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शिक्षामित्रों का बड़ा फैसला, जून का मानदेय नहीं तो ड्यूटी भी नहीं, महानिदेशक को लिखा पत्र
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मांग की है कि जब उनसे पूरी ड्यूटी ली जाती है तो पूरे साल का मानदेय क्यों नहीं दिया जाता है।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मांग की है कि जब उनसे पूरी ड्यूटी ली जाती है तो पूरे साल का मानदेय क्यों नहीं दिया जाता है। इस संबंध में शिक्षामित्र एसोसिएशन ने बड़ा निर्णय लिया है। उनकी मांग है जब तक महानिदेशक स्कूल शिक्षा कोई आदेश नहीं जारी करते वह ड्यूटी नहीं करेंगे। शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने इसकी सूचना महानिदेशक को दे दिया है। जितेंद्र शाही ने कहा कि विभाग द्वारा मानदेय भुगतान के लिए एक स्पष्ट दिशा निर्देश दिया जाए तभी वह जून में ड्यूटी करेंगे अथवा नहीं।
बता दें शिक्षा मित्रों को जून का मानदेय नहीं मिलता लेकिन उनसे ड्यूटी कराई जाती है। कई जिलों में राशन वितरण, कोविड वैक्सीन सेंटरों पर उनकी ड्यूटी लगाई जा रही है। ई-पाठशाला भी चल रही है, लिहाजा अब शिक्षामित्रों ने तय किया है कि वे महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश के बिना ड्यूटी नहीं करेंगे। प्रदेश में 1.58 लाख शिक्षा मित्र हैं। उन्होंने मांग की है कि उन्हें जून का मानदेय भी दिया जाए। दरअसल शिक्षामित्रों की संविदा 11 महीने की होती है। उनकी संविदा 31 मई को खत्म हो जाती है और एक जुलाई से शुरू होती है। जून का मानदेय न मिलने के बावजूद भी पिछले साल कोरोना महामारी में उनकी ड्यूटी क्वारंटीन सेंटरों, राशन वितरण व प्रवासी मजदूरों के सर्वेक्षण में लगाई गई थी।
जन्मदिन पर सीएम योगी से की मांग
वहीं शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर एक दो नहीं 10 लाख से ज्यादा बधाई संदेश दे डाले, साथ ही अपनी मांग भी रखी थी। सीएम योगी के जन्मदिवस पर शिक्षामित्रों की ओर से हजार-दस हजार नहीं बल्कि 10 लाख से ज्यादा की संख्या में ट्वीट कर बधाई देते हुए अपनी मांग रखने की मुहिम स्पेशल हैशटैग के जरिए की थी। शिक्षामित्रों की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर बधाई देते हुए संकल्प पत्र का वादा भी याद दिलाया था और अपने स्थायीकरण करने की मांग भी रखी थी।