×

स्कूल की लापरवाही, छात्र को दोबारा लगवाया रूबेला इंजेक्शन, पैरों ने काम करना किया बंद

स्कूल प्रशासन की लापरवाही की वजह से एक सातवीं क्लास के बच्चे को एक महीने मे दो बार रूबेला का इंजेक्शन लगा दिया गया जिससे छात्र के दोनो पैरों ने काम करना बंद कर दिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jan 2019 2:55 PM IST
स्कूल की लापरवाही, छात्र को दोबारा लगवाया रूबेला इंजेक्शन, पैरों ने काम करना किया बंद
X

शाहजहांपुर: रूबेला इंजेक्शन एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। यहां स्वास्थ विभाग और स्कूल प्रशासन की लापरवाही की वजह से एक सातवीं क्लास के बच्चे को एक महीने मे दो बार रूबेला का इंजेक्शन लगा दिया गया जिससे छात्र की हालत बिगड़ गई है। छात्र के दोनो पैरों ने काम करना बंद कर दिया है। छात्र अपने पैरों पर नहीं चल पा रहा है चलने के लिए उसे परिजनों का सहारा लेना पड़ रहा है। इसे लकेर परिजनों ने स्कूल में जमकर हंगामा किया।

परिजनों का हंगामा

सूचना के बाद स्कूल पहुंते सीएमओ ने अभिभावकों को जांच का आश्वासन दिया और अपनी गाड़ी से छात्र को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। परिजनों का कहना है कि बच्चे के दो बार इंजेक्शन क्यों लगाया गया? हमें सूचना क्यों नहीं दी गई? साथ ही परिजनों ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

यह भी पढ़ें.....PMO को लौटा देना चाहिए मोदी को मिला फर्जी अवॉर्ड : थरूर

छात्र का नाम मोहम्मद आरिफ है और वह जनता इंटर कालेज में सातवीं क्लास का छात्र है। छात्र के पिता गुलजार का कहना है कि उनके बेटे को पहले 6 दिसंबर 2018 को स्कूल में ही रूबेला का इंजेक्शन लगाया गया था। इंजेक्शन लगाने का कार्ड भी दिया गया था। इंजेक्शन लगाने से पहले अभिभावकों को सूचित किया जाता है, स्कूल प्रशासन की तरफ से हमें कोई सूचना नही दी गई।

पीड़ित के पिता का आरोप

पीड़ित के पिता ने कहा कि उसके बाद 10 जनवरी 2019 को फिर रूबेला का इंजेक्शन मेरे बेटे को लगा दिया गया। इस बार भी मेरे पास स्कूल प्रशासन की तरफ से कोई फोन नहीं आया। दूसरी बार इंजेक्शन लगाने के बाद कार्ड नहीं दिया गया। दो दिन बाद रूबेला इंजेक्शन का कार्ड दिया गया। तब हमें पता चला कि बच्चे को एक महीने में दो बार इंजेक्शन लगा दिया गया।

यह भी पढ़ें.....मेघालय: 36 दिन बाद मिला खदान में फंसे 15 में से एक मजदूर का शव, बाकी की तलाश जारी

उन्होंने कहा कि दूसरी बार इंजेक्शन लगने के तीन बाद मेरे बच्चे की हालत बिगड़ी तो डाक्टर को दिखाया। बच्चे को बुखार आ रहा था, लेकिन उसकी तबियत ठीक नहीं हो रही थी। साथ ही उसके पैरों ने भी काम करना बंद कर दिया। इसके बाद परिजन स्कूल पहुंचे जहां स्कूल प्रशासन और उनमें बहस हुई। सूचना के बाद मौके पर पहुचे डिप्टी सीएमओ डाॅ लक्षमण प्रसाद ने अभिभावकों को शांत कराया और बच्चे को अपनी गाड़ी से जिला अस्पताल लेकर गए। डिप्टी सीएमओ का कहना है कि एक महीने में दो बार अगर इंजेक्शन लगाया गया है तो उसके कार्ड देखे जाएंगे। लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

यह भी पढ़ें.....उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ आज बैठक करेंगे RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

डिप्टी सीएमओ ने दिया कार्रवाई का भरोसा

डिप्टी सीएमओ लक्षमण प्रसाद का कहना है कि अभिभावकों का आरोप है कि बच्चे को एक महीने मे दो बार इंजेक्शन लगाया गया है। वैसे इंजेक्शन एक बार ही लगना चाहिए। हमनें दोनो कार्ड अभिभावक से ले लिए है। बच्चे को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल लेकर जा रहे हैं। दो बार इंजेक्शन लगने की जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story