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UP Road Accidents: जरा संभलकर! यूपी की खराब और गड्ढों वाली सड़कों में हर घंटे एक मौत, आखिर कौन जिम्मेदार?

UP Road Accidents: सड़कों और सड़कों में गड्ढों की वजह से यूपी में बीते साल सिर्फ बीस जिलों में 9,011 लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो गए हैं।

Sunil Mishraa
Published on: 12 Feb 2023 1:06 PM IST
UP road Accident
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UP road Accident (Photo: Social Media)

UP Road Accidents: गोमतीनगर विस्तार की रहने वाली सीमा (58) स्कूल टीचर थीं। शनिवार को वो पति के साथ स्कूटी से स्कूल जा रही थीं। समिट बिल्डिंग के सामने स्कूटी फिसलकर गिरी। इसी बीच ट्रक ने सीमा को रौंद दिया। हादसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए जल्दबाजी में बनाई गई सड़क की बजरी बिखरी हुई थी, जिसपर सीमा की स्कूटी फिसल गई।

खराब सड़कों और सड़कों में गड्ढों की वजह से यूपी में बीते साल सिर्फ बीस जिलों में 9,011 लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो गए हैं। इसमें कानपुर टॉप पर है, जहां 618 लोग हादसे के शिकार हुए। वहीं दूसरे व तीसरे नंबर पर आगरा व प्रयागराज हैं, जहां 560 एक्सीडेंट में 550 मौतें हुई हैं। बुलंदशहर में 525, अलीगढ़ में 513, मथुरा में 512, लखनऊ में 482, उन्नाव में 480, हरदोई में 461, बरेली में 440, सीतापुर में 416, फतेहपुर में 412, गोरखपुर में 410, गौतमबुद्धनगर में 406, जौनपुर में 379, मेरठ में 374, बाराबंकी में 374, शाहजहांपुर में 370, गाजियाबाद में 369 और कुशीनगर में 361 लोग हादसे के शिकार हुए। लखनऊ सातवें नंबर पर है।

देश भर सड़क हादसों में मौत की दर 31.4 फीसदी

नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक प्रति लाख जनसंख्या पर हादसों में मौत की दर 2020 में 27.7 फीसदी थी, जो पिछले वर्ष 31.4 फीसदी थी। नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में साल 2020 में 30,590 सड़क हादसे हुए। जबकि यह संख्या वर्ष 2019 में 42,368 थी। यूपी में सड़क हादसों में 5,735 लोगों की मौत हुई, जो करीब 9 फीसदी है। कार हादसों में यूपी सबसे आगे है। यूपी में कुल कार हादसों 17,538 में से 3190 (18 फीसदी ) लोगों की मौत हुई है।

43.6 फीसदी दोपहिया वाहन चालक हुए हादसों का शिकार

2020 में देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के 3,54,796 मामले दर्ज किए गए। इन हादसों में 1,33,201 लोग मारे गए और 3,35,201 घायल हुए। रिपोर्ट के अनुसार 60 फीसदी से अधिक सड़क हादसे तेज रफ्तार के कारण हुए, जिसमें 75,333 लोगों की मौत हुई और 2,09,736 लोग घायल हुए। आंकड़ों के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं में 43.6 फीसदी दोपहिया वाहन सवार थे। इसके बाद कार ट्रक या लॉरी और बसों में 13.2 फीसदी, 12.8 प्रतिशत और 3.1 प्रतिशत मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई। इसके अलावा खतरनाक और लापरवाह ड्राइविंग या ओवरटेकिंग के कारण 24.3 फीसदी हादसे हुए। इन तरह के सड़क हादसों में 35,219 लोगों की मौत हुई और 77,067 लोग हादसों में घायल हुए।

2020 में कुल 13,018 रेल दुर्घटनाएं हुई

सड़क हादसों के अलावा एनसीआरबी ने रेल दुर्घटनाओं के भी आंकड़े जारी किए है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 के दौरान रेल हादसों के कुल 13,018 मामले सामने आए। जिसमें 1,127 लोग घायल हुए और 11,968 लोगों की मौत हुई। करीब 70 फीसदी रेल हादसे ट्रेनों से गिरने या ट्रैक पर टक्कर से हुई। रेलवे क्रॉसिंग दुर्घटनाओं के 1,014 मामलों में 1,185 मौतें हुई और 71 लोग घायल हुए। उत्तर प्रदेश में रेलवे क्रॉसिंग दुर्घटनाओं के 1,014 के कुल मामलों में 380 मामले दर्ज किए गए, जो ऐसे हादसों का 37.5 प्रतिशत है।

लखनऊ में पांच साल में 7144 दर्दनाक हादसे

राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय की शोध शाखा की रिपोर्ट के मुताबिक केवल लखनऊ क्षेत्र में पांच साल के दौरान 7144 दर्दनाक हादसे हुए जिनमें 3102 मौतें हुई हैं। राजधानी के शहरी और ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर पिछले साल हुए हादसों में अबतक 500 मौतें हो चुकी हैं। शोध शाखा की रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादातर हादसे शाम 6 बजे से रात 10 बजे बीच हो रहे हैं। इसमें मरने वालों में 15 साल के किशोर से लेकर 25 साल के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे हादसों का कारण स्टंटबाजी या सड़क की मानक क्षमता से ज्यादा स्पीड मंर वाहन चलान है।

वर्ष 2014- 1303 हादसे, 646 मौत

वर्ष 2015- 1393 हादसे, 662 मौत

वर्ष 2016- 1519 हादसे, 652 मौत

वर्ष 2017- 1539 हादसे, 642 मौत

वर्ष 2018- 1390 हादसे, 500 मौत



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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