लवी विवाद में तीसरी बहन की एंट्री

बहन के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पूरी तरह चुप्पी साध ली। अनुप्रिया के पति और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल (Ashish Patel) ने भी कोई जवाब नहीं दिया। यहां गौर करने वाली बात ये है कि अब तक जो लड़ाई पल्लवी और अनुप्रिया के बीच चल रही थी उसमें अन्य बहन भी कूद पड़ी हैं। ,सपा विधायक पल्लवी पटेल के खिलाफ अब उनकी सबसे छोटी बहन अमन पटेल (Aman Patel) खुलकर सामने आई हैं। अमन पहली बार मीडिया के सामने आईं। पिता सोनेलाल पटेल की मौत पर जारी सियासत पर अपना दर्द बयां किया। उन्होंने भी पल्लवी पटेल की मंशा पर सवाल उठाए।

पल्लवी घर में ही घिरीं, बहन ने बताया 'सियासी ड्रामा'

सोनेलाल परिवार की तीसरी बेटी अमन पटेल पहली बार मीडिया से मुखातिब हुईं। उन्होंने कहा, पल्लवी पटेल द्वारा की गई बयानबाजी से वह न सिर्फ हैरान हैं, बल्कि दुखी भी हैं। अमन ने स्पष्ट कहा पल्लवी पटेल सपा की नेता और विधायक हैं। एक बेटी के तौर पर अगर वो कुछ कहतीं तो शायद पल्लवी पटेल की बयानबाजी उन्हें उतनी बुरी ना लगती। उल्टे अमन पटेल ने दूसरी नंबर की बहन पल्लवी पटेल पर अपने पिता की मौत पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया। अमन ने कहा, वो (पल्लवी) पिता की मौत का भी 'सियासी लाभ' लेने की फिराक में हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने बहन और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को पिता की 'मौत का सौदागर' बताया।'

मौत की CBI जांच की मांग अभी क्यों?

अमन पटेल ने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया। उन्होंने पूछा, पल्लवी पटेल को अगर अपने पिताजी (सोनेलाल पटेल) की मौत को लेकर कोई संशय था तो वो इतने वर्षों तक चुप क्यों रहीं? समाजवादी पार्टी से विधायक बनने के बाद ही वह मौत की सीबीआई जांच की मांग क्यों उठा रही है?

...तो क्या अमन पटेल को बरगलाया गया !

वहीं, पल्लवी पटेल ने भी अपना पक्ष रखा। पल्लवी बोलीं, 'सोनेलाल पटेल की मौत की CBI जांच की मांग वो और उनकी मां कृष्णा पटेल (Krishna Patel) हमेशा से करती रही हैं। लेकिन सत्ता में रहने के बावजूद अनुप्रिया पटेल ने कभी ये कोशिश नहीं की।' पल्लवी और उनकी मां कृष्णा पटेल, सोनेलाल पटेल की मौत को हमेशा ही संदिग्ध मानती रही हैं। अब मां-बेटी का आरोप है कि, घर में सबसे छोटी अमल पटेल को बरगलाकर उससे बयानबाजी कराई जा रही है।

अपना दल दो धड़ों में बंटा

उल्लेखनीय है कि, सोनेलाल पटेल के निधन के कुछ दिन बाद ही परिवार में 'कलह' शुरू हो चुका था। पूरा फसाद पार्टी पर कब्जे को लेकर रहा। हालांकि, अपना दल पर पूरी पकड़ अनुप्रिया पटेल ने कर लिया था। समय के साथ उनकी लोकप्रियता भी बढ़ने लगी। इससे परिवार की दूसरे नंबर की बेटी पल्लवी पटेल और मां कृष्णा पटेल ठिठक गईं। उन दोनों ने एक अलग संगठन खड़ा किया। तब अपना दल दो धड़ों में बंटा। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का अपना दल (सोनेलाल) बीते 10 वर्षों से बीजेपी से समझौता कर एनडीए का हिस्सा है। वहीं, पल्लवी पटेल और मां कृष्णा पटेल का गुट अपना दल (कमेरावादी) विपक्षी गुट में हैं।

विवाद की टाइमिंग अहम, 2024 पर नजर

पल्लवी पटेल ने यूपी विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट से लड़ी थीं। अलग-अलग राजनीतिक खेमे में होने के कारण परिवार में मचा सियासी घमासान दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन, ताजा वाकये की टाइमिंग काफी अहम है। प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी पार्टियां 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। एक-एक पेंच कसे जा रहे हैं। कोई भी छोटा से छोटा दांव यूं ही जाने नहीं देना चाहता। हालांकि, अनुप्रिया पटेल परिवार के विवाद पर हमेशा चुप ही रहती हैं। लेकिन, इस बार उनके बचाव में सबसे छोटी बहन यानी अमन पटेल खुलकर सामने आई हैं। उन्होंने पल्लवी पटेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस लिहाज से देखें तो अनुप्रिया का पलड़ा थोड़ा भारी जरूर लग रहा है।

कुर्मी बहुल सीटों पर सशक्त भूमिका में हैं अनुप्रिया

दरअसल, उत्तर प्रदेश में कुर्मी समाज के बीच अनुप्रिया पटेल का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के साथ कुर्मी बाहुल्य इलाकों में बीजेपी के लिए भी प्रचार किया। इसका असर रिजल्ट पर साफ नजर आया। अधिकांश कुर्मी बहुल इलाकों में बीजेपी और उसके गठबंधन के साथियों को जीत मिली। अनुप्रिया पटेल ने 70 से अधिक कुर्मी और OBC बहुल सीटों पर बीजेपी के लिए प्रचार किया था। बहन अनुप्रिया के इसी बढ़ते कद से पल्लवी पटेल सहमी हैं। वो कुर्मी वोट बैंक का एक हिस्सा अपने पक्ष में लाना चाहती हैं, जिसमें फिलहाल वो कामयाब नहीं हो पाई हैं। ताजा विवाद भी उसी की बानगी है। पल्लवी ने चुनावों से पहले अपनी तरकश से एक तीर चला है, ये वक़्त ही बताएगा कि वो कितना निशाने पर लगा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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