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UP Bureaucracy: बड़े पैमाने पर अफसरों के तबादले की कवायद, इन पर रहेगी खास नजर
Transfer In UP Bureaucracy: यूपी में विधान परिषद के 36 सीटों के लिए हुए चुनाव की आचार संहिता मंगलवार, 12 अप्रैल को खत्म हो रही है।
UP Bureaucracy: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार दोबारा सत्ता में वापसी कर। नई सरकार के मंत्रिमंडल में जहां कई नए चेहरों को मौका मिला, वहीं कई स्तरों पर भी बदलाव और फेरबदल की कवायद तेज है। खबर आ रही है, कि योगी 2.0 गठन के बाद अब अगला बदलाव नौकरशाही (Bureaucracy) में देखने को मिल सकता है।
दरअसल, यूपी में विधान परिषद के 36 सीटों के लिए हुए चुनाव की आचार संहिता (Code of conduct) मंगलवार, 12 अप्रैल को खत्म हो रही है। आचार संहिता हटने के बाद फेरबदल की कवायद तेज हो सकेगी। इसी को लेकर नीचे से ऊपर तक प्रशासनिक अमले में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की ख़बरों को बल मिल रहा है।
यूपी में बड़े पैमाने पर IAS-IPS-PCS की है पोस्टिंग
जानकार बता रहे हैं, कि संभव है कि जल्द ही जिलों के डीएम-एसपी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक बड़ा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिल सकता है। सूत्र बताते हैं कि इन अधिकारियों के तबादले रोडमैप भी तैयार किया जा चुका है। इंतजार है तो बस आचार संहिता हटने का। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार में बड़े पैमाने पर आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), पीसीएस (PCS) सहित अन्य अफसरों की तैनाती है। ऐसे में अगर तबादले होते हैं तो अफसरों की फेहरिस्त काफी लंबी होगी।
कई लंबे समय से एक ही जगह जमे हैं
माना जा रहा है, कि योगी सरकार के निशाने पर उन अफसरों की सूची पहले होगी जिनकी सरकार के प्रति निष्ठा पर सवाल उठते रहे हैं। बताया जाता है, कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले से कई ऐसे अधिकारियों के नाम सामने आए थे जिनकी निष्ठा पर सवाल उठते रहे। सूत्र बताते हैं हैं उनकी रिपोर्ट भी योगी सरकार के पास है। हालांकि, यूपी में नौकरशाही में बदलाव लंबे समय से नहीं हुआ है। इस वजह से कई अफसर लंबे समय से एक ही स्थान या विभाग में जमे हुए हैं। सबसे पहले उन अधिकारियों को इधर से उधर किया जाएगा।
फिर सचिवों की बारी
खबर आ रही है कि जिले के जिलाधिकारियों (DM), पुलिस अधीक्षक (SP) से लेकर कमिश्नर स्तर पर ये तबादले हो सकते हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इसके बाद बारी आएगी सचिव के स्तर पर बदलाव की। इसके लिए संभव है कि आने वाले दिनों में कई विभागों के सचिव भी बदले जा सकते हैं। सबसे पहले तबादले की गाज उन सचिवों पर गिर सकती है, जिनके एक ही विभाग में 3 साल या उससे अधिक समय पूरे हो चुके हैं।