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UP News: महिला सुरक्षा मुद्दे पर हमसब को मिलकर सोचने की जरूरत, बोले अखिलेश यादव

UP Vidhan Sabha Session 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने 22 सितंबर को प्रश्नकाल के बाद का पूरा समय महिला सदस्यों को चर्चा के लिए समर्पित करने का फैसला किया था।

Jyotsna Singh
Published on: 22 Sept 2022 5:51 PM IST
UP Vidhan sabha Season 2022 Akhilesh Yadav
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UP Vidhan sabha Season 2022 Akhilesh Yadav (image social media)

UP News Today: जब से आप अध्यक्ष जी आये हैं, बहुत बदलाव आए, बहुत चीजे बदली, कभी गैलरी सौंदर्यीकरण, विधायको को दूसरी बार टैबलेट वितरण, आपने शिकायतों को दूर कर दिया, इसके लिए धन्यवाद। मानसून सत्र के दौरान अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष ने वर्तमान सरकार की भूरी-भूरी प्रसंशा करते हुए अपनी बात सदन के समक्ष रखी। बताते चलें कि यूपी विधानसभा का महिला सदस्यों के लिए 22 सितंबर का दिन काफी खास रहा।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने 22 सितंबर को प्रश्नकाल के बाद का पूरा समय महिला सदस्यों को चर्चा के लिए समर्पित करने का फैसला किया था। जिसमें मानसून सत्र के दौरान 22 सितंबर यानी आज गुरुवार को सदन की सिर्फ महिला सदस्यों को बोलने का अवसर प्रदान किया गया। इसलिए इस दिन को विधानसभा महिला सदस्यों के लिए बेहद मायने रखता है। सदन सत्र को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के कहा कि आज महिलाओं के लिए सदन रखा,आज ऐसा लगा कि नेता सदन बहुत कुछ जानते हैं।

महिलाओं ,नारी शक्ति ने आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया,झांसी की रानी,बेगम हजरत महल,कस्तूरबा बाई,अहिल्याबाई होल्कर, अवंती बाई...कैप्टन लक्ष्मी सहगल,झलकारी बाई, कई ऐसे नाम हैं। देश में पहली महिला मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश से ही बनीं,सुचेता कृपलानी, पहली गवर्नर भी उत्तरप्रदेश ने दिया सरोजिनी नायडू। आज इस विधानसभा में 47 महिला विधायक हैं, आगे हमारा प्रयास हो कि ज्यादा से ज्यादा मौका महिलाओं को दिया जाय।

इस अवसर पर हमें डॉक्टर लोहिया को याद करना है, जो नर नारी की समानता की बात करते थे। आज महिलाओं के बारे में चर्चा करें तो बहुत समय बीत जाएगा, महिलाओं के साथ जो हो रहा है,वो सभ्य समाज का हिस्सा नही हो सकता। आज सरकार का विरोध नही कर रहा हूँ,कुछ ऐसी जगहें है जहां के नाम ले लें,तो घटना याद आ जाती है,हाथरस जैसी घटना एक बड़ा सवाल है..!! ऐसा नही है कि मैं सरकार पर सवाल उठा रहा हूँ,हमारी भी सरकार में बहुत सी घटनाएं हुई हैं,हमको इस के बारे में मिलकर सोचना होगा l

आज हम समाज,सरकार मिलकर सोचें तो हम एक अच्छे परिणाम तक पहुंच का सकते हैं। आज का दिन ऐसा है कि सरकार को नाराज़ नही करना है,घटनाओं चर्चा नही करेंगे,लेकिन जब घटना अखबारों, टीवी पर चल जाये तो सोचना हमारी मजबूरी है, मुरादाबाद जैसी घटना जिसमे एक बेटी को बिना कपड़े के सड़क पर चलना पड़ा,ये हमको सोचना है। मेरा सरकार को सुझाव हैं, समाजवादी सरकार में स्थापित महिला हेल्पलाइन 1090 को हाईटेक किया जाय,व्हाट्सएप, ईमेल से शिकायत दर्ज करवाने की सुविधा दी जाए।

एम्बुलेंस के क्विक रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाय। समाजवादी सरकार के कन्या विद्याधन योजना के आधार पर अब आप दूसरी तरह से मदद कर रहे हैं,सुझाव है कि बालिकाओं के स्कूल ड्राप आउट को कम किया जाए।



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Prashant Dixit

Prashant Dixit

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