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रोडवेज बसों में ज्वलनशील पदार्थ पाए जाने पर अब होगी सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों में चेकिंग दौरान ज्वलनशील पदार्थ पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए रोडवेज के प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने बुधवार को प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों और सेवा प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 24 April 2019 10:59 PM IST
रोडवेज बसों में ज्वलनशील पदार्थ पाए जाने पर अब होगी सख्त कार्रवाई
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों में चेकिंग दौरान ज्वलनशील पदार्थ पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए रोडवेज के प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने बुधवार को प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों और सेवा प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिया है।

प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों भेजे निर्देश में कहा है कि ज्वलनशील पदार्थों के साथ रोडवेज की बसों में किसी भी यात्री को सफर नहीं कराया जाए। ताकि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। ज्वलनशील पदार्थों को रोडवेज की बसों में ले जाना अवैध एवं पूर्ण प्रतिबन्धित है, लेकिन अभी तक निर्गत दिशा-निर्देशों का अनुपालन ठीक से नहीं किया जा रहा है, जो परिवहन निगम मुख्यालय के आदेशों का उलंघन है। उन्होंने कहा कि ज्वलनशील पदार्थों की वजह से रोडवेज को जनहानि और धनहानि का सामना करना पड़ता है। इससे परिवहन निगम की छवि भी धूमिल होती है।

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प्रबंध निदेशक ने अपने निर्देश में कहा है कि प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रबंधक और सेवा प्रबंधक अपने क्षेत्र की समस्त बसों में अंकित करा दें कि 'ज्वलनशील पदार्थों के साथ यात्रा करना पूर्णतया वर्जित है'। ताकि रोडवेज बसों के सभी चालक और परिचालक किसी भी यात्री को ज्वलनशील पदार्थ के साथ सफर न करायें।

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उन्होंने कहा है कि यदि चेकिंग के दौरान बसों में किसी भी तरह का ज्वलनशील पदार्थ पाया जाता है तो सम्बन्धित बस के 'क्रू' के साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधक और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (डिपो) पूर्ण रूप से उत्तरादायी होंगे। इसके साथ ही सेवा प्रबंधक, सीनियर व जूनियर फोरमैन को यह निर्देश दिया गया है कि डिपो और कार्यशाला से किसी भी बस को मार्ग पर भेजने से पूर्व उसकी भौतिक एवं यांत्रिक दशा का परीक्षण अवश्य करा लें। संतुष्ट होने के बाद ही बसों को मार्ग पर भेजा जाए, ताकि यात्रियों को सफर के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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इसके साथ ही मार्ग पर चल रही बसों में यदि अब यांत्रिक खराबी भी पाई गई तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।



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