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UP Rajya Sabha Election: यूपी के राज्यसभा चुनाव पर आज सबकी निगाहें, क्रॉस वोटिंग से हो सकता है बड़ा खेला

UP Rajya Sabha Election: सपा अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में जुटी हुई है जबकि दूसरी ओर भाजपा ने अपने आठों उम्मीदवार जिताने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 27 Feb 2024 2:06 AM GMT
UP Rajya Sabha Election 2024
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UP Rajya Sabha Election 2024  (photo: social media )

UP Rajya Sabha Election: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर आज होने वाले चुनाव पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। प्रदेश की 10 सीटों पर 11 उम्मीदवारों के नामांकन के बाद आज वोटिंग कराई जा रही है। भाजपा की ओर से आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ के नामांकन किए जाने के बाद प्रदेश का राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है और दोनों खेमों के बीच चुनावी जीत हासिल करने के लिए जबर्दस्त जोर आजमाइश हो रही है। सपा अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में जुटी हुई है जबकि दूसरी ओर भाजपा ने अपने आठों उम्मीदवार जिताने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से सोमवार को दिए गए डिनर में सपा के आठ विधायकों के न पहुंचने के बाद पार्टी को क्रॉस वोटिंग का बड़ा खतरा सता रहा है। ये विधायक आज क्रॉस वोटिंग करके सपा के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर सकते हैं। दूसरी ओर एनडीए खेमे में भी सुभासपा और रालोद के कुछ विधायकों के खेल करने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में दोनों खेमों को खेला होने का डर सता रहा है। हालांकि एनडीए और सपा दोनों की ओर से राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करने का बड़ा दावा भी किया जा रहा है।

प्रदेश की 10 सीटों पर 11 उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवारों के उतरने के बाद राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। भाजपा की ओर से सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, संगीता बलवंत बिंद, अमरपाल मौर्य, आरपीएन सिंह, नवीन जैन और आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को चुनावी अखाड़े में उतारा गया है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने रामजीलाल सुमन, जया बच्चन और पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को राज्यसभा चुनाव में उतारा है।

अखिलेश के डिनर से आठ विधायक गायब

राज्यसभा चुनाव में अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से सोमवार को डिनर का आयोजन किया गया था मगर इस डिनर में पार्टी के आठ विधायकों के न पहुंचने से हड़कंप की स्थिति दिखी। जानकार सूत्रों का कहना है कि अंबेडकर नगर के विधायक राकेश पांडेय, गोसाईंगंज के विधायक अभय सिंह, गौरीगंज विधायक राकेश सिंह, ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडेय, अमेठी की विधायक महाराजी प्रजापति, कालपी के विधायक विनोद चतुर्वेदी, सिराथू की विधायक पल्लवी पटेल और चायल की विधायक पूजा पाल डिनर में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचीं।

कई विधायकों के खेल करने की आशंका

जलालपुर के विधायक राकेश पांडेय को लेकर पहले से ही सस्पेंस बना हुआ था क्योंकि उनके बेटे और अंबेडकर नगर से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले रितेश पांडेय ने अभी हाल में बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। ऐसे में राकेश पांडेय के भाजपा के पक्ष में मतदान करने की उम्मीद जताई जा रही है। महाराजी देवी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी हैं। सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने पहले ही दावा किया था कि उनका समर्थन भाजपा को मिलेगा।

गौरीगंज के विधायक राकेश सिंह सपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से दिए गए बयानों पर पहले ही तीखी नाराजगी जता चुके हैं जबकि पल्लवी पटेल ने सपा उम्मीदवारों के चयन में पीडीए की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पहले ही किनारा करने का ऐलान कर रखा है।

वैसे अखिलेश के डिनर के बाद सपा नेता रविदास मल्होत्रा ने दावा किया कि डिनर में न पहुंचने वाले विधायक कुछ जरूरी कामों से बाहर गए हुए हैं और उनका समर्थन सपा उम्मीदवारों को ही हासिल होगा जबकि सियासी जानकार इन विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग की आशंका जाता रहे हैं।

कुछ रालोद विधायकों पर भी उठ रहे सवाल

वहीं दूसरी ओर एनडीए खेमे में भी पूरी निश्चिंत्यता की स्थिति नहीं दिख रही है। राष्ट्रीय लोकदल के 9 में से तीन विधायकों को लेकर सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल ये तीनों विधायक समाजवादी पृष्ठभूमि के माने जाते हैं और इन विधायकों की ओर से खेल किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

हालांकि रालोद की ओर से पार्टी के सभी विधायकों के एकजुट होने का दावा किया जा रहा है। पार्टी के मुखिया जयंत चौधरी ने भी सभी विधायकों को भाजपा को समर्थन देने का निर्देश जारी किया है।

सुभासपा में भी हो सकती है सेंधमारी

सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर की ओर से भले ही भाजपा उम्मीदवारों की बड़ी जीत का दावा किया जा रहा हो मगर उनकी पार्टी के कुछ विधायकों को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। दरअसल सुभासपा के वर्तमान में 6 विधायक हैं। इनमें से तीन विधायक मऊ से विधायक अब्बास अंसारी, जौनपुर की जाफराबाद सीट से विधायक जगदीश नारायण और बस्ती की महादेवा सीट से विधायक दुधराम सपा के करीबी हैं। इनमें से अब्बास अंसारी जेल में बंद हैं और उन्हें अभी तक वोट देने की अनुमति नहीं मिली है मगर बाकी दो विधायकों को लेकर सवाल जरूर उठ रहे हैं।

सोमवार को एनडीए की बैठक के दौरान सुभासपा के दो विधायक नहीं पहुंचे थे और इस कारण सुभासपा में भी सेंधमारी की आशंका जताई जा रही है।

हालांकि सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया है कि उनकी पार्टी का वोट भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जाएगा। राजा भैया ने भी अपनी पार्टी जनसत्ता दल के दो विधायकों की ओर से भाजपा को समर्थन देने का स्पष्ट ऐलान कर दिया है।

राज्यसभा चुनाव का समीकरण

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए किसी भी प्रत्याशी को 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। सपा को अपने तीनों प्रत्याशियों को जिताने के लिए 111 वोटो की दरकार है जबकि सपा के पास 108 विधायक हैं। दो विधायकों के जेल में होने के कारण पार्टी के 106 विधायक ही वोट डाल सकेंगे। यदि कांग्रेस के दो विधायकों का समर्थन भी सपा के साथ जोड़ दिया जाए तो पार्टी को अभी भी तीन वोटों की दरकार है। इसके साथ ही कुछ विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की भी आशंका बनी हुई है।

दूसरी ओर भाजपा को अपने सभी आठों प्रत्याशियों को जिताने के लिए 296 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। मौजूदा समय में एनडीए के पास 288 विधायकों की ताकत दिख रही है। ऐसे में पार्टी को अभी भी आठ विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। अगर पार्टी विपक्षी खेमे में सेंधमारी में कामयाब रही तो निश्चित रूप से भाजपा के सभी उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब हो जाएंगे। राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों की ओर से जोरदार कवायद की जा रही है। ऐसे में सभी की निगाहें चुनाव नतीजे पर लगी हुई हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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