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Phool Walon ki Sair 2022: यूपी प्रदेश को मिला द्वितीय पुरस्कार, सूचना निदेशक ने दी बधाई

Phool Walon ki Sair 2022: राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से महरौली नई दिल्ली में आयोजित फूल वालों की सैर-2022 कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश को द्वितीय पुरस्कार मिला।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 17 Oct 2022 11:15 PM IST
Lucknow News In Hindi
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फूल वालों की सैर-2022: यूपी प्रदेश को मिला द्वितीय पुरस्कार

Phool Walon ki Sair 2022: राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से महरौली नई दिल्ली में आयोजित फूल वालों की सैर-2022 कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश को द्वितीय पुरस्कार मिला। इसके अलावा पंखे स्टेज पर लगाने जाने वाले कार्यक्रम में भी उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट श्रेणी का पुरस्कार मिला। निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त निदेशक सूचना भूपेंद्र सिंह यादव द्वारा पुरस्कार प्राप्त किया गया। संयुक्त निदेशक सूचना द्वारा नई दिल्ली में प्राप्त पुरस्कार के प्रतीक चिन्ह को निदेशक सूचना को हस्तगत सोमवार को कराया गया। दूसरा स्थान हासिल करने पर निदेशक सूचना शिशिर सिंह ने सूचना विभाग की टीम को बधाई दी है।

महरौली में फूल वालों की सैर-2022 कार्यक्रम का आयोजन

बता दें हर साल की तरह इस वर्ष भी महरौली में फूल वालों की सैर-2022 कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस बार उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, तमिलनाडू और अन्य राज्यों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। उत्तर प्रदेश की ओर से सूचना विभाग के कलाकारों के द्वारा राष्ट्रीय एकता व सद्भाव पर आधारित मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गयी। उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने अपने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक टीम बुलदेलखण्ड लोक कला संस्थान द्वारा बृज की फूलों की होली लोक नृत्य एवं बुलदेलखण्ड का राई नृत्य की प्रस्तुति की गई।

दिल्ली में हर साल फूलवालों की सैर कार्यक्रम का आयोजन

दिल्ली में हर साल फूलवालों की सैर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जो भाईचारे का संदेश देता है। ये हमारे देश की मिली-जुली संस्कृति का प्रतीक है. इसे हर साल 'अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशां' नामक सोसायटी आयोजित करती है. यह आपसी सौहाद्र को बढ़ाने वाला आयोजन है क्योंकि इसे हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं और इसे लेकर दोनों समुदायों में एक जैसा उत्साह देखने को मिलता है।



Deepak Kumar

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