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UP: हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने बताया- स्ट्रीट वेंडरों को नहीं हटाया जाएगा
इलाहाबाद: प्रदेश के प्रमुख सचिव नगर विकास ने 15 जून को शासनादेश जारी कर स्ट्रीट वेंडरों को बड़ी राहत दी है। शासनादेश से प्रदेश के सभी नगर निगमों व स्थानीय निकायों को स्ट्रीट वेंडर प्रोटेक्शन एक्ट की धारा के तहत कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी सिविल लाइंस, इलाहाबाद स्ट्रीट वेंडरों को अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत हटाने को लेकर रेखा सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान खंडपीठ को दी गई।
न्यायमूर्ति विक्रमनाथ तथा न्यायमूर्ति केपी सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा शासनादेश जारी कर कानून का कड़ाई से पालन करने के निर्देश को देखते हुए कोई अंतरिम आदेश नहीं पारित किया। इस संबंध में दाखिल सभी याचिकाओं के एक साथ सुनवाई के लिए 10 जुलाई को पेश करने का आदेश दिया है।
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अतिक्रमण के नाम पर स्ट्रीट वेंडरों को हटा रहे
बता दें कि स्ट्रीट वेंडरों के संरक्षण की राष्ट्रीय नीति के तहत बने केन्द्रीय कानून के अंतर्गत राज्य नियमावली की प्रक्रिया पालन होने तक इन वेंडरों को न हटाने की व्यवस्था की गई है। याची का कहना था कि 'अतिक्रमण हटाने के नाम पर अधिकारी स्ट्रीट वेंडरों को हटा रहे हैं।' कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद से अवैध निर्माण व अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रखने की अनुमति दे दी है। साथ ही यह भी कहा है कि कानून का कड़ाई से पालन किया जाए।
15 जुलाई तक गठित होगी समिति
राज्य सरकार के अधिवक्ता वाईके श्रीवास्तव व प्रदीप त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि नगर पथ विक्रय समिति गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 15 जुलाई तक समिति गठित हो जाएगी। सर्वेक्षण व वेंडरों के पंजीकरण शुरू होंगे। नगर निगम के अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने बताया कि वेंडरों के लिए स्थल चिन्हीकरण का कार्य चल रहा है। निगमों के तहत नवंबर 2017 तक वेंडरों को स्थान का आवंटन कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने ये भी दी जानकारी
राज्य सरकार का कहना था कि शहरों में गरीबों के रोजगार सृजन योजना के तहत राष्ट्रीय नीति तैयार की गई है। ताकि रोज दुकान लगाकर जीवन-यापन करने वालों के अधिकार सुनिश्चित किये जा सकें। हाईकोर्ट ने ही पूर्णिमा मिश्रा व डॉ. भीमराव अम्बेडकर दैनिक व्यापारी एसोसिएशन की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मई महीने में इलाहाबाद शहर में छह जोनों में जोनवार अवैध निर्माण व अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। सड़क पथ पर स्थायी निर्माण हटाये जा रहे हैं। जिसके पालन में एडीए, नगर निगम व जिला प्रशासन की टीम शहर से अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया है। कोर्ट ने सभी विचाराधीन याचिकाओं को 10 जुलाई को एक साथ सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया है।