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पेपरलेस वर्क को बढ़ावा: योगी के मंत्री होंगे हाईटेक, सबको मिलेगा टैबलेट

सचिवालय समेत सभी सरकारी विभागों में पेपरलेस वर्क को बढावा देने के लिए ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लागू हो जाने से मंत्रिपरिषद की कार्यवाही पेपरलेस हो जाएगी। साथ ही ई-गवर्नेन्स और ई-ऑफिस की व्यवस्था के और प्रभावी हो सकेगी।

Ashiki
Published on: 2 Feb 2021 2:42 PM GMT
पेपरलेस वर्क को बढ़ावा: योगी के मंत्री होंगे हाईटेक, सबको मिलेगा टैबलेट
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पेपरलेस वर्क को बढ़ावा: योगी के मंत्री होंगे हाईटेक, सबको मिलेगा टेबलेट

लखनऊ: सचिवालय समेत सभी सरकारी विभागों में पेपरलेस वर्क को बढावा देने के लिए ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लागू हो जाने से मंत्रिपरिषद की कार्यवाही पेपरलेस हो जाएगी। साथ ही ई-गवर्नेन्स और ई-ऑफिस की व्यवस्था के और प्रभावी हो सकेगी। इससे मंत्रियों को बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं पड़ेगा।

CM आवास पर हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

पेपरलेस वर्क को लेकर आज मुख्यमंत्री आवास पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान मण्डल सत्र से पहले सभी सदस्यों को भी टैबलेट उपलब्ध कराये जाएं। टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए विधायक के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद एवं विधान मण्डल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुड़ने से नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनता हुआ दिखायी देगा।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही ये बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आधुनिक तकनीक विभिन्न कार्यों के शीघ्र एवं पारदर्शी सम्पादन में अत्यन्त सहायक है। राज्य सरकार ई-ऑफिस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। ई-ऑफिस से शासकीय कार्यों के सम्पादन में सुगमता, तेजी और पारदर्शिता आती है। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक को ई-कैबिनेट माध्यम से सम्पन्न कराने के लिए मंत्रिपरिषद के सदस्यों को गहन प्रशिक्षण प्रषिक्षण कराने के बाद समय लेकर उनके घर व कार्यालय में भी ई-कैबिनेट के सम्बन्ध में प्रशिक्षित कराया जाए। मंत्रियों को ई-कैबिनेट के सिक्योरिटी फीचर्स के सम्बन्ध में जानकारी देकर अभ्यास कराया जाए।

बजट को भी पेपरलेस किये जाने के प्रयास

ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू किये जाने के लिए मंत्रिपरिषद के सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ई-कैबिनेट व्यवस्था से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प ‘मिनिमम गवर्नमेण्ट, मैक्सिमम गवर्नेन्स’ के अनुरूप कार्यों को सम्पादित करने में सुगमता व तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट की तरह राज्य के बजट को भी पेपरलेस किये जाने के प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक से कोरोना काल खण्ड में सभी जरूरतमन्दों को सुविधाएं सुलभ कराने में शासन को बहुत आसानी हुई। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने जनधन योजना लागू की। डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित करने में यह व्यवस्था अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई। इसके माध्यम से मात्र एक क्लिक से करोड़ों लोगों के खाते में आर्थिक सहायता राशि का तेजी और पारदर्शिता से अन्तरण सम्भव हुआ।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में धनराशि भेजकर लाभान्वित किया। 87 लाख परिवारों को कोरोना काल खण्ड में पेंशन राशि उपलब्ध कराने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। उन्होंने कहा कि विगत दिनों लखनऊ आये केन्द्रीय खाद्य सचिव ने उन्हें अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली से सन्तुष्टि का स्तर 96 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है।

श्रीधर अग्निहोत्री

Ashiki

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