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UP Today News: सूबे में 15 लाख से अधिक ग्रामीण जल्द पाएंगे घरौनी प्रमाण पत्र, 55 ड्रोन से हो रहा संपत्ति का सर्वे

UP Today News: 15 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र (house certificate) उपलब्ध कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश सहित देश के नौ राज्यों में ही यह योजना चल रही है।

Rajendra Kumar
Report Rajendra KumarPublished By Shweta
Published on: 23 Oct 2021 11:27 AM GMT
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सीएम योगी 

UP Today News: प्रदेश के गावों में रिहायशी संपत्तियों (आवास) का ड्रोन से सर्वे कर लोगों को उसके मालिकाना हक का दस्तावेज (ग्रामीण आवासीय अभिलेख/ घरौनी) मुहैया कराने वाली स्वामित्व योजना (Swamitva Yojana) के तहत जल्दी ही 15 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र (house certificate) उपलब्ध कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश सहित देश के नौ राज्यों में ही यह योजना चल रही है। जिसके तहत प्रदेश के 23 जिलों के 34,208 गांवों में ड्रोन से रिहायशी संपत्तियों के सर्वे का कार्य पूरा कर 15, 25,516 ग्रामीणों के आवास का घरौनी प्रमाण पत्र (Gharauni certificate) तैयार किया गया है। जल्दी ही (अगले माह) एक भव्य समारोह आयोजित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ग्रामीणों को डिजिटली घरौनी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। ग्रामीणों को घरौनी दस्तावेज मुहैया कराने के मामले में यूपी देश में सबसे आगे है। यह प्रदेश सरकार के लिए गर्व का विषय है।

गौरतलब है कि प्रदेश के ग्रामीणों को (gramin awash) उनकी आवासीय संपत्ति के दस्तावेज डिजिटल रूप में मिलें, इसके लिए प्रदेश सरकार (yogi sarkar gramin yojana) ने सूबे के करीब एक लाख गांवों की 7.65 करोड़ संपत्तियों का कंप्यूटरीकरण कराने की योजना तैयार की है। इसके तहत खेतों की खतौनी की तर्ज पर 'स्वामित्व योजना' के अंतर्गत राजस्व बोर्ड ग्रामीणों की आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक का दस्तावेज तैयार करा रहा है। बीते साल 12 अक्टूबर को स्वामित्व योजना की शुरुआत हुई थी। तब प्रधानमंत्री की मौजूदगी में सूबे के 37 जिलों के 346 गांवों के 41,431 ग्रामीणों को घरौनी दस्तावेज डिजिटली वितरित किया गया था। इसके बाद बीते 15 दिसंबर को 229 गांवों के 10041 ग्रामीणों को घरौनी (swamitva yojana up village list) का वितरण किया गया। फिर बीती 12 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथो से सूबे में 11 जिलों के 1001 गांवों के 2,09,016 ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के मालिकाना देने संबंधी ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी प्रमाण पत्र मुहैया कराए गए थे। इसके बाद अब 24 अप्रैल को फिर सूबे के 425 गांवों के 57,401 ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्तियों के दस्तावेज (ग्रामीण आवासीय अभिलेख/ घरौनी) डिजिटली वितरित किए गए। तब यूपी के झांसी, ललितपुर, महोबा, चित्रकूट, एटा, इटावा, मैनपुरी, वाराणसी, बरेली, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बागपत, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर के कई गांवों के ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्तियों के ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) उन्हें सौंपी गई थी।

स्वामित्व योजना (swamitva yojana up) के अंतर्गत दिया जाने वाला ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में गांवों का ड्रोन की मदद से डिजिटल मानचित्र तैयार किया जाएगा। डिजिटल मानचित्र के जरिये राज्य के करीब एक लाख गांवों में ग्रामीण आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) तैयार किया जाना है। अब तक 55 ड्रोन के जरिए 34,208 गांवों का सर्वे किया जा चुका है और गांवों का डिजिटल मैप बनाने का कार्य किया जा रहा है। राजस्व बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, घरौनी के माध्यम से हर गांव और गांव में बने हर घर का अभिलेख ग्रामीण प्राप्त कर सकेंगे। इस दस्तावेज के जरिए ग्रामीण बैंकों से लोन प्राप्त कर सकेंगे। अभी तक ग्रामीणों उनके मकान पर बैंक लोन नहीं देते थे, क्योंकि गांव में बने ग्रामीणों के मकान का कोई मालिकाना हक साबित करने वाला दस्तावेज उनके पास नहीं था। जिसका संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर तैयार की गई स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आबादी में बने घरों के असली मालिकों को योगी सरकार उनका मालिकाना हक दे रही है।

केंद्र सरकार की इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का कार्य किया जाना है। वर्ष 2025 तक इस महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना को पूरा किया जाना है। तय समय में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एक रोडमैप बनाकर उस पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। बीते साल पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वामित्व योजना उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में शुरू की गई थी। अब तक देश भर में 22 लाख ग्रामीण परिवारों को उनकी संपत्ति के अधिकार पत्र प्रदान किए जा चुके हैं। यह अधिकार पत्र पाने वालों में यूपी के ग्रामीण सबसे अधिक हैं। सूबे के इस योजना के तहत अब तक दो लाख 74 हजार ग्रामीणों को यह अधिकार पत्र मिल चुका है। जबकि 34,208 गांवों के 15,25,516 ग्रामीणों की संपत्ति का घरौनी प्रमाण पत्र तैयार हो गया है । जल्दी ही उसे ग्रामीणों को सौंप दिया जाएगा।

अधिकारियों का कहना है कि जिन ग्रामीणों को गांव की आवासीय संपत्ति का घरौनी दस्तावेज (Gharouni praman patra) मिल गया है, वे ग्रामीण अब बिना किसी विवाद के संपत्ति खरीद और बेच पाएंगे। गांवों में लोगों के अपने घर पर होने वाले कब्जे की आशंका समाप्त हो चुकी है। अब गांवों के ग्रामीण अपने घर की घरौनी के आधार बैंक से कर्ज लेकर अपना भविष्य बना पा रहे हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस योजना को ग्रामीणों की हितकारी योजना मानते हैं। बीती अप्रैल में मुख्यमंत्री ने स्वामित्व योजना में तमाम ग्रामीणों को उनके घर के ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) को ऑनलाइन वितरण करते हुए कहा था कि 'घरौनी' मात्र भूमि का मालिकाना हक दिलाने वाला सरकारी कागज भर नहीं है। यह लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने, आत्मसम्मान का बोध कराने और आत्मनिर्भरता की राह दिखाने का माध्यम है। ये विवाद और भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे और जरूरत पड़ने पर इनके जरिए सहजतापूर्वक लोन भी लिया जा सकेगा।

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