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UP Board: यूपी में स्कूलों को मिलेगी तीन वर्ष की मान्यता फिर होगा नवीनीकरण, कठिन किए गए मानदंड

UP Board News: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट विद्यालयों की मान्यता पहले तीन साल के लिए दी जाएगी। उसके बाद में सभी मान्यता शर्तों की अनुपालन व विद्यालय में व्यवस्थाओं को देखते हुए पांच साल के लिए नवीनीकरण किया जाएगा।

Prashant Dixit
Published on: 4 Jan 2023 4:22 PM IST
UP Board New Rules
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UP Board New Rules (Social Media)

UP Board News: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट विद्यालयों की मान्यता पहले तीन साल के लिए दी जाएगी। उसके बाद में सभी मान्यता शर्तों की अनुपालन व विद्यालय में व्यवस्थाओं को देखते हुए पांच साल के लिए नवीनीकरण किया जाएगा। यह मानक शासन से स्वीकृत नई मान्यता की शर्तों में निर्धारित किए गए है। जबकि पहले मान्यता के लिए स्थलीय निरीक्षण में व्यवस्था थी। जिसमें डीआईओएस भवन के समक्ष खड़े होकर अपना और भवन का फोटो खिंचवाकर रिपोर्ट के साथ संलग्न करते थे।

यह नये यूपी बोर्ड के मान्यता नियम

अब नये मान्यता नियम के अनुसार जनपदीय समिति स्कूल का विस्तृत निरीक्षण करेगी। इस समिति के निरीक्षण के समय स्कूल में विद्यालय भवन, पानी और शौचालय, प्रयोगशाला, खेल के मैदान, बाउंड्रीवाल, पुस्तकालय आदि की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की जाएगी। जिसको परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करना पड़ेगा। विद्यालय में प्रत्येक विषय का एक शिक्षक होना अनिवार्य होगा। स्कूल द्वारा लिए जा रहे, शिक्षण शुल्क का लेखाजोखा भी रखना पड़ेगा। शिक्षण शुल्क में से कम से कम 70 प्रतिशत शैक्षिक और अन्य कर्मियों की परिलब्धियों पर खर्च होगा।इसके साथ ही शिक्षकों, छात्रों की उपस्थिति बोर्ड की वेबसाइट और पोर्टल पर प्रत्येक कार्यदिवस में दर्ज करनी होगी।

छात्र, छात्राओं के लिए यह व्यवस्था

विद्यालय की वेबसाइट पर ईमेल, फोन नंबर के अलावा आधारभूत सुविधाओं जैसे भवन, कक्षों की संख्या, पुस्तकालय, खेल, लाइट, कंप्यूटर, पंखे आदि का विवरण दिया जाएगा। इसके साथ योग्यता सहित शिक्षकों का विवरण, कक्षावार छात्र, छात्राओं की संख्या, प्रत्येक वर्ष का परीक्षाफल व शुल्क का विवरण देना होगा। स्कूल में पानी के लिए सबमर्सिबल, आरओ, पाइप पेयजल, ओवरहेड टैंक, हैंडवाश प्लेटफार्म, अलग आयु वर्ग के बच्चों की लंबाई के हिसाब से अलग-अलग ऊंचाई के प्लेटफार्म की व्यवस्था करनी होगी। छात्र, छात्राओं के अलग-अलग शौचालय के अलावा दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम करने होंगे। पहले छात्र संख्या के अनुसार सिर्फ शौचालय व पीने के पानी के लिए हैंडपंप या अन्य कोई समुचित व्यवस्था की शर्त थी। अन्य कई मानक भी परिवर्तित हुए हैं।

Prashant Dixit

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