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आखिर क्यों हो रहा है देवबंद से लेकर मऊ तक एटीएस कमांड सेंटरो के बनाने का काम !
देवबंद में फिलहाल एटीएस सेंटर खुलने की योजना पर काम हो रहा है। इसके लिए भूमि आवंटन का काम भी शुरू हो गया है।
Lucknow News: इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल (Purvanchal) तक आतंकवाद (Terrorism) का केन्द्र रहे क्षेत्रों में आतंकी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एटीएस (ATS) केंद्र खोलने में राज्य सरकार( state government)) लगी हुई है। सहारनपुर के देवबंद (Deoband ) से लेकर पूर्वांचल के मऊ (Purvanchal to mau) जिले तक में एटीएस सेंटर बनाने की योजना का काम शुरू हो चुका है। योगी सरकार (Yogi government) की आतंकवाद के खिलाफ शुरू हुई इस मुहिम के तहत ही देवबंद से लेकर भारत -नेपाल सीमा तक आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की नई इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि योगी सरकार की इस अनूठी मुहिम के भविष्य में जरूर सार्थक परिणाम निकलेंगे।
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के अनुसार श्रावस्ती, बहराइच, अलीगढ , ग्रेटर नोएडा , आजमगढ , कानपुर , मेरठ , मिर्जापुर , सोनभद्र व सहारनपर जिले के देवबंद में फिलहाल एटीएस सेंटर खुलने की योजना पर काम हो रहा है। इसके लिए भूमि आवंटन का काम भी शुरू हो गया है। देवबंद मे तो एटीएस कमांडो सेंटर के लिए 2000 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन भी कर दिया गया है।
देवबंद शिक्षा का अर्न्तराष्ट्रीय केन्द्र, हाफिज सईद से लेकर बगदादी तक का नाम
दरअसल, देवबंद को वैसे तो शिक्षा का बड़ा केन्द्र कहा जाता है पर पिछले कुछ वर्षो में जब भी आतंकवाद की घटनाएं हुई तो आतंकवादियों का सम्बन्ध इस केन्द्र से जरूर निकला। खुफिया सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि अर्न्तराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद और बगदादी भी इसी केन्द्र से शिक्षा पा चुके हैं। पर पिछली सरकारों ने इतनी जानकारी होने के बाद भी इस शिक्षा केन्द्र की गतिविधियों की अनदेखी करने का काम किया। भाजपा समेत अन्य हिन्दू संगठन भी समय समय पर देवबंद पर सवाल उठाते रहे। पर योगी सरकार आने के बाद आतंकवाद को रोकने की दिशा में उठाए गए कई कदमों के तहत एटीएस के केंद्र खोलने का काम आगे बढ़ा है।,
आजमगढ में भी एटीएस कमांडो सेंटर बनाने की योजना
मऊ में एटीएस इकाई की स्थापना के साथ वहां एक छोटा ट्रेनिंग सेंटर भी बनाए जाने की योजना पर अमल किया जा रहा है। मऊ की तहसील सदर के ग्राम परदहां में कुल 3013 वर्ग मीटर भूमि एटीएस की इकाई की स्थापना के लिए आवंटित की गयी है। इस भूमि पर अधिकारियों, स्टाफ कार्यालय व फील्ड इकाई के भवन तथा कमांडो के बैरक बनेंगे। इसके अलावा आजमगढ में भी एटीएस कमांडो सेंटर बनाने की योजना पर विचार चल रहा है।
मुम्बई धमाकों से लेकर बटला कांड तक केन्द्र में रहा पूर्वाचंल
बतातें चलें कि वर्ष 1993 में हुए मुम्बई सीरियल ब्लास्ट के बाद आजमगढ का नाम आतंकी गतिविधियों में सामने आया था। फिर चाहे वह गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट रहा हो अथवा दिल्ली मुम्बई में हुए बम धमाकों की घटनाएं रही हों, आजमगढ से लेकर मऊ तक जो भी आतंकवादी पकड़े गए उनका सम्बन्ध इन्ही क्षेत्रों से रहा। बटला हाउस एनकाउन्टर में भी संजरपुर के रहने वाले दो आतंकी आजमगढ के ही थें। 1993 में मुम्बई धमाकों में आतंकवादी अबू सलेम आजमगढ जिले के सरायमीर का रहने वाला है। जबकि सुभाष ठाकुर वाराणसी और 90 के दशक में आतंवाद का पर्याय बना मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहीम के भी पूर्वांचल के आजमगढ क्षेत्र से रिश्ते हैं।
पिछले साल दिल्ली के धौलाकुंआ में गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकवादी अबू यूसूफ उर्फ मुस्तकीम का सम्पर्क भी बलरामपुर जिले से रहा है। जबकि कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी भी इन दिनों जेल में बंद हैं वह भी मऊ जिले के निवासी हैं।
आतंकवाद के खिलाफ जारी मुहिम, 10 जिलों के 12 जगहों पर बनेगे सेंटर
अब जबकि प्रदेश की योगी सरकार पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहिम जारी किए हुए है प्रदेश के 10 जिलों की 12 जगहों पर एटीएस की यूनिट खोलने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जमीन के आवंटन का काम भी शुरू हो चुका है। हर इकाई में डेढ से दो दर्जन कमांडों तैनात रहेगें। जो अत्याधुनिक संसाधनों से लैस रहेंगे। ताकि अत्याधिक संवेदनशील माने जाने वाले जिलों में आतंकी घटनाएं होने पर अविलम्ब निबटा जा सके।