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UP SI Recruitment: नक़ल की हद्द पार, आगरा के सेंटर पर हुई थी 7 लाख में डील, 6 दरोगा अभ्यर्थी गिरफ्तार

UP SI Recruitment: भर्ती बोर्ड के अफसरों का दावा है कि दरोगा अभ्यर्थियों ने पैसे देकर एग्जाम सेंटर्स के प्रबंधन व अन्य माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी कर उसे पास किया।

Shiva Sharma
Report Shiva SharmaPublished By Shreya
Published on: 7 May 2022 7:23 PM IST (Updated on: 7 May 2022 8:08 PM IST)
UP SI Recruitment: नक़ल की हद्द पार, आगरा के सेंटर पर हुई थी 7 लाख में डील, 6 दरोगा अभ्यर्थी गिरफ्तार
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एग्जाम स्केम (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

UP SI Recruitment arrest: उत्तर प्रदेश में बीते साल दरोगा पद पर 9534 पदों की भर्ती की प्रक्रिया ने शासन ने परीक्षाएं कराई थी। जिसमें 8 लाख के करीब अभ्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा भी लिया था। 12 नवम्बर 2012 से 2 दिसम्बर 2021 तक दो पालियों में दरोगा भर्ती (Daroga Bharti) की ऑनलाइन परीक्षाएं (Online Exams) संपन्न हुई थी। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग 8 जिला मुख्यालयों पर सेंटर्स के ज़रिये नक़ल विहीन परीक्षाओं का दावा किया गया था। लेकिन कुछ महीने बीत जाते ही बड़े खेल का खुलासा हुआ लखनऊ (Lucknow) में भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने 6 अभ्यार्थियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

भर्ती बोर्ड के अफसरों का दावा है कि दरोगा अभ्यर्थियों ने पैसे देकर एग्जाम सेंटर्स के प्रबंधन के माध्यम व अन्य माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी कर उसे पास किया। भर्ती बोर्ड की तरफ से रातो-रात एफआईआर दर्ज करा कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया।


उत्तर प्रदेश पुलिस एवं प्रोन्नति बोर्ड की एएसपी रश्मि रानी ने महानगर कोतवाली में IPC की धारा 120(B), 420 व 10 (सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1988) के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। जिसने अभ्यार्थी के रूप में रजत कुमार, आशुतोष शर्मा, हसीं चौधरी, प्रतीक चौधरी, दीपक और पिंकू कुमार समेत मीडिएटर पंकज कोटिया, आगरा के कृष्णा इंस्टिट्यूट प्रबंधक महेश चंद्र, मीडिएटर अंकुर और एक अन्य शख्स मेहबूब भाई शामिल है। पुलिस ने 6 अभ्यार्थियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।


इंस्टिट्यूट में पैसे के बल पर परीक्षा को कराया गया पास

भर्ती बोर्ड के अधिकारी बताते है की जब अभ्यार्थी को क्रॉस चेक करने के लिए कड़ाई से पूछताछ की गयी तो उन्होंने सारा राज़ उगल डाला। उन्होंने बताया की आगरा के कृष्णा इंस्टिट्यूट ने प्रति कैंडिडेट से 7 लाख की डील कर परीक्षा को पास कराने का दावा किया था।

अभ्यर्थियों से पैनल ने की पूछताछ

इन दिनों सभी अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन टेस्ट व फिज़िकल स्टैण्डर्ड टेस्ट चल रहा है। वेरिफिकेशन टेस्ट के दौरान पहुंचे अभ्यार्थियों के नाम लोग बुक से मिलने के बाद भर्ती बोर्ड के पैनल व बड़े अधिकारियो ने की पूछताछ। जिसके बाद परिक्षा में धांधली की बात आने के बाद सभी के खिलाफ कानूनी कार्यवाई की गयी।

कई और दरोगा अभ्यर्थी होंगे गिरफ्तार

भर्ती बोर्ड के मुताबिक़, इस परीक्षा नक़ल के मामले में कई और दरोगा अभ्यार्थी गिरफ्तार हो सकते है। पूछताछ व वेरिफिकेशन के बाद गिरफ़्तारी की संभावना है।


इसलिए गहराया शक

अपर पुलिस उपायुक्त प्राची सिंह के मुताबिक, एग्जाम का एनालिसिस करने के बाद अधिकारियों द्वारा पाया गया कि गैरकानूनी और अनफेयरमीन्स के ज़रिये परिक्षा को पास किया गया। जिसके बाद दरोगा अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस के अफसर बताते हैं कि पंकज कोटिया द्वारा कृष्णा इंफोटेक में परीक्षा को लेकर डील हुई थी, जिसमें प्रति कैंडिडेट 7 लाख रुपये का लालच दिया गया। अभ्यार्थी रजत कुमार ने अपने बयानों में कहा है कि पंकज कोटिया के ज़रिये उसने कृष्णा इंफोटेक के प्रबंधक को डिजिटल पेमेंट के ज़रिये एडवांस के रूप में 2 लाख रुपये दिए बाकी 5 लाख बाद में देना था। ऐसे कई अभ्यर्थी अलग-अलग ज़रिये परीक्षा में धांधली कर पास हुए।

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