बिजली कर्मियों ने की फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने की मांग, आंदोलन की दी चेतावनी

बिजली कर्मियों ने सभी कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित कर उन्हें प्राथमिकता देते हुए वैक्सीन लगाने की मांग की है।

Network
Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 13 May 2021 4:49 PM GMT
Connection of electricity defaulters will be cut, electricity theft and arrears recovery campaign started
X

कांसेप्ट इमेज (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच बिजली कर्मचारियों ने सभी बिजली कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित कर उन्हें प्राथमिकता देते हुए वैक्सीन लगाने और मृत कर्मियों के परिजनों को जल्द से जल्द 50 लाख रुपये का मुआवजा व नौकरी देने की मांग की है। साथ ही एक हफ्ते में सार्थक कार्यवाही न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आज ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन भेजकर ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों इंजीनियरों, इंजीनियरों और संविदा श्रमिकों को तत्काल फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की मांग की है और प्राथमिकता देते हुए वैक्सीन लगाने की मांग की है। यही नहीं मृत स्टाफ के परिजनों को मुआवजे और आश्रितों को योग्यता के अनुसार नौकरी भी देने की बात कही है।

आंदोलन करने की दी चेतावनी

संघर्ष समिति की नोटिस में कहा है कि एक सप्ताह में सार्थक समाधान न होने पर बिजली कर्मी आंदोलन करेंगे। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते अब तक करीब 140 बिजली कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है, जिससे अन्य कर्मियों में डर का माहौल बना हुआ है। वहीं, संघर्ष समिति ने इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि बिजली कर्मयों को न्याय मिल सके।

संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने आज जारी संयुक्त बयान में कोरोना संक्रमण के दौर में बिजली कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से प्रभावी कदम उठाने के लिए ऊर्जा निगमों को निर्देश देने की अपील की है।

संघर्ष समिति द्वारा पत्र में लिखा गया है कि कोरोना संकट के बीच बिजलीकर्मी अस्पतालों व आम लोगों को निर्बाध 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने में जुटे हुए हैं। अपनी दायित्व निभाते हुए कई हजार बिजलीकर्मी व संविदा श्रमिक व उनके परिवार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि करीब 140 बिजली कर्मियों की कोरोना से मौत हो चुकी है।

इतने बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों की मृत्यु और संक्रमण होने से ऊर्जा निगमों में भय का वातावरण उत्पन्न हो गया है और ऊर्जा निगमों का असंवेदनशील प्रबंधन बिजली कर्मियों के हित संरक्षित करने में पूरी तरह विफल साबित हुआ है, जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है।

कर्मियों की अन्य मांगें-

विद्युत् आपूर्ति और आपात सेवा को छोड़कर अन्य कार्य तत्का बंद किए जाए

कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाये

कोरोनाग्रस्त कर्मियों के अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज व सीधे अस्पताल को भुगतान प्रबंधन करें

कार्यालयों में 33 % से अधिक कर्मी न बुलाये जाएं

वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी जाए

50 वर्ष से अधिक आयु के बिजली कर्मियों से आवेदन लेकर उन्हें गृह जनपद या इच्छित क्षेत्र / परियोजना पर स्थानांतरित किया जाये

परियोजनाओं के अस्पताल में वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाए

प्रत्येक जनपद व परियोजना पर कोविड सेल गठित किया जाए

Shreya

Shreya

Next Story