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NCRB के चौंकाने वाले आंकड़ेः महिलाओं से दुर्व्यवहार में यूपी टॉप पर, पांच साल में दुष्कर्म के 275 केस

NCRB के चौंकाने वाले आंकड़ेः एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार अपराधियों में पुलिसकर्मी, लोक सेवक, सशस्त्र बलों के सदस्य के अलावा जेलों, सुधार गृहों एवं अस्पतालों के कर्मचारी भी शामिल हैं।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 25 Feb 2024 6:36 PM IST (Updated on: 25 Feb 2024 6:38 PM IST)
Shocking figures of NCRB: UP tops in misbehavior with women, 275 cases of rape in five years
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NCRB के चौंकाने वाले आंकड़ेः महिलाओं से दुर्व्यवहार में यूपी टॉप पर, पांच साल में दुष्कर्म के 275 केस: Photo- Social Media

NCRB के चौंकाने वाले आंकड़ेः NCRB के चौंकाने वाले आंकड़ेः सरकार महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के चाहे लाख दावे करे पर हकीकत इससे परे ही है। आज महिलाएं और बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। यहां तक की घर मं भी नहीं। महिलाओं के प्रति अपराधों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। अपराधियों में सरकार का कोई डर नहीं रह गया है। और खौफ हो भी कैसे, जब अपराधियों को सजा देने वाले भी गुनहगार हों। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलता है कि 2017 से 2022 के बीच हिरासत में दुष्कर्म के 270 से अधिक केस दर्ज किए गए।

यह लोग होते हैं अपराधी

एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो अपराधियों में पुलिसकर्मी, लोक सेवक, सशस्त्र बलों के सदस्य के अलावा जेलों, सुधार गृहों, हिरासत स्थलों एवं अस्पतालों के कर्मचारी भी शामिल हैं। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इन घटनाओं के लिए कानून प्रवर्तन प्रणालियों में संवेदनशीलता और जवाबदेही की कमी को जिम्मेदार बताया है।

इतने मामले आए सामने

NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में 89 मामले दर्ज किए गए, जो 2018 में घटकर 60 रह गए। वहीं, 2019 में 47, 2020 में 29, 2021 में 26 और 2022 में 24 मामले सामने आए। इन आंकड़ों से यह तो साफ है कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मामलों में धीरे-धीरे कमी आई है।

यूपी नंबर वन

हिरासत में दुष्कर्म के मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) के तहत दर्ज किए जाते हैं। अगर यहां बात की जाए कि किस राज्य में महिलाओं के साथ हिरासत में सबसे ज्यादा बदसलूकी की गई है, तो उसमें उत्तर प्रदेश सबसे टॉप पर है। यहां 2017 से 2022 के बीच 92 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, इसके बाद मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा। यहां 43 मामले दर्ज कराए गए हैं।

ऐसी हालात में बनाते हैं अपना शिकार

‘पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने कहा, ‘हिरासत व्यवस्था दुर्व्यवहार के लिए ऐसे अवसर प्रदान करती है, जहां सरकारी कर्मचारी अक्सर अपनी शक्ति का इस्तेमाल यौन इच्छा पूरी करने के लिए करते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां महिलाओं को उनके संरक्षण या उनकी कमजोर स्थिति जैसे तस्करी या घरेलू हिंसा के कारण हिरासत में लिया गया और उनके साथ यौन हिंसा की गई, जो प्रशासनिक संरक्षण की आड़ में शक्ति के दुरुपयोग को दर्शाता है।



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Shashi kant gautam

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