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Sanjay Seth: कौन हैं संजय सेठ, कैसे मैनेज हुआ राज्यसभा का सफर

Sanjay Seth: संजय सेठ कभी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पिता और पार्टी के संस्थापक, मुलायम सिंह यादव के करीबी हुआ करते थे। संजय सेठ को जून 2016 में सपा ने अपना उम्मीवार बनाया था और वे राज्यसभा के लिए चुने गए थे।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 27 Feb 2024 3:46 PM GMT (Updated on: 28 Feb 2024 12:29 PM GMT)
Who is Sanjay Seth, how was his journey to Rajya Sabha managed
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कौन हैं संजय सेठ, कैसे मैनेज हुआ राज्यसभा का सफर: Photo- Social Media

Sanjay Seth: भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ ने राज्यसभा चुनाव में सपा में सेंधमारी कर जीत दर्ज कर ली है। सपा के 7 विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रास वोटिंग करते हुए भाजपा उम्मीदवार संजय सेठ को वोट किया। इस तरह से संजय सेठ भाजपा के आठवें प्रत्याशी के तौर पर उच्च सदन पहुंच गए।

27 फरवरी यानी मंगलवार को यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए वोटिंग हुई। भाजपा ने आठ तो सपा ने तीन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। भाजपा ने अपने आठवें प्रत्याशी संजय सेठ को राज्यसभा उम्मीदवार बना कर चुनाव को दिलचस्प कर दिया था। संजय सेठ के जीत को लेकर संशय बना हुआ था लेकिन संजय सेठ ने सपा के 7 विधायकों को मैनेज करते हुए अपनी जीत दर्ज कर ली।

आइए जानते हैं कौंन हैं संजय सेठ जो विपक्ष में सेंधमारी कर राज्यसभा पहुंच गए

संजय सेठ कभी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पिता और पार्टी के संस्थापक, मुलायम सिंह यादव के करीबी हुआ करते थे। संजय सेठ को जून 2016 में सपा ने अपना उम्मीवार बनाया था और वे राज्यसभा के लिए चुने गए थे। बाद में वही संजय सेठ भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने यूपी ओलंपिक एसोसिएशन, यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन और क्रेडिट यूपी के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।

-सेठ शालीमार कॉर्प्स के संस्थापकों में से एक हैं। उनका जन्म 10 फरवरी 1961 को लवकुश नारायण सेठ और कुसुम सेठ के घर हुआ था। संजय ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई की और लीना सेठ से शादी की। उनका एक बेटा और एक बेटी है। संजय सेठ पेशे से बिल्डर हैं।

Photo- Social Media

मायावती, मुलायम और अखिलेश का बंगला भी बनवाया था

संजय सेठ ने लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती, इटावा में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का बंगला बनवाया था। बताया जाता है कि मुलायम सिंह और अखिलेश के अलावा संजय सेठ के मायावती से भी बेहद अच्छे संबंध हुआ करते थे।

जया बच्चन से नाराजगी और पुराने सपाई होने का मिला लाभ

अखिलेश यादव द्वारा जया बच्चन को फिर से राज्यसभा उम्मीदवार बनाना भी सपा के लिए महंगा पड़ गया। सपा में ही जया बच्चन को उम्मीदवार बनाने को लेकर कई विधायक नाराज थे। वहीं संजय सेठ का सपा से पुराना संबंध भी काम आया और नतीजा यह रहा कि सपा के 7 विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रास वोटिंग की जिसका फायदा संजय सेठ को मिला।

सपा के इन विधायकों ने दिया संजय सेठ का साथ-

समाजवादी पार्टी के आठ विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ के समर्थन में मतदान किया। सूत्रों की मानें तो सपा के चीफ व्हिप रहे मनोज पांडेय और राकेश पांडेय के साथ ही राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया। प्रयागराज जिले की हंडिया विधानसभा सीट से सपा के विधायक हाकिमचंद्र बिंद ने भी बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की खबर थी। हालांकि, उन्होंने क्रॉस वोटिंग की खबरों का खंडन करते हुए दावा किया कि हमने सपा उम्मीदवार को वोट दिया है। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के ऐलान के बाद से ही पीडीए को लेकर अखिलेश यादव पर हमलावर रहीं पल्लवी पटेल देर से वोट देने पहुंचीं। उन्होंने भी सपा उम्मीदवार को वोट देने का दावा किया, जबकि सपा की अमेठी से विधायक महाराजी देवी ने वोटिंग से किनारा कर लिया।

भाजपा से आठ तो सपा से दो पहुंचे राज्यसभा-

भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चैधरी तेजवीर सिंह, राज्य पार्टी महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन को भी राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था। ये सभी चुनाव जीत गए और उच्च सदन पहुंच गए। वहीं सपा जया बच्चन, दलित नेता रामजी लाल सुमन और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को अपना उम्मीदवार बनाया था। जिसमें जया बच्चन और रामजी लाल सुमन जीत कर राज्यसभा पहुंच गए तो वहीं पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन चुनाव हार गए।

Shashi kant gautam

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